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Fact Check: 'चोली के पीछे' गाने पर दूल्‍हे ने किया डांस तो क्‍या सच में टूट गई शादी? जी नहीं...ऐसा बिल्‍कुल नहीं है

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Fact Check News: पिछले दिनों एक खबर काफी वायरल हुई थी. 'चोली के पीछे' गाने पर दूल्‍हा डांस करने लगा. इससे दुल्‍हन के पिता इस कदर नाराज हुए कि उन्‍होंने शादी ही तोड़ दी, पर सही नहीं थी.

Fact Check: 'चोली के पीछे' गाने पर दूल्‍हे के डांस से सच में टूट गई शादी?'चोली के पीछे' गाने पर डांस करने की वजह से शादी नहीं टूटी थी.
दावा: दिल्‍ली में एक वैवाहिक समारोह में दूल्‍हा बॉलीवुड गाने ‘चोली के पीछे’ पर डांस करने लगा. दुल्‍हन के पिता को यह इस हद तक नागवार गुजरा कि उन्‍होंने शादी ही तोड़ दी.

सच्‍चाई: रिपोर्ट फर्जी है और किसी भी वास्तविक घटना का वर्णन नहीं करती है. यह जानकारी अमेज़ॅन द्वारा अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर को बढ़ावा देने के लिए ‘द पायनियर’ अखबार में एक व्यंग्यपूर्ण विज्ञापन से ली गई थी.
एक वायरल कहानी जिसमें दावा किया गया है कि दूल्हे के बॉलीवुड गाने ‘चोली के पीछे’ पर परफॉर्म करने के बाद दुल्हन के पिता ने दिल्ली में शादी रद्द कर दी, यह फर्जी है और कहीं भी ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है. बूम ने पाया कि फर्जी कहानी एमेज़ॉन के स्वामित्व वाले स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर के एक विज्ञापन के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई थी. यह एक अखबार में छपा और तेजी से वायरल हो गया. मीडिया आउटलेट्स ने इस घटना को वास्तविक बताकर गलत रिपोर्ट दी. टाइम्स ऑफ इंडिया, द इंडियन एक्सप्रेस, द इकोनॉमिक टाइम्स, मिंट, नवभारत टाइम्स, एनडीटीवी, रिपब्लिक, डेक्कन हेराल्ड, टाइम्स नाउ, इंडिया टीवी, हिंदुस्तान टाइम्स, डेक्कन क्रॉनिकल, एबीपी लाइव, मातृभूमि, वन इंडिया, न्यूज9 लाइव, गुजरात समाचार और डीएनए और कई अन्य क्षेत्रीय मीडिया आउटलेट्स ने यह दावा करते हुए गलत खबर दी कि यह दिल्ली की एक वास्तविक घटना थी.
फैक्‍ट चेक स्‍टोरी

गलत खबरों के अलावा अखबार में छपी स्‍टोरी की तस्वीर भी वायरल है. तस्वीर में कहानी का शीर्षक है- ‘दूल्हा अपने मेहमानों के मनोरंजन के लिए ‘चोली के पीछे’ पर डांस करता है. दुल्हन के पिता ने शादी रद्द कर दी.’ लाल रंग में हाइलाइट किया गया और उसके बगल में अमेजॉन के एमएक्स प्लेयर का विज्ञापन दिखाई दे रहा है. स्‍टोरी में यह दावा किया गया है कि चोली के पीछे गाने पर डांस करने पर दूल्हे के पिता गुस्से में थे और मानते थे कि यह परिवार की परंपरा के खिलाफ है. इसमें कहा गया है कि दूल्हा और दुल्हन की रजामंदी के बावजूद शादी रद्द कर दी गई.
फैक्‍ट चेक स्‍टोरी
फैक्‍ट चेक
बूम ने पाया कि यह घटना सच नहीं है और सबसे पहले अखबारों में अमेज़न के एमएक्स प्लेयर के विज्ञापन के रूप में छपी है. हमने समाचार रिपोर्टों में स्रोत के रूप में उद्धृत की जा रही वायरल इमेज का विश्लेषण किया और पाया कि यह ‘द पायनियर’ अखबार के दिल्ली संस्करण की तस्वीर थी. फिर हमने दैनिक के ई-पेपर को देखा और पाया कि इसे 30 जनवरी 2025 को अखबार द्वारा प्रकाशित किया गया था. वायरल इमेज में देखी गई अन्य समाचार कहानियों के हिस्से ‘द पायनियर’ के 30 जनवरी संस्करण के पेज 3 पर प्रकाशित समाचारों से मेल खाते हैं. इसे नीचे देखा जा सकता है:
फैक्‍ट चेक स्‍टोरी

हमने वायरल कहानी और उसी पेज पर प्रकाशित अन्य समाचारों के प्रारूप और शैली में भी विसंगतियां देखीं.
1. कहानी में कोई बायलाइन नहीं
हमने देखा कि अन्य रिपोर्टों के विपरीत, रिपोर्ट में कोई बायलाइन नहीं है. बाइलाइन उस पत्रकार, लेखक या मीडिया आउटलेट का नाम है जिसने प्रकाशित समाचार की सूचना दी है, जो आम तौर पर समाचार पत्रों में शीर्षक के नीचे दिखाई देता है. हमने कहानी की तुलना ‘द पायनियर’ के उसी संस्करण के लेखों से की, जबकि अन्य कहानियों में ‘स्टाफ रिपोर्टर’ या ‘पायनियर न्यूज सर्विस’ के लिए बायलाइन थी, इस खबर में ऐसी कोई बायलाइन नहीं थी.
फैक्‍ट चेक स्‍टोरी.

2. फॉन्‍ट में अंतर
फिर हमने अखबार में फर्जी कहानी की फॉन्‍ट शैली की तुलना ‘द पायनियर’ द्वारा प्रकाशित अन्य रिपोर्टों से की और फर्जी कहानी के शीर्षक में एक अवधि जोड़ने सहित काफी अंतर पाया. हमने यह भी देखा कि नकली कहानी, ‘दूल्हा अपने मेहमानों का मनोरंजन करने के लिए ‘चोली के पीछे’ पर नृत्य करता है. दुल्हन के पिता ने शादी रद्द कर दी,’ अमेज़न एमएक्स प्लेयर के विज्ञापन के समान बॉक्स में रखी गई है. अन्य कहानियां इस बॉक्स के ऊपर दिखाई देती हैं जैसा कि नीचे देखा जा सकता है.
3. संपादकीय शैली में अंतर
हमने यह भी देखा कि फर्जी कहानी में अखबार की अन्य समाचार रिपोर्टों की तरह समान लेखन शैली का उपयोग नहीं किया गया है. उदाहरण के लिए ‘द पायनियर’ की अन्य कहानियों के विपरीत फेक स्‍टोरी में तारीख 18 जनवरी लिखी गई है.
फिर हमने दिल्ली में ‘द पायनियर’ के विज्ञापन और बिक्री प्रमुख बरुण कुमार चौधरी से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि यह एक विज्ञापन था. चौधरी ने बूम को बताया, ‘यह वास्तविक खबर नहीं है, बल्कि एक विज्ञापन है. यह अमेजन के ओटीटी प्लेटफॉर्म एमएक्स प्लेयर के विज्ञापन का हिस्सा है.’ उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि अखबार को एक प्रचार फीचर के रूप में फर्जी कहानी को उजागर करने वाला एक अस्वीकरण जोड़ना चाहिए था.
This story was originally published by boomlive.in and translated by hindi.news18.com as part of the Shakti Collective.
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