कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व सचिव एचसी गुप्ता दोषी करार

Dump trucks haul coal and sediment at the Black Butte coal mine outside Rock Springs, Wyoming, U.S. April 4, 2017. REUTERS/Jim Urquhart - RTX344OA
कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया.
- News18Hindi
- Last Updated: May 19, 2017, 11:51 AM IST
कोल ब्लॉक आवंटन मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया. इस मामले में कोल सेक्रेटरी एचसी गुप्ता, पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और तत्कालीन निदेशक केसी समारिया को दोषी पाया है. इसके अलावा कोर्ट ने कोल फर्म केएसएसपीएल और उनके प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को रुद्रपुर कोल ब्लॉक आवंटन मामले में भी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का दोषी पाया है.
वहीं इस केस में ट्रायल का सामना कर रहे चार्टर्ड एकाउंटेंट अमित गोयल को कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है. बताते चलें कि साल 2012 में कैग ने अपनी ड्राफ रिपोर्ट में साल 2004 से 2009 में कोयला ब्लॉक आवंटन को गलत बताते हुए इसमें 1.86 लाख करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था. उनका आरोप था कि सरकार ने बिना नीलामी के कई फर्म्स को कोयला ब्लॉक आवंटित किया था. इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी आरोप लगाए गए थे.
इस मामले में सीबीआई ने अपने एफआईआर में कम से कम 1 दर्जन कंपनियों का नाम लिया जिन पर अपनी नेटवर्थ बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने, पिछले कोयला ब्लॉक आवंटन को छिपाने और कोयला ब्लॉक की होर्डिंग करने जैसे आरोप लगाए गए थे.
इस आवंटन की गड़बड़ी में पूर्व केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय, बीजेपी के राज्य सभा सांसद अजय संचेती, कांग्रेस नेता विजय दर्डा और राजेंद्र दर्डा, आरजेडी नेता और पूर्व कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और कांग्रेस सांसद और जिंदल स्टील एंड पॉवर के चेयरमैन नवीन जिंदल का नाम सामने आया था.
वहीं इस केस में ट्रायल का सामना कर रहे चार्टर्ड एकाउंटेंट अमित गोयल को कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है. बताते चलें कि साल 2012 में कैग ने अपनी ड्राफ रिपोर्ट में साल 2004 से 2009 में कोयला ब्लॉक आवंटन को गलत बताते हुए इसमें 1.86 लाख करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था. उनका आरोप था कि सरकार ने बिना नीलामी के कई फर्म्स को कोयला ब्लॉक आवंटित किया था. इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी आरोप लगाए गए थे.
इस मामले में सीबीआई ने अपने एफआईआर में कम से कम 1 दर्जन कंपनियों का नाम लिया जिन पर अपनी नेटवर्थ बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने, पिछले कोयला ब्लॉक आवंटन को छिपाने और कोयला ब्लॉक की होर्डिंग करने जैसे आरोप लगाए गए थे.
इस आवंटन की गड़बड़ी में पूर्व केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय, बीजेपी के राज्य सभा सांसद अजय संचेती, कांग्रेस नेता विजय दर्डा और राजेंद्र दर्डा, आरजेडी नेता और पूर्व कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और कांग्रेस सांसद और जिंदल स्टील एंड पॉवर के चेयरमैन नवीन जिंदल का नाम सामने आया था.