आखिर कहां हो गईं किसानों से गलतियां, जो सुरक्षाबलों से टकराव की वजहें बनीं...

Kisan Tractor Parade के दौरान सुरक्षाबलों और किसानों के बीच भारी संघर्ष देखने को मिला.
टकराव की स्थिति तब उत्पन्न हुई, जब दिल्ली पुलिस से सहमति के बाद तय समय और रूटों का किसानों द्वारा उल्लंघन करना शुरू कर दिया गया. सुबह सिंघु, टिकरी, गाजीपुर बॉर्डर एवं अन्य जगहों से किसानों का ट्रैक्टर काफिला निकला, लेकिन वह अपने तय रूट से भटकते हुए दिल्ली में प्रवेश करने लगा.
- News18Hindi
- Last Updated: January 27, 2021, 6:29 AM IST
नई दिल्ली : तीन कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ आज किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर परेड (Kisan Tractor Parade) के दौरान सुरक्षाबलों और किसानों के बीच भारी संघर्ष देखने को मिला. मध्य एवं बाहरी दिल्ली के इलाकों में हालात काफी गंभीर बने रहे. दिनभर किसान और दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ चले इस गतिरोध की वजहें आखिर क्या-क्या रहीं और अभी तक शांतिपूर्वक तरीके से चले किसान आंदोलन में आज किसानों की तरफ से क्या गलतियां रहीं, इसे जानना भी बेहद जरूरी है.
दरअसल, टकराव की स्थिति तब उत्पन्न हुई, जब दिल्ली पुलिस से सहमति के बाद तय समय और रूटों का किसानों द्वारा उल्लंघन करना शुरू कर दिया गया. सुबह सिंघु, टिकरी, गाजीपुर बॉर्डर एवं अन्य जगहों से किसानों का ट्रैक्टर काफिला निकला, लेकिन वह अपने तय रूट से भटकते हुए दिल्ली में प्रवेश करने लगा. इस दौरान किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को जबरन हटाना शुरू कर दिया. इससे सुरक्षाबलों एवं किसानों के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए और दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई.
इसके बाद किसान दिल्ली के अंदरूनी इलाकों जैसे पूर्वी दिल्ली के बाहरी मुख्य मार्ग, आईटीओ, लाल किला और उसके आसपास के मुख्य मार्ग, नांगलोई, पश्चिमी एवं बाहरी दिल्ली में हजारों ट्रैक्टर लेकर प्रवेश कर गए. इससे पूरी दिल्ली की यातयात एवं कानून-व्यवस्था चरमरा गई. दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसानों ने उन सभी शर्तों का उल्लंघन किया, जोकि परेड को अनुमति देते हुए लगाई गई थीं. खुद पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने भी कहा कि कई दौर की बैठकों के बाद ट्रैक्टर रैली के लिए समय और मार्गों को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन किसानों ने ट्रैक्टरों को उन मार्गों से हटा दिया और दिल्ली में प्रवेश कर गए. उनकी ओर से बर्बरता की गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर पब्लिक प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचा है.
किसानों की तरफ से हुईं वो गलतियां, जिनके चलते आज ऐसे हालात बने...
-किसान अपने रूट से भटके.
-बैरिकेड्स तोड़ दिल्ली के अंदर घुस आए.
-सावर्जनिक संपत्ति को जमकर नुकसान पुहंचाया
-बसों को क्षतिग्रस्त किया गया. उनके शीशे तोड़े गए.
-12 बजे से पहले ही परेड की शुरुआत कर दी गई.
-परेड-प्रदर्शन में शामिल किसान लाठी लिए हुए थे. कई के पास तलवार जैसे हथियार भी थे.
-पुलिस और सुरक्षाबलों पर पथराव किया.
-कई जगहों पर सुरक्षाबलों पर हमला किया गया. उन पर ट्रेक्टर तक चढ़ाने की कोशिश की गई.
-लाल किला परिसर मे घुसकर हंगामा किया गया. उसकी प्राचीर से तिरंगा हटाया गया.
दरअसल, टकराव की स्थिति तब उत्पन्न हुई, जब दिल्ली पुलिस से सहमति के बाद तय समय और रूटों का किसानों द्वारा उल्लंघन करना शुरू कर दिया गया. सुबह सिंघु, टिकरी, गाजीपुर बॉर्डर एवं अन्य जगहों से किसानों का ट्रैक्टर काफिला निकला, लेकिन वह अपने तय रूट से भटकते हुए दिल्ली में प्रवेश करने लगा. इस दौरान किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधकों को जबरन हटाना शुरू कर दिया. इससे सुरक्षाबलों एवं किसानों के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए और दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई.
इसके बाद किसान दिल्ली के अंदरूनी इलाकों जैसे पूर्वी दिल्ली के बाहरी मुख्य मार्ग, आईटीओ, लाल किला और उसके आसपास के मुख्य मार्ग, नांगलोई, पश्चिमी एवं बाहरी दिल्ली में हजारों ट्रैक्टर लेकर प्रवेश कर गए. इससे पूरी दिल्ली की यातयात एवं कानून-व्यवस्था चरमरा गई. दिल्ली पुलिस का कहना है कि किसानों ने उन सभी शर्तों का उल्लंघन किया, जोकि परेड को अनुमति देते हुए लगाई गई थीं. खुद पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने भी कहा कि कई दौर की बैठकों के बाद ट्रैक्टर रैली के लिए समय और मार्गों को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन किसानों ने ट्रैक्टरों को उन मार्गों से हटा दिया और दिल्ली में प्रवेश कर गए. उनकी ओर से बर्बरता की गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बड़े पैमाने पर पब्लिक प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचा है.
किसानों की तरफ से हुईं वो गलतियां, जिनके चलते आज ऐसे हालात बने...
-किसान अपने रूट से भटके.
-बैरिकेड्स तोड़ दिल्ली के अंदर घुस आए.
-सावर्जनिक संपत्ति को जमकर नुकसान पुहंचाया
-बसों को क्षतिग्रस्त किया गया. उनके शीशे तोड़े गए.
-12 बजे से पहले ही परेड की शुरुआत कर दी गई.
-परेड-प्रदर्शन में शामिल किसान लाठी लिए हुए थे. कई के पास तलवार जैसे हथियार भी थे.
-पुलिस और सुरक्षाबलों पर पथराव किया.
-कई जगहों पर सुरक्षाबलों पर हमला किया गया. उन पर ट्रेक्टर तक चढ़ाने की कोशिश की गई.
-लाल किला परिसर मे घुसकर हंगामा किया गया. उसकी प्राचीर से तिरंगा हटाया गया.