तबलीगी जमात पर खुफिया सूत्रों ने ये जानकारी दी है. (सांकेतिक तस्वीर)
नई दिल्ली. कई देशों में धर्म प्रचार के काम से जुड़ा सुन्नी इस्लामिक संगठन तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) देश और दुनिया के लिए बड़ा खतरा (Threat) है. यह बात सीएनएन-न्यूज़18 को खुफिया सूत्रों (Intel Sources) ने बताई है. सूत्रों का कहना है कि ये संगठन जिहादी आइडियोलॉग अबु-मुसाब अल-सूरी (Abu Musab al-Suri) के विचारों का प्रतिनिधितित्व करता है और इसका लक्ष्य दुनिया में आदर्श जिहादी नेटवर्क बनने का है.
तबलीगी जमात नेतृत्वविहीन स्वायत्त मूवमेंट है जो पूरी दुनिया में इस्लामिक व्यवस्था (Global Islamic Order) तैयार करना चाहता है. अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठन का बीते सालों के आतंकविरोधी अभियान के कारण प्रभाव कमजोर हुआ है लेकिन तबलीगी जमात पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.
आतंकवादी संगठनों के लिए रिक्रूटमेंट में सहयोग करता है
ये संगठन इस वक्त भी इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठनों के लिए रिक्रूटमेंट में सहयोग करता है. सूत्रों का कहना है कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जमात अपने सदस्यों को वैचारिक तौर पर तैयार करता है. सूत्रों के मुताबिक ये संगठन फिलिपिन्स में मारावी जैसे एंटी-स्टेट संगठन को हमले में मदद कर रहा है. तबलीगी जमात रूस समेत दुनिया के कई देशों में बैन किया जा चुका है. सलाफी संगठनों के साथ मिलकर जमात दुनियाभर के करीब 200 देशों में अपना नेटवर्क चला रहा है.
ये संगठन लो प्रोफाइल रहकर अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए काम करता है
खुफिया सूत्रों के मुताबिक दुनिया में जिहाद की अगली लहर के लिए जमात दुनिया में सबसे ज्यादा सदस्यों का वाला संगठन है. ये संगठन लो प्रोफाइल रहकर अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए काम करता है.
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औचित्यविहीन दिखता है केंद्रीय नेतृत्व, लेकिन क्या है सच्चाई?
तबलीगी जमात मुख्य रूप से पूरे इस्लामिक वर्ल्ड में छोटे-छोटे स्वायत्त समूहों में बंटा हुआ है. इन समूहों का आपस में कनेक्शन बहुत कम होता है. इन समूहों के सामान्य कामकाज के लिए केंद्रीय नेृतृत्व बिल्कुल औचित्यविहीन है. ये समूह अल सूरी जिहादी ग्रुप से मिलता-जुलता है. सूरी ग्रुप का कोई स्ट्रक्चर नहीं है.
मदरसों से अनौपचारिक संबंधों के आधार पर जमात अपने मिशन के लिए काम करता है. कई मस्जिद और मरकज सेंटर हैं जिनका हेड कोई अमीर या नेता होता है. इस पद पर नियुक्ति आपसी बातचीत के आधार पर की जाती है. यही यूनिट आसपास में मौजूद अन्य मस्जिदों और पढ़ाई के केंद्रों की जिम्मेदारी देखते हैं.
जमात को मिलता है स्ट्रक्चर का फायदा
इस तरह के स्ट्रक्चर का फायदा जमात को मिलता है. सूत्रों का कहना है कि जमात के स्ट्रक्चर के कारण ही इसकी जांच करना एक मुश्किल काम है. केंद्रीय नेतृत्व के लिए आसान हो जाता है कि गुपचुप तरीके से काम होने दे और जरूरत पड़ने पर आतंकी तत्वों के बारे में अनभिज्ञता जाहिर कर दे.
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Tags: Tablighi Jamaat, Terrorism