Farmer Protest : संसद का वीडियो शेयर कर संजय सिंह बोले- किसानों को आतंकवादी कहना बंद करो

केंद्र सरकार द्वारा मानसून सत्र में पास किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध हुआ. संसद में उस वक्त विरोध किया गया जब एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे थे.
केंद्र सरकार द्वारा मानसून सत्र में पास किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध हुआ. संसद में उस वक्त विरोध किया गया जब एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां पहुंचे थे.
- News18Hindi
- Last Updated: December 25, 2020, 12:38 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा मानसून सत्र में पास किए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध हो रहा है. संसद में उस वक्त विरोध किया गया जब एक कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) वहां पहुंचे थे.
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) से राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) और लोकसभा सांसद भगवंत मान (Bhagwant Maan) तख्ती लेकर विरोध करने लगे. इस दौरान सदन में लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मौजूद थे.
आप नेता सिंह और मान लगातार नारे लगा रहे थे. दोनों नेता लगातार - 'किसान विरोधी काला कानून वापस लो, एमएसपी की गारंटी दो. पूंजीपतियों के लिए बनाए गए काले कानून को वापस लो' कह रहे थे.' राज्यसभा सांसद सिंह ने इस दौरान कहा 'किसानों को आतंकवादी कहना बंद करो.'
दूसरी ओर संगरूर से लोकसभा सांसद मान ने कहा 'प्रधानमंत्री जी लाखों किसान ठंड में ठिठुर रहे हैं. अन्नदाता मर रह हैं सर. तीनों कानून वापस ले लीजिए.'
सरकार ने वार्ता का नया प्रस्ताव भेजा, यूनियनों ने कहा-कानून वापस लेने की बात एजेंडे में शामिल हो
वहीं केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारी किसानों को रुकी हुई वार्ता फिर से शुरू करने का प्रस्ताव भेजकर उनसे नए कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार कोई तिथि तय करने के लिए कहा. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को संबोधित करेंगे.
हालांकि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत के इच्छुक नहीं हैं. साथ ही, किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता बहाल करने के लिए एजेंडे में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को भी शामिल करने को कहा.

केंद्र के पत्र पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के शुक्रवार को बैठक करने और इसका औपचारिक जवाब देने की संभावना है. दिल्ली के तीन प्रवेश स्थानों-सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बार्डर- पर पिछले 28 दिनों से इस मोर्चे के बैनर तले 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) से राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) और लोकसभा सांसद भगवंत मान (Bhagwant Maan) तख्ती लेकर विरोध करने लगे. इस दौरान सदन में लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी मौजूद थे.
आप नेता सिंह और मान लगातार नारे लगा रहे थे. दोनों नेता लगातार - 'किसान विरोधी काला कानून वापस लो, एमएसपी की गारंटी दो. पूंजीपतियों के लिए बनाए गए काले कानून को वापस लो' कह रहे थे.' राज्यसभा सांसद सिंह ने इस दौरान कहा 'किसानों को आतंकवादी कहना बंद करो.'
बहरे कानो को सुनाने के लिये तानाशाह सरकार को जगाने के लिये संसद में प्रधानमंत्री के सामने किसानो के हक़ में हंगामा “किसान विरोधी काला क़ानून वापस लो” अन्नदाताओं को आतंकवादी कहना बंद करो। pic.twitter.com/X8MF2pxnad
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 25, 2020
दूसरी ओर संगरूर से लोकसभा सांसद मान ने कहा 'प्रधानमंत्री जी लाखों किसान ठंड में ठिठुर रहे हैं. अन्नदाता मर रह हैं सर. तीनों कानून वापस ले लीजिए.'
सरकार ने वार्ता का नया प्रस्ताव भेजा, यूनियनों ने कहा-कानून वापस लेने की बात एजेंडे में शामिल हो
वहीं केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारी किसानों को रुकी हुई वार्ता फिर से शुरू करने का प्रस्ताव भेजकर उनसे नए कृषि कानूनों को लेकर बने गतिरोध को खत्म करने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार कोई तिथि तय करने के लिए कहा. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान किसानों को संबोधित करेंगे.
हालांकि आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि वार्ता के लिए सरकार का नया पत्र कुछ और नहीं, बल्कि किसानों के बारे में एक दुष्प्रचार है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि वे बातचीत के इच्छुक नहीं हैं. साथ ही, किसान संगठनों ने सरकार से वार्ता बहाल करने के लिए एजेंडे में तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने को भी शामिल करने को कहा.
केंद्र के पत्र पर चर्चा करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के शुक्रवार को बैठक करने और इसका औपचारिक जवाब देने की संभावना है. दिल्ली के तीन प्रवेश स्थानों-सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बार्डर- पर पिछले 28 दिनों से इस मोर्चे के बैनर तले 40 किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं.