होम /न्यूज /राष्ट्र /1857 की क्रांति: 19वीं सदी का सबसे बड़ा विद्रोह!

1857 की क्रांति: 19वीं सदी का सबसे बड़ा विद्रोह!

1857 Mutiny

1857 Mutiny

    1857 के विद्रोह की शुरुआत पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से हुई थी. जब 29 मार्च के दिन भारतीय सिपाही मंगल पांडे ने एक अंग्रेज सिपाही पर गोली चलाई थी. इस घटना के विरोध में 10 मई के दिन हिंदुस्तानी सैनिकों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ मेरठ में बगावत हुई. मेरठ से जो विद्रोह शुरू हुआ, वो पूरे देश में फैल गया. सैनिकों के साथ आम जनता, किसान और मजदूर भी उनके साथ हो गए.

    1857 Mutiny

    मंगल पांडे की बगावत
    29 मार्च 1857 के दिन बैरकपुर में घटी ऐतिहासिक घटना को विद्रोह की नींव माना जाता है. इस दिन मंगल पांडे ने बैरकपुर परेड ग्राउंड में क्वार्टर गार्ड से निकलकर अंग्रेज अधिकारी पर गोली चलाई थी.

    ऐसा करने के बाद उन्होंने अपने साथियों से भी बगावत करने की अपील की थी. उन्होंने हुंकारते हुए कहा था कि “निकलि आव पलटुन, निकलि आव हमार साथ”. इसी परेड ग्राउंड में उन्हें 8 अप्रैल 1857 को फांसी पर चढ़ा दिया गया था.

    1857 Mutiny

    मेरठ में सैनिकों का विद्रोह
    10 मई को मेरठ में बैरकपुर के बाद पहला सैनिक विद्रोह हुआ था. चर्बी वाले कारतूस के इस्तेमाल ने सैनिकों को भड़का दिया था. सैनिकों के बाद आम लोग भी इसमें शामिल हो गए थे. मेरठ में बाज़ार के लोगों का समर्थन विद्रोहियों को मिला, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में बुनकर, आम व्यापारी, आम लोग भी साथ हो गए.

    1857 Indian Mutiny

    मुगल बादशाह को नेता माना
    आम जनता, किसान और मजदूरों के जुड़ने से पहले लाखों हिंदू सिपाहियों ने मुगल बादशाह को अपना नेता माना था. इन सिपाहियों में करीब 85 प्रतिशत पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के ब्राह्मण, राजपूत या सवर्ण थे.

    उस दौर में बहादुरशाह जफर बहुत ताकतवर नहीं ते क्योंकि उसकी उम्र उस वक्त 82 साल थी. एक इतनी बड़ी सेना के नेतृत्व के लिए यह वह एक कमजोर शासक थे. उस वक्त मुगल नेतृत्व वाली सेना में करीब 1 लाख, 39 हजार सैनिक थे.

    1857 Indian Mutiny

    Tags: 1857 Indian Mutiny

    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें