Farmers Agitation: किसानों ने दी दिल्ली के हाइवे जाम करने की चेतावनी, जरूरी चीजों के दाम बढ़ने की आशंका

Farmers Protest: किसान यूनियन ने बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है और जंतर-मंतर में धरना देने की अनुमति मांगी है.
Farmers Agitation: किसान नेताओं ने कहा, 'हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाइवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाइवे, गाजियाबाद से आने वाला हाइवे जाम करेंगे. 5 प्वाइंट पर हम धरना देंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे.'
- News18Hindi
- Last Updated: December 1, 2020, 8:54 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (New Agriculture Law 2020) के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और यूपी के किसानों का महासंग्राम (Farmers Agitation) जारी है. दिल्ली में किसान प्रदर्शन (Farmers Protest) पर अड़े हुए हैं. अब इन किसानों ने बड़ा ऐलान किया है. किसान नेताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी सभी मांगें नहीं मानी गईं, तो दिल्ली के मुख्य राजमार्ग (Highways) जाम करके आवाजाही पूरी तरह से बंद कर देंगे. गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाली हाइवे को ब्लॉक करने की चेतावनी से सरकार और दिल्ली पुलिस महकमे में खलबली मच गई है. सरकार की तरफ से किसानों को एक बार फिर से बातचीत का प्रस्ताव भेजा है.
किसान पिछले 4 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और उनकी मांग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की है. किसान यूनियन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव हम नामंजूर करते हैं. हम बिना शर्त सरकार से बातचीत चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बुराड़ी ओपन जेल की तरह है और वो आंदोलन की जगह नहीं है. हमारे पास पर्याप्त राशन है और 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं. भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि दिल्ली आने वाली पांच सड़कों को हम जाम कर देंगे. हम 5 प्वाइंट पर धरना देंगे. किसानों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने से मना कर दिया तो देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल बैठक हुई जो करीब 2 घंटे तक चली.
अमित शाह बोले-मैंने कभी नहीं कहा कि किसानों का प्रदर्शन राजनीतिक है, ना कभी ऐसा कहूंगा
किसानों ने किए तीन बड़े ऐलान
>>बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: किसान यूनियन ने बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है और जंतर-मंतर में धरना देने की अनुमति मांगी है. सरकार ने यह शर्त रखी थी कि किसान हाइवे खाली कर बुराड़ी जाएं. किसान नेताओं का कहना है कि ये शर्त अपमानजनक है. किसान बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है.
>>5 प्वाइंट से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी: किसान अब 5 प्वाइंट से करेंगे दिल्ली का घेराव करेंगे. किसान नेताओं ने कहा, 'हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाइवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाइवे, गाजियाबाद से आने वाला हाइवे जाम करेंगे. 5 प्वाइंट पर हम धरना देंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे. हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं.'
>> हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा: किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है. किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है. कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे. इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी.
सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव
यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों को जल्दी बातचीत के लिए दिल्ली के बुराड़ी बुलाया था. उन्होंने बताया कि जैसे ही किसान बुराड़ी शिफ्ट होंगे, अगले ही दिन भारत सरकार विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों के बीच चर्चा के लिए तैयार है. इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि सरकार बातचीत के लिए तय दिन 3 दिसंबर से पहले भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है.
दिल्ली की आप सरकार संघर्षरत किसानों के लिए सेवादार की भूमिका निभाएगी : राघव चड्ढा
1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन
दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई. किसानों ने कहा कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू किया जाएगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का कहना है कि पंजाब और हरियाणा के किसान भारी संख्या में गोलबंद होकर पहुंच रहे हैं. साथ ही यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं.
किसान पिछले 4 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं और उनकी मांग जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की है. किसान यूनियन ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार की ओर से बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव हम नामंजूर करते हैं. हम बिना शर्त सरकार से बातचीत चाहते हैं. उन्होंने कहा कि बुराड़ी ओपन जेल की तरह है और वो आंदोलन की जगह नहीं है. हमारे पास पर्याप्त राशन है और 4 महीने तक हम रोड पर बैठ सकते हैं. भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि दिल्ली आने वाली पांच सड़कों को हम जाम कर देंगे. हम 5 प्वाइंट पर धरना देंगे. किसानों ने प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने से मना कर दिया तो देर रात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर हाई लेवल बैठक हुई जो करीब 2 घंटे तक चली.
अमित शाह बोले-मैंने कभी नहीं कहा कि किसानों का प्रदर्शन राजनीतिक है, ना कभी ऐसा कहूंगा
किसानों ने किए तीन बड़े ऐलान
>>बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: किसान यूनियन ने बुराड़ी में प्रदर्शन करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है और जंतर-मंतर में धरना देने की अनुमति मांगी है. सरकार ने यह शर्त रखी थी कि किसान हाइवे खाली कर बुराड़ी जाएं. किसान नेताओं का कहना है कि ये शर्त अपमानजनक है. किसान बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है.
>>5 प्वाइंट से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी: किसान अब 5 प्वाइंट से करेंगे दिल्ली का घेराव करेंगे. किसान नेताओं ने कहा, 'हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाइवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाइवे, गाजियाबाद से आने वाला हाइवे जाम करेंगे. 5 प्वाइंट पर हम धरना देंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे. हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं.'
>> हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा: किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है. किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है. कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे. इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी.
बढ़ सकते हैं जरूरी चीजों के दामकिसानों ने दिल्ली के मुख्य हाइवे को जाम करने की चेतावनी दी है. ऐसे में पेट्रोल-डीजल के दाम और जरूरी सामानों की सप्लाई की कीमत बढ़ने की आशंका भी पैदा हो गई है. कोविड संकट के कारण पहले ही जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. अब हाइवे ब्लॉक होने से हालात और बिगड़ सकते हैं. किराना, सब्जियों सहित तमाम सामान की आवाजाही के लिए 350 से ज्यादा ट्रक व छोटे लोड वाहन बंद शहर में नहीं घुस पाएंगे. इसका फायदा उठाकर स्थानीय व्यापारी दाम बढ़ा सकते हैं.मिनी पंजाब बना हाइवेकिसान आंदोलन के कारण हाइवे का नजारा मिनी पंजाब जैसा हो गया है. ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है. यहीं खाना बन रहा है. यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है. सबके काम बंटे हैं. जगह-जगह लंगर लगे हैं. धरने वाले धरने पर बैठे हैं. खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं.Farmers stay put at Ghazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border as their protest against Central Government's Farm laws continues. pic.twitter.com/nJ1jbaJy2N
— ANI (@ANI) November 30, 2020
#WATCH: Farmers sing songs as they stay put at Ghazipur-Ghaziabad (Delhi-UP) border.
The farmers' protest against the central government's Farm laws continues. pic.twitter.com/MwjT16fpt7— ANI (@ANI) November 29, 2020
सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव
यूनियन होम सेक्रेटरी अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान यूनियनों को जल्दी बातचीत के लिए दिल्ली के बुराड़ी बुलाया था. उन्होंने बताया कि जैसे ही किसान बुराड़ी शिफ्ट होंगे, अगले ही दिन भारत सरकार विज्ञान भवन में किसानों के प्रतिनिधिमंडल और मंत्रियों के बीच चर्चा के लिए तैयार है. इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि सरकार बातचीत के लिए तय दिन 3 दिसंबर से पहले भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है.
दिल्ली की आप सरकार संघर्षरत किसानों के लिए सेवादार की भूमिका निभाएगी : राघव चड्ढा
1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन
दिल्ली-हरियाणा की सीमा सिंधु बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई. किसानों ने कहा कि 1 दिसंबर से राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू किया जाएगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का कहना है कि पंजाब और हरियाणा के किसान भारी संख्या में गोलबंद होकर पहुंच रहे हैं. साथ ही यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं.