नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर ‘एक्साइज ड्यूटी’ घटाने के मामले में की गई अपनी टिप्पणी को वापस ले लिया है. उन्होंने रविवार को स्वीकार किया कि केंद्र सरकार द्वारा ईंधन की कीमतों में की गई कटौती के बारे में तथ्य, उनके दावे के विपरीत हैं. चिदंबरम ने कहा, पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में कटौती की अधिसूचना अब उपलब्ध है. वित्त मंत्री ने ‘एक्साइज ड्यूटी’ शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन कटौती अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में हुई है, जिसे केंद्र राज्यों के साथ साझा नहीं करता है. इसलिए, मैंने कल जो कहा था, तथ्य उसके विपरीत हैं. टैक्स में इस कटौती का पूरा आर्थिक बोझ केंद्र सरकार पर पड़ेगा. इसलिए मैं अपने तथ्यों को ठीक कर रहा हूं.’
आपको बता दें कि गत शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है, जिसके कारण देश में भी ईंधन की कीमतें बढ़ी हैं. उन्होंने आम आदमी को राहत देने के लिए पेट्रोल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की घोषणा की थी. इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों से जनता को राहत देने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने का आग्रह किया था. निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘मैं सभी राज्य सरकारों, विशेषकर उन राज्यों से, जहां आखिरी बार (नवंबर 2021) भी कटौती नहीं की गई थी, आम आदमी को राहत देने के लिए वैट कम करने का आग्रह करती हूं.’
The notification on reduction of duty on Petrol and Diesel is now available
FM used the words ‘Excise Duty’, but the reduction is in Additional Excise Duty which is not shared with the states
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 22, 2022
Hence, contrary to what I said yesterday, the entire burden of the reduction falls on the Centre. To that extent, I stand corrected
The states are getting very little by way of share of duties on Petrol and Diesel. Their revenue is from VAT on Petrol and Diesel
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 22, 2022
पी. चिदंबरम ने केंद्र द्वारा तेल की कीमतों में कटौती और निर्मला सीतारमण के राज्यों से भी इसका पालन करने के अनुरोध पर एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण लेते हुए ट्विटर पर दावा किया था, ‘राज्यों से किया गया वित्त मंत्री का आह्वान व्यर्थ है. जब वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 1 रुपये की कटौती करती हैं, उसमें 41 पैसा राज्यों का होता है. इसका मतलब है कि केंद्र ने 59 पैसे और राज्यों ने 41 पैसे की कटौती की है. इसलिए राज्यों पर उंगली मत उठाइए. असली कटौती तब होगी जब केंद्र पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उपकर में कटौती करे (जो राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है).’ दरअसल, चिदंबरम से समझने में चूक हुई थी. वित्त मंत्री ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उपकर में ही कटौती की घोषणा की थी.
I wonder if they can afford to give up that revenue unless the Centre devolved more funds or gave them more grants.
The situation is like being between “the devil and the deep sea”
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 22, 2022
केंद्र ने उज्ज्वला योजना के तहत वितरित किए गए एलपीजी सिलेंडर की कीमत में भी प्रति यूनिट 200 रुपए की कटौती की है. अब राज्य सरकारों की यह जिम्मेदारी है कि वे ईंधन उत्पादों पर वैट कम करें. अगर राज्य सरकारें वैट में कटौती करती हैं तो, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपए प्रति लीटर की कीम हो सकती है. हालांकि, पी. चिदंबरम ने तर्क दिया कि राज्यों को ईंधन पर ‘शुल्क के हिस्से के रूप में बहुत कम’ मिल रहा है, क्योंकि उनका राजस्व पेट्रोल और डीजल पर वैट से है. उन्होंने कहा, ‘मुझे आश्चर्य है कि क्या वे उस राजस्व को छोड़ने का जोखिम उठा सकते हैं जब तक कि केंद्र से उन्हें और अधिक धन हस्तांतरित नहीं किया जाता, या अधिक अनुदान नहीं मिलता.’ चिदंबरम ने कहा, बिना इसके राज्यों के लिए ‘आगे कुंआ पीछे खाई वाली स्थिति’ होगी.
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Tags: FM Nirmala Sitharaman, P Chidambaram, Petrol diesel prices