किसानों की मांग-कानूनों को वापस लेने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए सरकार

किसानों की मांग है कि सरकार कानूनों को वापस लेने के लिए विशेष संसदीय सत्र बुलाए (File Photo)
Farmer Protest: कृषि कानूनों को विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने मांग की है कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर कानूनों को वापस ले. इसके अलावा किसानों ने 5 दिसंबर को देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 2, 2020, 9:12 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) बुधवार को भी जारी है. किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस लेने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत करे. क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विशेष संसदीय सत्र बुलाए. दर्शन पाल ने कहा कि हमने भारतीय किसान यूनियन के नरेश सिंह टिकैत से भी बातचीत की है, उन्होंने कहा है कि वो हमारे साथ हैं. हम इस संघर्ष में साथ हैं. पाल ने आगे कहा कि हमने देश भर में विरोध स्वरूप 5 दिसंबर को मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करने और पुतले जलाने का आह्वान किया है.
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के एक धड़े ने सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार ने इन कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाएं दूर नहीं की तो संगठन से जुड़े किसान प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करेंगे. भारतीय किसान यूनियन (राधे गुट) के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा गया.
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किसान बोले किसानों से पूछे बगैर पास किए गए बिलयूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे लाल यादव ने दावा किया कि सरकार ने किसानों से पूछे बगैर खेती से जुड़े तीन ऐसे कानून संसद में पारित करा दिए जिनसे किसानों पर ही सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. हम सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर इन कानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं और आशंकाओं को दूर नहीं किया तो हमारी यूनियन से जुड़े किसान दिल्ली जाकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे.
यादव ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाएं दूर करने में नाकाम साबित हो रही है. मंगलवार को ही किसान नेताओं की केंद्र सरकार से इन्हीं कानूनों को लेकर बातचीत हुई थी जो विफल रही. उन्होंने पूछा, आखिर क्या कारण है कि सरकार किसानों को संतुष्ट नहीं कर पा रही है? किसान नेता ने कहा कि सरकार ने जिस हड़बड़ी में इन नए कृषि कानूनों को संसद में पारित कराया उससे उसकी नीयत पर संदेह पैदा होता है.
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के एक धड़े ने सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हुए बुधवार को कहा कि सरकार ने इन कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाएं दूर नहीं की तो संगठन से जुड़े किसान प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करेंगे. भारतीय किसान यूनियन (राधे गुट) के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी को सौंपा गया.
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किसान बोले किसानों से पूछे बगैर पास किए गए बिलयूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे लाल यादव ने दावा किया कि सरकार ने किसानों से पूछे बगैर खेती से जुड़े तीन ऐसे कानून संसद में पारित करा दिए जिनसे किसानों पर ही सबसे ज्यादा असर पड़ेगा. हम सरकार को इन कानूनों पर खुली बहस की चुनौती देते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर इन कानूनों को लेकर किसानों की चिंताओं और आशंकाओं को दूर नहीं किया तो हमारी यूनियन से जुड़े किसान दिल्ली जाकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे.
यादव ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों की आशंकाएं दूर करने में नाकाम साबित हो रही है. मंगलवार को ही किसान नेताओं की केंद्र सरकार से इन्हीं कानूनों को लेकर बातचीत हुई थी जो विफल रही. उन्होंने पूछा, आखिर क्या कारण है कि सरकार किसानों को संतुष्ट नहीं कर पा रही है? किसान नेता ने कहा कि सरकार ने जिस हड़बड़ी में इन नए कृषि कानूनों को संसद में पारित कराया उससे उसकी नीयत पर संदेह पैदा होता है.