(शरत शर्मा कलागारु)
कर्नाटक के बजट में गृह मंत्रालय को एक रुपया भी नहीं दिया गया. राज्य के इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को जनता दल (सेक्युलर)-कांग्रेस गठबंधन को
पहला बजट पेश किया. कुल बजट 2.13 लाख करोड़ रुपये का है और यह अभी तक का सबसे बड़ा बजट है बावजूद इसके गृह मंत्रालय को एक पैसा नहीं मिला.
उपमुख्यमंत्री डॉक्टर जी परमेश्वर के पास गृह मंत्रालय का जिम्मा है. माना जाता है कि उनका सीएम कुमारस्वामी के साथ अच्छे संबंध है.
पुलिस विभाग गृह मंत्रालय के तहत आता है और उसे भर्ती, प्रशिक्षण जैसे कामों के लिए पैसों की जरूरत होती है. चुनावों से पहले किसानों के कर्ज माफी के वादे को निभाते हुए कुमारस्वामी ने 34 हजार करोड़ रुपये का लोन माफ करने का ऐलान किया. इसके चलते बाकी विभागों को कम पैसा मिला. कर्नाटक पुलिस विभाग में 22 हजार पद खाली पड़े हैं.
कर्नाटक पुलिस की कुल ताकत एक लाख जवानों की है, लेकिन असल में केवल 75 हजार पद ही भरे हुए हैं. पिछली सरकार ने भर्ती के जरिए खाली पदों को भरने की योजना बनाई थी, लेकिन अब बजट में पैसे नहीं मिलने से नई भर्ती को रोकना होगा.
फरवरी 2018 में सिद्धारमैया ने जो बजट पेश किया था उसमें पुलिस विभाग के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया गया था. इसमें गृह मंत्रालय के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. इसके तहत महिलाओं की क्षमता पांच से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने, पुलिस सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड, निर्भया सेंटर बनाने की घोषणाएं शामिल है. लेकिन अभी तक वास्तविकता में कुछ नहीं हुआ है.
एडीजी रैंक के एक आईपीएस अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है जब गृह मंत्रालय को कुछ नहीं मिला है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'पुलिस विभाग बड़ा विभाग है. इसे अलग-अलग कामों के लिए काफी पैसे चाहिए होते हैं. पिछली सरकार ने पुलिस को आधुनिक बनाने की योजना बनाई थी. इन दिनों साइबर क्राइम सबसे बड़ी चुनौती है और इसका सामना करने के लिए पुलिस को काफी प्रशिक्षण चाहिए होता है. मुझे लगता है कि सरकार को इस पर दोबारा सोचना चाहिए.'
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Tags: HD kumaraswamy, Karnataka
FIRST PUBLISHED : July 05, 2018, 21:14 IST