किसान आंदोलनः केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश बोले- नक्सली नहीं हैं किसान, अराजक तत्व माहौल बिगाड़ने में लगे

सोमप्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर सहमत है, लेकिन कुछ किसान यूनियन जिद पाले हुए हैं. ANI
केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश (Som Prakash) केंद्र की तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा हैं, जो किसानों के साथ वार्ता कर आपसी सहमति बनाने में जुटी है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 13, 2020, 9:17 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि किसान यूनियन के नेताओं को नक्सली नहीं कहा जा रहा है, लेकिन कुछ अराजक तत्व किसान आंदोलन की आड़ में माहौल खराब करने की कोशिश में लगे हैं. इससे पहले रविवार की दोपहर ANI से बातचीत में केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश (Som Prakash) ने कहा था कि कृषि कानून को वापस लेने की जिद पर अड़े किसान नेता जल्द ही अप्रासंगिक हो जाएंगे. सोमप्रकाश केंद्र के उन नेताओं की तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा हैं, जो किसानों के साथ बातचीत करके आपसी सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि केंद्र सरकार के साथ कृषि कानून के मुद्दे पर 6 राउंड की बातचीत के बाद भी किसान यूनियन के नेताओं और केंद्र सरकार के बीच वार्ता बेनतीजा रही है और दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है.
सोमप्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर सहमत है, लेकिन कुछ किसान यूनियन जिद पाले हुए हैं और ये लोग समय के साथ अप्रासंगिक होते जाएंगे और यूनियन पर इनकी पकड़ ढीली पड़ जाएगी, जिसके बाद दूसरी लीडरशिप का उभार होगा. सोमप्रकाश ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लीडरशिप समय पर सक्रिय नहीं होती है, तो फिर वो बदल जाती है. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ बैठक में रखी गई सभी मांगें स्वीकार कर ली थीं. मंत्री ने कहा, ''मीटिंग सकारात्मक रुख पर खत्म हुई थी, दुर्भाग्य से कुछ यूनियन के नेताओं ने उन किसान नेताओं पर दबाव बनाया, जिन्होंने प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार कर लिया था.''
उधर, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोमप्रकाश ने रविवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रदर्शन में गलत लोगों के शामिल होने की आशंका पर सतर्क रहने की बात कही है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'हमें नजर रखनी होगी कि हमारे बीच गलत लोग न आ जाएं. हमारे सभी युवाओं को सतर्क रहना होगा.' अगर सरकार बात करना चाहती है, तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे के फैसले लेंगे.
गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्रियों के साथ पंजाब के भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शामिल थे. एक अधिकारी ने बताया कि तोमर और सोमप्रकाश ने गृह मंत्री से मुलाकात की. हालांकि, अभी तक यह अभी पता नहीं चल सका है कि बैठक में क्या बातचीत हुई.
कृषि मंत्री तोमर, सोमप्रकाश और पीयूष गोयल ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता में सरकार का नेतृत्व किया था.
सोमप्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर सहमत है, लेकिन कुछ किसान यूनियन जिद पाले हुए हैं और ये लोग समय के साथ अप्रासंगिक होते जाएंगे और यूनियन पर इनकी पकड़ ढीली पड़ जाएगी, जिसके बाद दूसरी लीडरशिप का उभार होगा. सोमप्रकाश ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर लीडरशिप समय पर सक्रिय नहीं होती है, तो फिर वो बदल जाती है. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ बैठक में रखी गई सभी मांगें स्वीकार कर ली थीं. मंत्री ने कहा, ''मीटिंग सकारात्मक रुख पर खत्म हुई थी, दुर्भाग्य से कुछ यूनियन के नेताओं ने उन किसान नेताओं पर दबाव बनाया, जिन्होंने प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार कर लिया था.''
उधर, केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और सोमप्रकाश ने रविवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की. दूसरी ओर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने प्रदर्शन में गलत लोगों के शामिल होने की आशंका पर सतर्क रहने की बात कही है. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'हमें नजर रखनी होगी कि हमारे बीच गलत लोग न आ जाएं. हमारे सभी युवाओं को सतर्क रहना होगा.' अगर सरकार बात करना चाहती है, तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे के फैसले लेंगे.
गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्रियों के साथ पंजाब के भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शामिल थे. एक अधिकारी ने बताया कि तोमर और सोमप्रकाश ने गृह मंत्री से मुलाकात की. हालांकि, अभी तक यह अभी पता नहीं चल सका है कि बैठक में क्या बातचीत हुई.
कृषि मंत्री तोमर, सोमप्रकाश और पीयूष गोयल ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता में सरकार का नेतृत्व किया था.