सिंघु बॉर्डर: लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शनकारी किसानों ने जलाईं कृषि कानूनों की प्रतियां

प्रदर्शनकारी किसानों ने लोहड़ी पर जलाईं कृषि कानूनों की प्रतियां (Photo-ANI)
Farm Laws: कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई. लोहड़ी के दिन लोग लकड़ियां इकट्ठी करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 13, 2021, 10:11 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ पिछले करीब डेढ़ महीने से दिल्ली की सीमा (Delhi Border) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी (Lohri) के मौके पर नए कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध व्यक्त किया. पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग लकड़ियां इकट्ठी करके जलाते हैं और सुख एवं समृद्धि की कामना करते हैं. विभिन्न संगठनों से नाता रखने वाले किसानों ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. किसानों ने उनकी मांगें ना मानने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. उन्होंने नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग भी की.
प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों का शीर्ष संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने आगे की रणनीति तय करने के लिए बुधवार दोपहर बैठक भी की. किसान संगठनों ने मंगलवार को कहा था कि वे उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की तरफ से गठित समिति के समक्ष पेश नहीं होंगे और आरोप लगाया कि यह ‘‘सरकार समर्थक’’ समिति है. किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. उन्होंने तीन कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया. हालांकि समिति के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी संदेह जताया है.
सुप्रीम कोर्ट ने किया है चार सदस्यीय समिति का गठन
उच्चतम न्यायालय ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसान संगठनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था.
ये भी पढ़ें- केंद्र से नहीं मिली फ्री वैक्सीन तो AAP लगाएगी लोगों को मुफ्त टीका-केजरीवाल
हजारों किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 28 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. इस साल सितंबर में अमल में आए तीनों कानूनों को केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.
प्रदर्शन कर रहे 40 किसान संगठनों का शीर्ष संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने आगे की रणनीति तय करने के लिए बुधवार दोपहर बैठक भी की. किसान संगठनों ने मंगलवार को कहा था कि वे उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) की तरफ से गठित समिति के समक्ष पेश नहीं होंगे और आरोप लगाया कि यह ‘‘सरकार समर्थक’’ समिति है. किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. उन्होंने तीन कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत किया. हालांकि समिति के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी संदेह जताया है.
#WATCH | Farmers protesting at Singhu Border burn copies of the #FarmLaws#Lohri pic.twitter.com/t6eY6aNLOo
— ANI (@ANI) January 13, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने किया है चार सदस्यीय समिति का गठन
उच्चतम न्यायालय ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसान संगठनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था.
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हजारों किसान केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 28 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं. इस साल सितंबर में अमल में आए तीनों कानूनों को केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है. उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे.
दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कॉरपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी.