भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी. सरकार ने शुक्रवार को यह अनुमान जारी किया. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी 2016-17 के लिए राष्ट्रीय आय अनुमान में बताया गया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.8 फीसदी थी.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्धित, जिसमें सब्सिडी और कर शामिल नहीं है) की दर 2016-17 में 7 फीसदी रहेगी, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 में यह 7.2 फीसदी थी. अग्रिम अनुमान के लिए इस्तेमाल मापदंडों में नोटबंदी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है.
जीडीपी पर योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था की मजबूती को गड़बड़ा दिया है और इससे वृद्धि दर दो प्रतिशत तक घटकर पांच प्रतिशत रह सकती है.
भारत वाणिज्य मंडल के सदस्यों के साथ बैठक में अहलूवालिया ने कहा कि देश में सात प्रतिशत से अधिक की आर्थिक वृद्धि हासिल करने की मजबूती है लेकिन नोटबंदी की वजह से यह गड़बड़ा गई है, मेरा मानाना है कि इससे जीडीपी एक से दो प्रतिशत तक प्रभावित होगी. इस हिसाब से चालू वित्त वर्ष में यह 5 से 5.5 प्रतिशत रह सकती है.
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FIRST PUBLISHED : January 06, 2017, 19:11 IST