Farmers Protest: किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया, बोले- आंदोलन बढ़ाने की जरूरत

कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार नौंवे दिन शुक्रवार को भी किसानों का प्रदर्शन जारी है. (प्रतीकात्मक तस्वीर-AP)
Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को उम्मीद है कि पांच दिसंबर को पांचवें चरण की वार्ता के दौरान सरकार उनकी मांगें मान लेगी और ऐसा नहीं होने पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा.
- News18Hindi
- Last Updated: December 5, 2020, 1:45 AM IST
नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ लगातार नौंवे दिन शुक्रवार को भी किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU-Lakhowal) के महासचिव एचएस लखोवाल ने सिंघू बॉर्डर से कहा, 'कल, हमने सरकार से कहा कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. 5 दिसंबर को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाए जाएंगे. हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.' अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि हमें इस विरोध को आगे बढ़ाने की जरूरत है. सरकार को इस कृषि बिल को वापस लेना चाहिए.
उम्मीद है कि सरकार मांगें मान लेगी, अन्यथा किसानों का आंदोलन जारी रहेगा: टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को उम्मीद है कि पांच दिसंबर को पांचवें चरण की वार्ता के दौरान सरकार उनकी मांगें मान लेगी और ऐसा नहीं होने पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. टिकैत ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'सरकार और किसानों के बीच गुरुवार को हुई बैठक के दौरान किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका. सरकार तीनों कानूनों में संशोधन करना चाहती है लेकिन हम चाहते हैं कि ये कानून वापस लिए जाएं.' उन्होंने कहा, 'अगर सरकार हमारी मांगों पर सहमत नहीं हुई तो हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. देखते हैं शनिवार की बैठक में क्या नतीजा निकलता है.'
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों के हजारों किसान लगातार नौ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच गुरुवार को हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका.
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दोनों पक्ष शनिवार को फिर से बैठक करेंगे. किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी. हालांकि, सरकार ने कहा है कि नए कानून से किसानों के लिए नए अवसर के द्वार खुलेंगे और कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा.
उम्मीद है कि सरकार मांगें मान लेगी, अन्यथा किसानों का आंदोलन जारी रहेगा: टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को उम्मीद है कि पांच दिसंबर को पांचवें चरण की वार्ता के दौरान सरकार उनकी मांगें मान लेगी और ऐसा नहीं होने पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. टिकैत ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'सरकार और किसानों के बीच गुरुवार को हुई बैठक के दौरान किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका. सरकार तीनों कानूनों में संशोधन करना चाहती है लेकिन हम चाहते हैं कि ये कानून वापस लिए जाएं.' उन्होंने कहा, 'अगर सरकार हमारी मांगों पर सहमत नहीं हुई तो हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. देखते हैं शनिवार की बैठक में क्या नतीजा निकलता है.'
Yesterday, we told the Government that the farm laws should be withdrawn. On 5 Dec, effigies of PM Modi will be burnt across the country. We have given a call for Bharat Bandh on December 8: Bharatiya Kisan Union (BKU-Lakhowal) General Secretary, HS Lakhowal at Singhu Border pic.twitter.com/dA1Xykds2K
— ANI (@ANI) December 4, 2020
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हरियाणा, पंजाब और दूसरे राज्यों के हजारों किसान लगातार नौ दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच गुरुवार को हुई बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका.
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दोनों पक्ष शनिवार को फिर से बैठक करेंगे. किसानों को आशंका है कि नए कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी. हालांकि, सरकार ने कहा है कि नए कानून से किसानों के लिए नए अवसर के द्वार खुलेंगे और कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होगा.