राजस्थान में सियासी घमासान के बीच अशोक गहलोत बुधवार को कर सकते हैं शक्ति परीक्षण: सूत्र

माना जा रहा है कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार पर मंडरा रहे संशय के बादल को छाटना चाहते हैं.
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) से मुलाकात के दौरान 103 विधायकों के समर्थन का दावा पेश किया है और शक्ति परीक्षण के लिए विधानसभा का सत्र बुलाने की मंशा जताई.
- News18Hindi
- Last Updated: July 19, 2020, 9:26 AM IST
जयपुर. राजस्थान (Rajasthan) में पिछले कुछ हफ्तों से मचे सियासी घमासान के बीच खबर है कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपना बहुमत साबित करने के लिए बुधवार को विधानसभा का सत्र बुला सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार शाम को राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) से मुलाकात के दौरान 103 विधायकों के समर्थन का दावा पेश किया है. हालांकि, राजभवन की ओर से इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन असल में प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी से राज्यपाल कलराज मिश्र को अवगत करवाया और साथ ही बुधवार को विधानसभा सत्र बलाने की भी मंशा जाहिर की. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार से शॉर्ट टर्म पर सत्र बुलाया जा सकता है, जहां अशोक गहलोत सदन में अपना बहुमत सिद्ध कर सकते हैं. सीएम अशोक गहलोत ने जिन 103 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, उनमें कांग्रेस के 88, बीटीपी के 02, सीपीएम 02, आरएलडी के 01 और 1 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.
माना जा रहा है कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार पर मंडरा रहे संशय के बादल को छाटना चाहते हैं. इसके साथ उन 19 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने का भी रास्ता बनेगा. इन विधायकों के खिलाफ कांग्रेस के मुख्य सचेतक (व्हिप) महेश जोशी की शिकायत के बाद विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने अयोग्यता नोटिस जारी किया है. बता दें कि इन बागी विधायकों की सदस्यता पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है. इससे पहले हाईकोर्ट ने स्पीकर के बागी विधायकों पर फैसले पर बीते मंगलवार को रोक लगा दी थी.
इसे भी पढ़ें :- बागी विधायकों की CM गहलोत को चुनौती, कहा- दोबारा चुनाव जीतकर बन सकते हैं MLA, हम डरते नहींबता दें कि राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट की सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है. अब खबर ये आ रहा है कि पायलट गुट के विधायकों को कर्नाटक भेजा जा सकता है. सूत्रों की मानें तो मानेसर रिजॉर्ट से सभी विधायकों को बेंगलुरु शिफ्ट करने की तैयारी हो रही है. वहीं, पायलट समर्थक दो विधायक अशोक सिंह और भारत मैलानी ने आगे की जांच के लिए अपनी आवाज के नमूने देने से इनकार कर दिया है. वहीं, पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि गहलोत सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है.
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी से राज्यपाल कलराज मिश्र को अवगत करवाया और साथ ही बुधवार को विधानसभा सत्र बलाने की भी मंशा जाहिर की. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार से शॉर्ट टर्म पर सत्र बुलाया जा सकता है, जहां अशोक गहलोत सदन में अपना बहुमत सिद्ध कर सकते हैं. सीएम अशोक गहलोत ने जिन 103 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, उनमें कांग्रेस के 88, बीटीपी के 02, सीपीएम 02, आरएलडी के 01 और 1 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.
माना जा रहा है कि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सरकार पर मंडरा रहे संशय के बादल को छाटना चाहते हैं. इसके साथ उन 19 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने का भी रास्ता बनेगा. इन विधायकों के खिलाफ कांग्रेस के मुख्य सचेतक (व्हिप) महेश जोशी की शिकायत के बाद विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने अयोग्यता नोटिस जारी किया है. बता दें कि इन बागी विधायकों की सदस्यता पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई होनी है. इससे पहले हाईकोर्ट ने स्पीकर के बागी विधायकों पर फैसले पर बीते मंगलवार को रोक लगा दी थी.
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