GDP गिरने पर बोले मनमोहन सिंह- जागरूक नागरिक की तरह कह रहा हूं, स्थिति चिंताजनक है
News18Hindi Updated: November 29, 2019, 10:09 PM IST

मनमोहन सिंह ने GDP के आंकड़ों पर टिप्पणी की है.
NSSO के आंकड़े में बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोग की सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है
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- Last Updated: November 29, 2019, 10:09 PM IST
नई दिल्ली. देश की जीडीपी (GDP) 6 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. शुक्रवार को NSSO ने जीडीपी के आंकड़े जारी किये. आंकड़े सामने आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने टिप्पणी की. मनमोहन सिंह ने कहा कि 'स्थिति बहुत ही चिंताजनक है. आज जारी किए गए जीडीपी के आंकड़े 4.5% तक हैं. यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है.' मनमोहन ने स्पष्ट कहा कि मैं देश के एक जागरूक नागरिक की तरह ये सब कह रहा हूं, इसमें राजनीति को शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
मनमोहन सिंह ने कहा कि 'हमारे देश की आकांक्षा 8-9% की दर से बढ़ना है. सकल घरेलू उत्पाद का 5% से 4.5% तक की तीव्र गिरावट चिंताजनक है. आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद नहीं मिलेगी.'
पूर्व पीएम ने कहा- 'आज ऐसा कोई नहीं है जो मंदी और इसके खतरनाक परिणाम से इनकार कर सकें. जीडीपी का गिरना चिंता का विषय है. हमें सोसायटी को डर के माहौल से निकाल कर भरोसे के माहौल में ले जाना होगा. हमारा आपसी विश्वास का सामाजिक ढांचा अब तहस नहस हो चुका है. कई व्यवसायी मुझे बताते हैं कि वो डर के माहौल में जी रहे हैं कि उन्हें प्रताणित किया जा सकता है. इस सबका कारण सरकार की नीतियां हैं. मोदी सरकार सबको शक की नजर से देखती है. पहले की सरकारों के सब फैसलों को गलत मानकर चलते हैं
सरकार को भारत के किसानों, व्यवसायी और नागरिकों को विश्वास की नजर से देखना होगा. पूर्ण बहुमत और तेल के कम अंतरराष्ट्रीय दाम एक ऐसा मौका थे जो कई जेनरेशन में एक बार मिलते हैं. सरकार को इसका फायदा उठाना चाहिए था.'
Q2FY20 GDP growth at 4.5% Vs 5% (QoQ) & Vs 7% (YoY)
हमारा सामाजिक ताना-बाना अब टूट गया- मनमोहन सिंह
उन्होंने कहा, 'हमें अपने समाज में मौजूदा माहौल को एक डर से बदलकर अपनी अर्थव्यवस्था के लिए 8% प्रति वर्ष की दर से विकसित करने की आवश्यकता है. अर्थव्यवस्था की स्थिति अपने समाज की स्थिति का प्रतिबिंब है. विश्वास का हमारा सामाजिक ताना-बाना अब टूट गया है.'
बता दें कि चालू वित्त वर्ष के दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर माह के लिए सकल घरलू उत्पाद यानी जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 4.5 फीसदी के स्तर पर आ गया है. इसके पहले की तिमाही में यह जीडीपी दर 5 फीसदी के स्तर पर था. यह पिछली 26 तिमाही में सबसे कम है. पहली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी पर आ गई है. वहीं, पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी दर्ज की गई थी.
जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था. इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही. बता दें एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी, वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी.
यह भी पढ़ें: 6 साल में सबसे कम हुई GDP ग्रोथ तो कांग्रेस बोली- सब चंगा नहीं, सब मंदा सी...
मनमोहन सिंह ने कहा कि 'हमारे देश की आकांक्षा 8-9% की दर से बढ़ना है. सकल घरेलू उत्पाद का 5% से 4.5% तक की तीव्र गिरावट चिंताजनक है. आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद नहीं मिलेगी.'
पूर्व पीएम ने कहा- 'आज ऐसा कोई नहीं है जो मंदी और इसके खतरनाक परिणाम से इनकार कर सकें. जीडीपी का गिरना चिंता का विषय है. हमें सोसायटी को डर के माहौल से निकाल कर भरोसे के माहौल में ले जाना होगा. हमारा आपसी विश्वास का सामाजिक ढांचा अब तहस नहस हो चुका है. कई व्यवसायी मुझे बताते हैं कि वो डर के माहौल में जी रहे हैं कि उन्हें प्रताणित किया जा सकता है. इस सबका कारण सरकार की नीतियां हैं. मोदी सरकार सबको शक की नजर से देखती है. पहले की सरकारों के सब फैसलों को गलत मानकर चलते हैं
सरकार को भारत के किसानों, व्यवसायी और नागरिकों को विश्वास की नजर से देखना होगा. पूर्ण बहुमत और तेल के कम अंतरराष्ट्रीय दाम एक ऐसा मौका थे जो कई जेनरेशन में एक बार मिलते हैं. सरकार को इसका फायदा उठाना चाहिए था.'
Q2FY20 GDP growth at 4.5% Vs 5% (QoQ) & Vs 7% (YoY)
Q2FY20 GVA at 4.3% Vs 4.9% (QoQ) & Vs 6.9% (YoY) pic.twitter.com/jNLCnpF9Jz— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) November 29, 2019Loading...
हमारा सामाजिक ताना-बाना अब टूट गया- मनमोहन सिंह
उन्होंने कहा, 'हमें अपने समाज में मौजूदा माहौल को एक डर से बदलकर अपनी अर्थव्यवस्था के लिए 8% प्रति वर्ष की दर से विकसित करने की आवश्यकता है. अर्थव्यवस्था की स्थिति अपने समाज की स्थिति का प्रतिबिंब है. विश्वास का हमारा सामाजिक ताना-बाना अब टूट गया है.'
बता दें कि चालू वित्त वर्ष के दूसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर माह के लिए सकल घरलू उत्पाद यानी जीडीपी ग्रोथ रेट घटकर 4.5 फीसदी के स्तर पर आ गया है. इसके पहले की तिमाही में यह जीडीपी दर 5 फीसदी के स्तर पर था. यह पिछली 26 तिमाही में सबसे कम है. पहली तिमाही में विकास दर 5 फीसदी पर आ गई है. वहीं, पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी दर्ज की गई थी.
जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 की जुलाई-सितंबर के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये था. इस प्रकार, दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही. बता दें एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7 प्रतिशत थी, वहीं चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी.
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First published: November 29, 2019, 7:09 PM IST
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