बाघ के साठ दिन के बच्चे को बचाया गया, बाघिन से मिलाने की कोशिश जारी

वन अधिकारियों ने शावक को बचाने के लिए दो वन्यजीव डॉक्टरों को तैनात किया गया है. फाइल फोटो
वन अधिकारियों (Forest Officials) को मिले बाघ के बच्चे के बारे में संदेह है कि उसकी मां ने उसे छोड़ दिया है. हालांकि शावक ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. इलाज के बाद उसके ठीक होते ही बाघिन से मिलाने की कोशिश की जाएगी.
- News18Hindi
- Last Updated: November 28, 2020, 10:23 PM IST
कोच्चि. तमिलनाडु-केरल सीमा (Tamilnadu-Kerala Border) पर एक मंदिर के पास से 60 दिन के एक बहुत कमजोर बाघ शावक (Tiger Cub) को बचाया गया और उसकी देखभाल की जा रही है, क्योंकि शावक अभी ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है. वन विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
ऐसा संदेह है कि शावक को उसकी मां ने छोड़ दिया हो, हालांकि अधिकारियों ने 21 नवंबर को उसे बचाये जाने के लगभग एक सप्ताह बाद पेरियार टाइगर रिजर्व में मंगला देवी मंदिर के आसपास बाघिन को देखा.
एक वरिष्ठ वन्यजीव अधिकारी ने कहा, ‘‘वह निश्चित रूप से अपने शावक की तलाश में थी.’’ प्रधान वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन सुरेंद्र कुमार ने कहा, "हमारे क्षेत्र अधिकारियों ने मुझे बताया है कि बाघिन को बृहस्पतिवार को मंदिर के पास देखा गया था. अब हमारा प्रयास उनको फिर से मिलाने का है." उन्होंने कहा कि शावक को बचाने के लिए दो वन्यजीव डॉक्टरों को तैनात किया गया है.
सुरेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘हम अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि वह मुश्किल से ही खड़ा हो पाता है और अगर उसे छोड़ दिया जाए, तो उसकी मृत्यु हो सकती है.
अधिकारियों ने कहा कि जब उसकी सेहत ठीक हो जाएगी, तब शावक को उसकी मां से मिलाने के लिए जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
ऐसा संदेह है कि शावक को उसकी मां ने छोड़ दिया हो, हालांकि अधिकारियों ने 21 नवंबर को उसे बचाये जाने के लगभग एक सप्ताह बाद पेरियार टाइगर रिजर्व में मंगला देवी मंदिर के आसपास बाघिन को देखा.
एक वरिष्ठ वन्यजीव अधिकारी ने कहा, ‘‘वह निश्चित रूप से अपने शावक की तलाश में थी.’’ प्रधान वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन सुरेंद्र कुमार ने कहा, "हमारे क्षेत्र अधिकारियों ने मुझे बताया है कि बाघिन को बृहस्पतिवार को मंदिर के पास देखा गया था. अब हमारा प्रयास उनको फिर से मिलाने का है." उन्होंने कहा कि शावक को बचाने के लिए दो वन्यजीव डॉक्टरों को तैनात किया गया है.
सुरेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘हम अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि वह मुश्किल से ही खड़ा हो पाता है और अगर उसे छोड़ दिया जाए, तो उसकी मृत्यु हो सकती है.
अधिकारियों ने कहा कि जब उसकी सेहत ठीक हो जाएगी, तब शावक को उसकी मां से मिलाने के लिए जंगल में छोड़ दिया जाएगा.