कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन गिरफ्तार, जजों के खिलाफ टिप्पणी के हैं आरोप

पूर्व नायाधीश सीएस कर्णन (फोटो: News18 Tamil)
रिटायर्ड जज सीएस कर्णन (CS Karnan) के खिलाफ न्यायाधीशों की पत्नियों, महिला वकीलों और अदालत की महिला स्टाफ के साथ दुर्व्यव्यवहार के आरोप लगाए थे. कर्णन का करियर काफी विवादों भरा रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 2, 2020, 5:36 PM IST
चेन्नई. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. बीते महीने तमिलनाडु बार काउंसिल (Tamilnadu Bar Council) की तरफ से मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में रिटायर्ड जज सीएस कर्णन के खिलाफ न्यायाधीशों की पत्नियों, महिला वकीलों और अदालत की महिला स्टाफ के साथ दुर्व्यव्यवहार के आरोप लगाए थे. कर्णन पर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने महिलाओं को बलात्कार की धमकियां (Rape Threats) दी हैं और यौन टिप्पणियां की हैं.
बीती 27 को अक्टूबर चेन्नई पुलिस के साइबर सेल शाखा में मद्रास हाईकोर्ट के वकील ने शिकायत दर्ज कराई थी. वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस शिकायत के बाद मद्रास हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद ए बोबड़े (CJI Sharad A Bobde) को लिखा था. इस पत्र में वकीलों ने उस वीडियो का जिक्र किया था, जिसमें कर्णन महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं, न्यायिक अधिकारियों और जजों की पत्नियों को यौन हिंसा की धमकी दे रहे हैं. इस वीडियो में यह भी नजर आ रहा है कि कर्णन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर कोर्ट की महिला स्टाफ के साथ यौन हिंसा के आरोप लगा रहे हैं. वीडियो में उन्होंने कथित पीड़ितों के नाम भी कहे.
हमेशा विवादों में बने रहने वाले कर्णन के कथित वीडियो वायरल हुए हैं. इन वीडियो में कर्णन महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं. याचिका में इस वीडियो को सजा के लिए सबूत के तौर पर मानने के लिए कहा था. बार काउंसिल के मुताबिक, कर्णन न्याय व्यवस्था के लिए खतरा बन गए हैं. खास बात है कि कर्णन जज रहते हुए भी जेल की सजा काट चुके हैं.
पहले भी हो चुके हैं गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन को मई 2017 में 6 महीने की सजा सुनाई थी. उस वक्त कर्णन सुप्रीम कोर्ट, न्याय व्यवस्था और न्याय प्रक्रिया की अवमानना के दोषी पाए गए थे. खास बात है कि जिस वक्त कर्णन को सजा हुई, उनकी रिटायरमेंट में केवल 6 महीने का ही समय बचा था. उन पर करियर में कई बार भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे. हालांकि, उन्होंने हर बार इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने दावा किया है कि दलित होने की वजह से उन्हें निशाना बनाया जाता है.
बीती 27 को अक्टूबर चेन्नई पुलिस के साइबर सेल शाखा में मद्रास हाईकोर्ट के वकील ने शिकायत दर्ज कराई थी. वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस शिकायत के बाद मद्रास हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद ए बोबड़े (CJI Sharad A Bobde) को लिखा था. इस पत्र में वकीलों ने उस वीडियो का जिक्र किया था, जिसमें कर्णन महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं, न्यायिक अधिकारियों और जजों की पत्नियों को यौन हिंसा की धमकी दे रहे हैं. इस वीडियो में यह भी नजर आ रहा है कि कर्णन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर कोर्ट की महिला स्टाफ के साथ यौन हिंसा के आरोप लगा रहे हैं. वीडियो में उन्होंने कथित पीड़ितों के नाम भी कहे.
हमेशा विवादों में बने रहने वाले कर्णन के कथित वीडियो वायरल हुए हैं. इन वीडियो में कर्णन महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं. याचिका में इस वीडियो को सजा के लिए सबूत के तौर पर मानने के लिए कहा था. बार काउंसिल के मुताबिक, कर्णन न्याय व्यवस्था के लिए खतरा बन गए हैं. खास बात है कि कर्णन जज रहते हुए भी जेल की सजा काट चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन को मई 2017 में 6 महीने की सजा सुनाई थी. उस वक्त कर्णन सुप्रीम कोर्ट, न्याय व्यवस्था और न्याय प्रक्रिया की अवमानना के दोषी पाए गए थे. खास बात है कि जिस वक्त कर्णन को सजा हुई, उनकी रिटायरमेंट में केवल 6 महीने का ही समय बचा था. उन पर करियर में कई बार भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे. हालांकि, उन्होंने हर बार इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने दावा किया है कि दलित होने की वजह से उन्हें निशाना बनाया जाता है.