UP: राम मंदिर निर्माण के पहले चरण का काम पूरा हो गया है.
अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Construction) की जानकारी आम जनमानस और भक्तों को पहुंचाने के लिए श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण की जानकारी सार्वजनिक की गई है. आज पहली बार ट्रस्ट ने रामलला के मंदिर निर्माण की जानकारी के लिए मीडिया को राम जन्मभूमि परिसर में कवरेज करने का मौका दिया. राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के मंदिर निर्माण के लिए नींव की 47 लेयर डाली जा चुकी है. अब मंदिर निर्माण के लिए मात्र 1 लेयर और बुनियाद की डाली जाएगी. कुल 48 लेयर बुनियाद की पड़ेगी. उसके बाद क्लींथ का निर्माण किया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण का प्रथम चरण पूरा हो चुका है. अगर आज वर्षा ना होती मंदिर बुनियाद की आखिरी लेयर 48 लेयर भी आज पड़ चुकी होती. प्रथम चरण का कार्य पूरा हुआ. जमीन के नीचे जहां गर्भ ग्रह बनना है, वहां 14 मीटर और बाकी स्थान पर 12 मीटर मोटी चट्टान जमीन में डाली गई है. यह पूर्ण रूप से सुरक्षित है और इसके अंदर पानी जमीन के अंदर नहीं जा सकता.
98% ईंटे सिटी की चट्टान है या चट्टान मंदिर का आधार होगी फाउंडेशन होगी. इसके बाद का दूसरा फेज हम 2 महीने में पूरा कर लेंगे. दूसरा फेस पूरा होने के बाद एक बार फिर जानकारी सभी को दी जाएगी और बाद में तीसरा चरण होगा. इस प्रक्रिया में 3 से 4 महीने अभी लग सकते हैं. प्रथम चरण मंदिर बुनियाद का काम पूरा हो चुका है.
राम मंदिर निर्माण का कार्य कर रही एलएनटी के इंजीनियर विनोद मेहता ने बताया कि रामलला का भव्य मंदिर जहां पर बनाया जा रहा है, यह उसका फुटप्रिंट है. हम लोग जिस लेवल पर खड़े हैं, उसी लेवल पर यहां पर खुदाई चालू हुई थी. इसी लेवल पर 5 अगस्त को प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन किया था. खुदाई चालू होने के बाद 40 फुट हम लोग नीचे गए.
दूसरे चरण की तैयारी शुरू
उन्होंने कहा कि नीचे जाने का मुख्य कारण था, गर्भ ग्रह के नीचे काफी मलबा था. जिसे पूरा निकालकर के हम उस लेवल पर पहुंचे, जहां पर हमें फॉर्म लेबल मिला था. उसके बाद उसकी भराई चालू किया. बुनियाद हम लोगों ने इंजीनियर फील्ड से पूरा किया था, इंजीनियर फील्ड एक तरीके का मटेरियल होता है, जिसमें गिट्टी हल्का सा सीमेंट और पानी का मिक्सर बनाया जाता है. इसे भरते हुए 48 प्लेयर में हम लोग ऊपर आ चुके हैं. मिक्सर को वाइब्रेटर रोलर से कॉम्पेक्ट करते हैं, जो 250 mm कॉम्पेक्ट करके होता है.
48 लेयर पूरी होने के बाद उस पर कंक्रीट का रिच लेयर तैयार किया जाएगा. उसके बाद 6 मीटर प्लीन्थ का निर्माण किया जाएगा, जिसमें मिर्जापुर के पत्थर और ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल करते हुए ऊपर तक बिल्डअप कर कर जाएंगे. जिसमें 30000 पत्थर लगने की संभावना है और वहां पर मंदिर का बेस बनेगा. वहीं से मंदिर के कॉलम का निर्माण चालू होगा और वहां से रामलला का मंदिर 161 फुट ऊंचा बनेगा.
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य वहीं डॉ अनिल मिश्रा ने बताया कि आज के बाद रामलला के मंदिर निर्माण के लिए किए जा रहे काम की प्रकृति बदलने जा रही है. मतलब साफ है कि बुनियाद का काम पूरा हो चुका है. अब क्लींथ का निर्माण किया जाएगा. उसके बाद राफ्ट का काम होगा. इसके बाद पत्थरों का इस्तेमाल शुरू होगा और यह चीजें देश और दुनिया के सामने जाएं इसलिए आज सब को बुलाया गया है.
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