युवा मुस्लिम नेता के लिए भारत का प्रधानमंत्री बनने की चाह रखना बेहद कठिन: गुलाम नबी आजाद

गुलाम नबी आजाद ने इंटरव्यू में कही बात. (File pic)
कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का राज्यसभा (Rajya Sabha) में पिछले दिनों कार्यकाल खत्म हुआ है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 12, 2021, 4:10 PM IST
नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) का राज्यसभा (Rajya Sabha) में पिछले दिनों कार्यकाल खत्म हुआ है. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी उनकी तारीफ की. गुलाम नबी आजाद भी कुछ किस्से याद करके भावुक हुए. अब गुलाम नबी आजाद ने एक इंटरव्यू में कहा है कि युवा मुस्लिम नेता के लिए भारत का प्रधानमंत्री बनने की चाह रखना बहुत मुश्किल है.
गुलाम नबी आजाद ने यह बात हिंदुस्तान टाइम्स से एक इंटरव्यू में कही है. उन्होंने कहा, “मैं निकट भविष्य में इसका अनुमान नहीं लगाता, शायद कुछ दशक बाद. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राज्यसभा में अपने विदाई भाषण में भी कहा था, 'अगर दुनिया में किसी भी मुस्लिम को गर्व महसूस करना चाहिए, तो यह भारतीय मुस्लिम होना चाहिए.'
गुलाम नबी आजाद ने इससे पहले 2018 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए भी इस संबंध में कुछ बातें कहीं थीं. उन्होंने कहा था, 'यहां तक कि उन हिंदू प्रत्याशियों की संख्या भी कम हो गई है, जो उन्हें चुनाव में प्रचार के लिए बुलाते थे. लोग डरे हुए हैं.'रिपोर्ट के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि 2018 में उनकी ओर से की गई टिप्पणियों के बाद उन्होंने 'भारतीय मुस्लिम' का संदर्भ क्यों दिया? तो गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने एएमयू में कहा था कि देश में माहौल इतना बिगड़ गया है कि इतिहास के उलट जहां 99% हिंदू उम्मीदवार मुस्लिम वोट पाने के लिए उन्हें उनके प्रचार के लिए आमंत्रित करते थे, वहीं अब यह संख्या 40% तक कम हो गई है.

आजाद ने कहा कि उनका संदेश वहां एकत्र हुए एएमयू के पूर्व छात्रों को भी था कि राजदूत बनना और उस भारत को वापस लाना उनका काम है. उन्होंने कहा कि यह वह भारत था, जहां उन्होंने 1979 में महाराष्ट्र से 95% हिंदू मतदाताओं वाले वोटबैंक में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उनके अनुसार, 'मेरे खिलाफ जनता पार्टी का हिंदू उम्मीदवार था, लेकिन मैं फिर भी जीता.'
गुलाम नबी आजाद ने यह बात हिंदुस्तान टाइम्स से एक इंटरव्यू में कही है. उन्होंने कहा, “मैं निकट भविष्य में इसका अनुमान नहीं लगाता, शायद कुछ दशक बाद. इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने राज्यसभा में अपने विदाई भाषण में भी कहा था, 'अगर दुनिया में किसी भी मुस्लिम को गर्व महसूस करना चाहिए, तो यह भारतीय मुस्लिम होना चाहिए.'
गुलाम नबी आजाद ने इससे पहले 2018 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए भी इस संबंध में कुछ बातें कहीं थीं. उन्होंने कहा था, 'यहां तक कि उन हिंदू प्रत्याशियों की संख्या भी कम हो गई है, जो उन्हें चुनाव में प्रचार के लिए बुलाते थे. लोग डरे हुए हैं.'रिपोर्ट के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि 2018 में उनकी ओर से की गई टिप्पणियों के बाद उन्होंने 'भारतीय मुस्लिम' का संदर्भ क्यों दिया? तो गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने एएमयू में कहा था कि देश में माहौल इतना बिगड़ गया है कि इतिहास के उलट जहां 99% हिंदू उम्मीदवार मुस्लिम वोट पाने के लिए उन्हें उनके प्रचार के लिए आमंत्रित करते थे, वहीं अब यह संख्या 40% तक कम हो गई है.
आजाद ने कहा कि उनका संदेश वहां एकत्र हुए एएमयू के पूर्व छात्रों को भी था कि राजदूत बनना और उस भारत को वापस लाना उनका काम है. उन्होंने कहा कि यह वह भारत था, जहां उन्होंने 1979 में महाराष्ट्र से 95% हिंदू मतदाताओं वाले वोटबैंक में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उनके अनुसार, 'मेरे खिलाफ जनता पार्टी का हिंदू उम्मीदवार था, लेकिन मैं फिर भी जीता.'