भारतीय नौसेना तटों की रक्षा के लिये व्यापक सैन्य अभ्यास आज से

यह भारत का सबसे बड़ा तटीय रक्षा अभ्यास होगा. इसमें सभी 13 तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ अन्य समुद्री हितधारक शामिल होंगे. (प्रतीकात्मक तस्वीर) साभार- SpokespersonNavy Twitter)
Extensive Military Exercises: अभ्यास नौसेना मुख्यालयों, पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय, पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय, दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालय और अंडमान-निकोबार कमान के तत्वाधान में किया जाएगा. इसमें नौसेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय तट रक्षक, सीमा सुरक्षा बल, पुलिस, राजस्व, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल समेत अन्य हिस्सा लेंगे.
- News18Hindi
- Last Updated: January 12, 2021, 5:47 AM IST
नई दिल्ली. समुद्र के रास्ते देश में दस्तक देने वाले किसी भी खतरे से निपटने के लिए भारतीय नौसेना (Indian Navy) और भारतीय तटरक्षक मंगलवार और बुधवार को ‘सी विजिल’ (Sea Vigil) अभ्यास संचालित करेंगे. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापक स्तर पर संचालित अभ्यास का यह दूसरा संस्करण है. पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय के कमान तटीय रक्षा अधिकारी कैप्टन अजय यादव ने बताया कि देश में तटीय सुरक्षा की मजबूती से संबंधित हर पहलुओं की समीक्षा इसके जरिए की जाएगी और इसमें इस क्षेत्र से जुड़े सभी भागीदार हिस्सा लेंगे.
भारतीय नौसेना नौवहन सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत बनाने के लिये मंगलवार से समुद्र के तटवर्ती क्षेत्र से जुड़े 13 तटीय राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश से लगी भारत की 7516 किलोमीटर लंबी तटरेखा पर दो दिवसीय सैन्य अभ्यास करेगी. अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास में कई एजेंसियां शामिल होंगी. यह अभ्यास नौसेना मुख्यालयों, पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय, पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय, दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालय और अंडमान-निकोबार कमान के तत्वाधान में किया जाएगा. इसमें नौसेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय तट रक्षक, सीमा सुरक्षा बल, पुलिस, राजस्व, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल समेत अन्य हिस्सा लेंगे. इस अभ्यास में तकनीकी ढांचों का व्यापक इस्तेमाल होगा और किसी भी खतरे की पूर्व चेतावनी को लेकर ‘आंख और कान’ कहे जाने वाले मछुआरा समुदाय की प्रभावशीलता की भी समीक्षा होगी.
2009 से अब तक 240 अभियान किये जा चुके हैं संचालित
यादव ने बताया कि अंतरिक्ष आधारित स्वत: सूचना प्रणाली (एआईएस) को जहाजों पर लगाया गया है ताकि वास्तविक समय में सूचना प्रबंधन व विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) गुरुग्राम द्वारा निगरानी की जा सके. तटीय सुरक्षा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा के लिए वर्ष 2009 से अभियान सागर कवच संचालित किया जा रहा है और अब तक कम से कम 240 अभियान संचालित किए जा चुके हैं.भारतीय नौसेना ने कहा, “बड़े भौगोलिक क्षेत्र, संबंधित लोगों की ज्यादा संख्या, अभ्यास में शामिल होने वाले भागीदारों व इकाइयों की संख्या तथा उद्देश्य के लिहाज से इस अभ्यास का दायरा काफी बड़ा है.” उसने कहा, “यह अभ्यास उच्च स्तर पर समुद्री क्षेत्र में हमारी ताकत व कमजोरियों का वास्तविक आकलन उपलब्ध कराएगा और इसलिये नौवहन व राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने में मददगार होगा.”

अधिकारियों ने कहा कि इस सी-विजिल अभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना अच्छी खासी संख्या में अपने पोतों व अन्य संसाधनों की तैनाती करेगी.
भारतीय नौसेना नौवहन सुरक्षा और निगरानी को और मजबूत बनाने के लिये मंगलवार से समुद्र के तटवर्ती क्षेत्र से जुड़े 13 तटीय राज्यों व केंद्र शासित प्रदेश से लगी भारत की 7516 किलोमीटर लंबी तटरेखा पर दो दिवसीय सैन्य अभ्यास करेगी. अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास में कई एजेंसियां शामिल होंगी. यह अभ्यास नौसेना मुख्यालयों, पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय, पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय, दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालय और अंडमान-निकोबार कमान के तत्वाधान में किया जाएगा. इसमें नौसेना, भारतीय वायु सेना, भारतीय तट रक्षक, सीमा सुरक्षा बल, पुलिस, राजस्व, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल समेत अन्य हिस्सा लेंगे. इस अभ्यास में तकनीकी ढांचों का व्यापक इस्तेमाल होगा और किसी भी खतरे की पूर्व चेतावनी को लेकर ‘आंख और कान’ कहे जाने वाले मछुआरा समुदाय की प्रभावशीलता की भी समीक्षा होगी.
2009 से अब तक 240 अभियान किये जा चुके हैं संचालित
यादव ने बताया कि अंतरिक्ष आधारित स्वत: सूचना प्रणाली (एआईएस) को जहाजों पर लगाया गया है ताकि वास्तविक समय में सूचना प्रबंधन व विश्लेषण केंद्र (आईएमएसी) गुरुग्राम द्वारा निगरानी की जा सके. तटीय सुरक्षा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा के लिए वर्ष 2009 से अभियान सागर कवच संचालित किया जा रहा है और अब तक कम से कम 240 अभियान संचालित किए जा चुके हैं.भारतीय नौसेना ने कहा, “बड़े भौगोलिक क्षेत्र, संबंधित लोगों की ज्यादा संख्या, अभ्यास में शामिल होने वाले भागीदारों व इकाइयों की संख्या तथा उद्देश्य के लिहाज से इस अभ्यास का दायरा काफी बड़ा है.” उसने कहा, “यह अभ्यास उच्च स्तर पर समुद्री क्षेत्र में हमारी ताकत व कमजोरियों का वास्तविक आकलन उपलब्ध कराएगा और इसलिये नौवहन व राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने में मददगार होगा.”
अधिकारियों ने कहा कि इस सी-विजिल अभ्यास के दौरान भारतीय नौसेना अच्छी खासी संख्या में अपने पोतों व अन्य संसाधनों की तैनाती करेगी.