अभी शांत नहीं होगा किसानों का विरोध! राकेश टिकैत बोले- 2024 तक आंदोलन करने को तैयार

किसानों और सरकार के बीच 8 जनवरी को एक बार फिर मुलाकात होनी है. (सांकेतिक तस्वीर- AP)
Farmers Protest: गुरुवार को आयोजित हो रही ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में हजारों किसान भाग ले रहे हैं. पुलिस ने अनुमान लगाया है कि मार्च के दौरान करीब 2500 ट्रैक्टर सड़कों पर होंगे. किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर की परेड निकालने की बात कही है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 7, 2021, 3:59 PM IST
नई दिल्ली. दिल्ली की सरहदों पर जारी किसान आंदोलन (Farmers Protest) जोर पकड़ रहा है. गुरुवार को ट्रैक्टर रैली निकालने के बाद किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) निकालने की बात कही है. इसके अलावा किसानों ने यह चेतावनी दी है कि वे मई 2024 तक आंदोलन करने के लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का कार्यकाल 2024 में पूरा हो रहा है. किसानों और सरकार के बीच 8 जनवरी को एक बार फिर मुलाकात होनी है.
गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हम सरकार को चेतावनी देने के लिए यह रैली निकाल रहे हैं. 26 जनवरी को हम ट्रैक्टर की परेड निकालेंगे. उन्होंने कहा कि हम मई, 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं. इसके अलावा जय किसान आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव ने रैलियों के जरिए 26 जनवरी का जिक्र किया था. सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर यादव ने कहा था, 'ये रैलियां 26 जनवरी के लिए ट्रेलर होंगी.'
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गुरुवार को आयोजित हुई ट्रैक्टर रैली में हजारों किसानों ने भाग लिया. पुलिस ने अनुमान लगाया है कि मार्च के दौरान करीब 2500 ट्रैक्टर सड़कों पर रहे होंगे. सोमवार को किसानों और सरकार के बीच 7वें दौर की चर्चा हुई थी, लेकिन इस दौरान भी समस्या का कोई हल नहीं निकल सका. किसानों ने इस बैठक में नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग की थी.सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चेताया
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि कोविड-19 के बीच इस साल हुए निजामुद्दीन मरकज से क्या सीख ली. सर्वोच्च न्यायालय ने आशंका जताई है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो इसी तरह की स्थिति आंदोलन कर रहे किसानों के साथ भी बन सकती है. राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को लेकर चीफ जस्टिस एस ए बोबडे के नेतृत्व वाली बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किए हैं. अदालत ने मेहता से कहा, 'आपको हमें बताना होगा कि क्या चल रहा है?'

बेंच ने पूछा कि दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान कोविड-19 को रोकने के लिए सावधानियां बरत रहे हैं या नहीं. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने ना में जवाब दिया है. अदालत ने कहा कि यहां भी बीते साल मार्च में हुई निजामुद्दीन मरकज जैसी स्थिति बन सकती है. हालांकि, मेहता ने हालात की जानकारी देने का आश्वासन दिया है.
गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हम सरकार को चेतावनी देने के लिए यह रैली निकाल रहे हैं. 26 जनवरी को हम ट्रैक्टर की परेड निकालेंगे. उन्होंने कहा कि हम मई, 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं. इसके अलावा जय किसान आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव ने रैलियों के जरिए 26 जनवरी का जिक्र किया था. सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर यादव ने कहा था, 'ये रैलियां 26 जनवरी के लिए ट्रेलर होंगी.'
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गुरुवार को आयोजित हुई ट्रैक्टर रैली में हजारों किसानों ने भाग लिया. पुलिस ने अनुमान लगाया है कि मार्च के दौरान करीब 2500 ट्रैक्टर सड़कों पर रहे होंगे. सोमवार को किसानों और सरकार के बीच 7वें दौर की चर्चा हुई थी, लेकिन इस दौरान भी समस्या का कोई हल नहीं निकल सका. किसानों ने इस बैठक में नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग की थी.सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को चेताया
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि कोविड-19 के बीच इस साल हुए निजामुद्दीन मरकज से क्या सीख ली. सर्वोच्च न्यायालय ने आशंका जताई है कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो इसी तरह की स्थिति आंदोलन कर रहे किसानों के साथ भी बन सकती है. राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को लेकर चीफ जस्टिस एस ए बोबडे के नेतृत्व वाली बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किए हैं. अदालत ने मेहता से कहा, 'आपको हमें बताना होगा कि क्या चल रहा है?'
बेंच ने पूछा कि दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान कोविड-19 को रोकने के लिए सावधानियां बरत रहे हैं या नहीं. इस पर सॉलिसिटर जनरल ने ना में जवाब दिया है. अदालत ने कहा कि यहां भी बीते साल मार्च में हुई निजामुद्दीन मरकज जैसी स्थिति बन सकती है. हालांकि, मेहता ने हालात की जानकारी देने का आश्वासन दिया है.