Uttarakhand Glacier Tragedy: अमित शाह बोले- एयरलिफ्ट कर उत्तराखंड भेजी गईं NDRF की टीम

ग्लेशियर ढहने से अचानक आई बाढ़ के बाद कम से कम 150 लोग लापता हैं.
Uttarakhand Glacier Tragedy : उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक विकराल बाढ़ आ गई है. इस हादसे में कम से कम 150 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: February 7, 2021, 6:07 PM IST
नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने (Uttarakhand Glacier Tragedy) के कारण अचानक आई बाढ़ (Uttarakhand Floods) की स्थिति पर रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बात की और कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की कुछ टीम दिल्ली से एयरलिफ्ट के जरिये उत्तराखंड भेजी जा रही हैं.
वहीं NDRF के डीजी एसएन प्रधान ने कहा, 'ग्लेशियर फटने की रिपोर्ट आई और उसके बाद देहरादून से हमारी टीम रवाना हुई. अभी तक एनडीआरएफ की पांच टीम भेजने का आदेश दिया गया है, जिनमें से 3 एयरलिफ्ट हो चुकी हैं.'
इससे पहले अमित शाह ने ट्वीट किया, 'उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, आईटीबीपी के महानिदेशक और एनडीआरएफ के महानिदेशक से बात की है.' उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. एनडीआाएफ की टीम बचाव कार्य के लिए निकल गई हैं. देवभूमि को हरसंभव मदद दी जाएगी.गृह मंत्री ने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की कुछ और टीम दिल्ली से हवाई मार्ग से उत्तराखंड भेजी जा रही हैं. हम वहाँ की स्थिति पर निरंतर नजर रख रहे हैं.'
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को कहा कि वह उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए हैं और बचाव एवं राहत अभियान को लेकर संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति निरंतर नजर रखे हुए हैं. भारत उत्तराखंड के साथ है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है.' उन्होंने कहा, .राहत एवं बचाव कार्यों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तैनाती को लेकर लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहा हूं.'

गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक विकराल बाढ़ आ गई है. राज्य के आपदा मोचन बल की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, 'ऊर्जा परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि परियोजना स्थल पर मौजूद रहे 150 कामगारों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है.'
वहीं NDRF के डीजी एसएन प्रधान ने कहा, 'ग्लेशियर फटने की रिपोर्ट आई और उसके बाद देहरादून से हमारी टीम रवाना हुई. अभी तक एनडीआरएफ की पांच टीम भेजने का आदेश दिया गया है, जिनमें से 3 एयरलिफ्ट हो चुकी हैं.'
इससे पहले अमित शाह ने ट्वीट किया, 'उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, आईटीबीपी के महानिदेशक और एनडीआरएफ के महानिदेशक से बात की है.' उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. एनडीआाएफ की टीम बचाव कार्य के लिए निकल गई हैं. देवभूमि को हरसंभव मदद दी जाएगी.गृह मंत्री ने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की कुछ और टीम दिल्ली से हवाई मार्ग से उत्तराखंड भेजी जा रही हैं. हम वहाँ की स्थिति पर निरंतर नजर रख रहे हैं.'
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को कहा कि वह उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए हैं और बचाव एवं राहत अभियान को लेकर संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'उत्तराखंड की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति निरंतर नजर रखे हुए हैं. भारत उत्तराखंड के साथ है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना कर रहा है.' उन्होंने कहा, .राहत एवं बचाव कार्यों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की तैनाती को लेकर लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहा हूं.'
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में रविवार को हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक विकराल बाढ़ आ गई है. राज्य के आपदा मोचन बल की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि ऋषिगंगा ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक कामगार संभवत: इस प्राकृतिक आपदा से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, 'ऊर्जा परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया है कि परियोजना स्थल पर मौजूद रहे 150 कामगारों से उनका संपर्क नहीं हो पा रहा है.'