कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की योजना में तेजी; फ्रंटलाइन वर्कर्स, बुजुर्गों के अलावा शिक्षकों को भी मिल सकती है प्राथमिकता

कोरोना वायरस की वैक्सीन के टीकाकरण की योजना बन रही है. (File pic AP)
Coronavirus Vaccine: केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण का कहना है कि जिस भी भारतीय को टीकाकरण की जरूरत होगी, उसे कोरोना का टीका जरूर लगाया जाएगा.
- News18Hindi
- Last Updated: December 9, 2020, 8:28 AM IST
नई दिल्ली. देश में अब कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के टीकाकरण को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है. इसके तहत पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस टीकाकरण अभियान को लेकर अहम जानकारियां दी थीं. अब विशेषज्ञों की एक कमेटी ने सरकार को कुछ अहम सुझाव दिए हैं. इनमें कहा गया है कि 1 करोड़ हेल्थ वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स (पुलिस और सशस्त्र बल भी) और 50 साल की उम्र से अधिक व कम उन के 27 करोड़ वो लोग जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता दी जाई जानी चाहिए.
उच्च स्तरीय एक्सपर्ट कमेटी (NEGVAC) ने सरकार को इन तीन समूहों के टीकाकरण को लेकर सुझाव दिए हैं. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण का कहना है कि जिस भी प्रत्येक भारतीय को टीकाकरण की जरूरत होगी, उसे टीका जरूर लगाया जाएगा. राजेश भूषण ने ये बातें कोविड 19 के लिए वैक्सीन प्रबंधन को बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप की बैठक में कहीं.
इस नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के चेयरमैन वीके पॉल का कहना है कि टीकाकरण के तहत शिक्षकों को भी प्राथमिकता में लाने पर विचार चल रहा है. माना जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का अंतिम प्रारूप अगले साल की शुरुआत में पूरा कर लिया जाएगा. राजेश भूषण ने बताया कि कमेटी की अनुशंसा के आधार पर सरकार ही यह अंतिम निर्णय लेगी कि किन लोगों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए प्राथमिकता में रखा जाएगा.
स्वास्थ्य सचिव का कहना है, 'हम मानते हैं कि टीकाकरण के प्रारंभिक दौर में या शायद पहले महीने में वैक्सीन की आवक सीमित होगी. हालांकि बाद में यह बढ़ेगी. फिर सभी प्राथमिकता वाले समूहों को एक साथ टीका लगाया जा सकेगा.'
एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों पर राजेश भूषण ने जानकारी दी है कि पहला सुझाव यह दिया गया है कि सबसे पहले कोरोना वैक्सीन पाने वालों में सरकारी और निजी क्षेत्र के हेल्थ वर्कर्स को शामिल किया जाना चाहिए. यह संख्या करीब 1 करोड़ होगी. इसके साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी इसमें शामिल किया जाए. इनमें पुलिस, सशस्त्र बल, होम गार्ड और अन्य रक्षा संगठन शामिल हैं. इनमें आपदा राहत बल और नगर निगम कर्मी भी शामिल किए जाएं. इनकी संख्या करीब 2 करोड़ है.
उच्च स्तरीय एक्सपर्ट कमेटी (NEGVAC) ने सरकार को इन तीन समूहों के टीकाकरण को लेकर सुझाव दिए हैं. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण का कहना है कि जिस भी प्रत्येक भारतीय को टीकाकरण की जरूरत होगी, उसे टीका जरूर लगाया जाएगा. राजेश भूषण ने ये बातें कोविड 19 के लिए वैक्सीन प्रबंधन को बने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप की बैठक में कहीं.
इस नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप के चेयरमैन वीके पॉल का कहना है कि टीकाकरण के तहत शिक्षकों को भी प्राथमिकता में लाने पर विचार चल रहा है. माना जा रहा है कि कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण का अंतिम प्रारूप अगले साल की शुरुआत में पूरा कर लिया जाएगा. राजेश भूषण ने बताया कि कमेटी की अनुशंसा के आधार पर सरकार ही यह अंतिम निर्णय लेगी कि किन लोगों को कोरोना वैक्सीन देने के लिए प्राथमिकता में रखा जाएगा.
स्वास्थ्य सचिव का कहना है, 'हम मानते हैं कि टीकाकरण के प्रारंभिक दौर में या शायद पहले महीने में वैक्सीन की आवक सीमित होगी. हालांकि बाद में यह बढ़ेगी. फिर सभी प्राथमिकता वाले समूहों को एक साथ टीका लगाया जा सकेगा.'
एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों पर राजेश भूषण ने जानकारी दी है कि पहला सुझाव यह दिया गया है कि सबसे पहले कोरोना वैक्सीन पाने वालों में सरकारी और निजी क्षेत्र के हेल्थ वर्कर्स को शामिल किया जाना चाहिए. यह संख्या करीब 1 करोड़ होगी. इसके साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी इसमें शामिल किया जाए. इनमें पुलिस, सशस्त्र बल, होम गार्ड और अन्य रक्षा संगठन शामिल हैं. इनमें आपदा राहत बल और नगर निगम कर्मी भी शामिल किए जाएं. इनकी संख्या करीब 2 करोड़ है.