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जम्मू के डोडा में हुए भू-धंसाव के कारणों का विशेषज्ञों ने किया खुलासा, जानिए क्या कहा

डोडा जिले के नई बस्ती गांव के घरों में आई दरारों को लेकर विशेषज्ञों का बड़ा खुलासा. (News18)

डोडा जिले के नई बस्ती गांव के घरों में आई दरारों को लेकर विशेषज्ञों का बड़ा खुलासा. (News18)

Doda House Crack: जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में हुए भू-धंसाव को लेकर एक्सपर्ट्स ने बड़ा खुलासा किया है. विशेषज्ञों क ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में हुए भू-धंसाव को लेकर बड़ा खुलासा
विशेषज्ञों ने कहा- भू-धंसाव जमीन खिसकने से आई है
जम्मू विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने की थी जांच

नई दिल्ली. जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में पिछले हफ्ते हुए  भू-धंसाव को लेकर विशेषज्ञों ने बड़ा खुलासा किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डोडा के ठाठरी इलाके के घरों में दरारें  भू-धंसाव से नहीं, बल्कि जमीन खिसकने से आई है. बताया जा रहा है कि जम्मू विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की ओर से प्रभावित इलाके में जांच की गई थी. इसके बाद ये बातें सामने आई हैं. विवि के वरिष्ठ भू-विशेषज्ञ प्रो. जीएम भट के नेतृत्व में डॉ. युद्धवीर सिंह की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर नमूने लिए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

गौरतलब हो कि डोडा जिले में स्थित किश्तवाड़-बटोटे नेश्नल हाईवे के पास थाथरी के नई बस्ती गांव के कई घरों में दरारें देखने को मिली थी. इसके बाद लोग इसकी तुलना उत्तराखंड के जोशीमठ में हुए भूधंसाव से करने लगे थे. हालांकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने डोडा के हालात की तुलना जोशीमठ के साथ करने से इनकार कर दिया था.

उपराज्यपाल ने दिया था बड़ा बयान

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन हालात पर करीबी नजर रख रहा है. प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. सिन्हा ने जम्मू स्थित राजभवन में एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि सभी प्रभावित घरों को खाली करा लिया गया है और बहुत घबराने की जरूरत नहीं है. प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और हरसंभव कदम उठाए जाएंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या प्रभावित गांव में जोशीमठ जैसी स्थिति है, उपराज्यपाल ने कहा था बिल्कुल नहीं.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर के डोडा में भी जोशीमठ की तरह धंस रही जमीन? LG मनोज सिन्हा बोले- बिल्कुल नहीं

बता दें कि नई बस्ती गांव के घरों में कुछ दिन पहले दरारें आनी शुरू हो गई थीं, लेकिन गुरुवार को भूस्खलन से स्थिति और खराब हो गई थी. इसके बाद प्रभावित घरों की संख्या 21 तक पहुंच गई थी. यहां दरारें आने के बाद 3 घर ढह गए थे, जबकि 18 अन्य घर असुरक्षित पाए गए थे. इसके चलते इस गांव के ज्यादातर घरों को खाली करवा लिया गया और लोगों को राहत शिविरों में भेजा दिया गया था.

Tags: Jammu kashmir, Joshimath, Landslide

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