#WATCH | Farmers protesting at Singhu Border burn copies of the #FarmLaws#Lohri pic.twitter.com/t6eY6aNLOo
— ANI (@ANI) January 13, 2021

Kisan Andolan: प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं
Farmers Protest: दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कतार में लकड़ियां एकत्र कर जलाई गईं और उसके चारों तरफ घूमते हुए किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने नारे लगाए, गीत गाए और अपने आंदोलन की जीत की प्रार्थना की.

हाइलाइट्स
- किसानों ने लोहड़ी पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं
सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने जलाईं कृषि कानूनों की प्रतियां
आंदोलन में किसानों की मौत को लेकर राहुल गांधी ने साधा सरकार पर निशाना
कमेटी 10 दिन में काम शुरू करेगीधरने पर बैठे पंजाब के एक और किसान ने जहर खाकर की आत्महत्या
धरना दे रहे किसानों को नहीं पता कानून में समस्या, किसी के कहने पर बैठे: हेमा मालिनी
गणतंत्र दिवस पर "किसान गणतंत्र परेड" का होगा आयोजन
15 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में शामिल होंगे किसान नेता5:45 pm (IST) किसानों ने लोहड़ी पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं2:52 pm (IST) कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी पर तीन कानूनों की प्रतियां जलाई.कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लोहड़ी पर तीन कानूनों की प्रतियां जलाई। #farmslaws pic.twitter.com/JCjBgv6HYo
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 13, 20211:23 pm (IST) किसान आंदोलन में किसानों की मौत को लेकर राहुल गांधी ने फिर से ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने लिखा- '60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई, लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है!'60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 13, 202112:42 pm (IST) कमेटी में भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और महाराष्ट्र के शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कमेटी को 10 दिन में काम शुरू करने के आदेश दिए हैं.LOAD MOREनई दिल्ली. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी (Lohri) के मौके पर प्रदर्शन स्थलों पर नए कृषि कानूनों (Farm Laws) की प्रतियां जलाईं. संयुक्त किसान मोर्चा के परमजीत सिंह ने कहा कि अकेले सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर ही कृषि कानूनों की एक लाख प्रतियां जलाई गईं. वसंत की शुरुआत में पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग लकड़ियां इकट्ठी करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं.
हरियाणा के करनाल जिले से आए 65 वर्षीय गुरप्रीत सिंह संधू ने कहा, ' उत्सव इंतजार कर सकते हैं. केंद्र की ओर से जिस दिन इन काले कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग को मान लिया जाएगा, हम उसी दिन सभी त्योहारों को मनाएंगे.' दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कतार में लकड़ियां एकत्र कर जलाई गईं और उसके चारों तरफ घूमते हुए किसानों ने नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने नारे लगाए, गीत गाए और अपने आंदोलन की जीत की प्रार्थना की.
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पंजाब के बरनाला जिले से आए 34 वर्षीय किसान राजबीर सिंह ने कहा, ' यह लोहड़ी संघर्षों से भरी है. इस बार घर में हर साल मनाई जाने वाली लोहड़ी के दौरान होने वाले नृत्य और गीत जैसा उत्साह नहीं है. हालांकि, मैं यहां प्रदर्शन में शामिल होकर खुश हूं और अपने किसान परिवार के साथ उत्सव मना रहा हूं.' उन्होंने कहा, 'आज, हमनें प्रतियां जलाई हैं और कल, केंद्र इन्हें जलाएगा. उन्हें ऐसा करना पड़ेगा, हम उन्हें ऐसा करने को मजबूर कर देंगे.'
28 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं किसान
इस बीच, किसान आंदोलन कार्यालय में भी योगेंद्र यादव, गुरनाम सिंह चढूनी समेत अन्य किसान नेताओं ने भी कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं.
हजारों किसान केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ 28 नवम्बर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं.
इस साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केन्द्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
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दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.
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राशिभविष्य
चिंता के विचार आपकी ख़ुशी को बर्बाद कर सकते हैं। ऐसा न होने दें, क्योंकि इनमें अच्छी चीज़ों को ख़त्म करने की और समझदारी में निराशा का ज़हरीला बीज बोने की क्षमता होती है। ख़ुद को हमेशा अच्छा परिणाम पाने के लिए प्रोत्साहित करें और ख़राब हालात में भी कुछ-न-कुछ अच्छा देखने का गुण विकसित करें। ख़ास लोग ऐसी किसी भी योजना में रुपये लगाने के लिए तैयार होंगे, जिसमें संभावना नज़र आए और विशेष हो। भूमि से जुड़ा विवाद लड़ाई में बदल सकता है। मामले को सुलझाने के लिए अपने माता-पिता की मदद लें। उनकी सलाह से काम करें, तो आप निश्चित तौर पर मुश्किल का हल ढूंढने में क़ामयाब रहेंगे। किसी से अचानक हुई रुमानी मुलाक़ात आपका दिन बना देगी। काम के लिए समर्पित पेशेवर लोग रुपये-पैसे और करिअर के मोर्चे पर फ़ायदे में रहेंगे। सफ़र के लिए दिन ज़्यादा अच्छा नहीं है। जीवनसाथी के ख़राब व्यवहार का नकारात्मक असर आपके ऊपर पड़ सकता है। स्वयंसेवी कार्य या किसी की मदद करना आपकी मानसिक शांति के लिए अच्छे टॉनिक का काम कर सकता है। परेशान? आप पंडित जी से प्रश्न पूछ सकते हैं या अपनी कुंडली बनवा सकते हैं ।
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