विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक में कुछ बदलाव कर सकती है सरकार
भाषा Updated: November 18, 2019, 11:27 PM IST

नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है.
विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship (Amendment) Bill 2019) में केंद्र सरकार (Central Government) बदलाव करने पर विचार कर रही है.
- भाषा
- Last Updated: November 18, 2019, 11:27 PM IST
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship (Amendment) Bill 2019) में कुछ बदलाव कर सकती है. यह विधेयक पिछली लोकसभा के भंग होने की वजह से निष्प्रभावी हो गया है. अधिकारियों ने बताया कि सरकार ‘अवैध प्रवासी’ शब्द को परिभाषित करने समेत कुछ नए प्रावधान इसमें जोड़ सकती है.
यह विधेयक सात साल तक भारत में रह चुके पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के हिन्दू (Hindu), जैन (Jain), ईसाई (Christian), सिख (Sikh), बौद्ध (Buddha) तथा पारसियों (Parsis) को भारतीय नागरिकता देने की बात कहता है, भले ही उनके पास कोई दस्तावेज नहीं हो.
मसौदे में बदलाव पर चल रहा है काम
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘‘नए मसौदे में कुछ बदलाव होंगे. मसौदे पर अब भी काम चल रहा है.’’ नए मसौदे में संभवत: ‘अवैध प्रवासियों’ और पड़ोसी मुल्कों में धार्मिक अत्याचार की वजह से भारत में शरण लेने वाले लोगों के बीच स्पष्ट वर्गीकरण किया जा सकता है.अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने हाल में पाया कि ब्रिटेन में जन्में एक लेखक ने ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड का उल्लंघन किया है. इसके मद्देनजर इस बात की संभावना है कि नए मसौदे में कुछ प्रावधान शामिल किए जाएं ताकि उल्लंघन को पकड़ा जा सके और कार्रवाई की जा सके.
पक्षकारों से जल्द होगा सलाह मशविरा
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ पक्षकारों के साथ जल्द ही सलाह मशविरा हो सकता है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और माकपा समेत कुछ पार्टियां इस विधेयक का विरोध कर रही है और उनका कहना है कि नागरिकता धर्म के आधार पर नहीं दी जा सकती है.सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस विधेयक को संसद सत्र की कार्य सूची में सूचीबद्ध किया है.
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यह विधेयक सात साल तक भारत में रह चुके पाकिस्तान (Pakistan), बांग्लादेश (Bangladesh) और अफगानिस्तान (Afghanistan) के हिन्दू (Hindu), जैन (Jain), ईसाई (Christian), सिख (Sikh), बौद्ध (Buddha) तथा पारसियों (Parsis) को भारतीय नागरिकता देने की बात कहता है, भले ही उनके पास कोई दस्तावेज नहीं हो.
मसौदे में बदलाव पर चल रहा है काम
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘‘नए मसौदे में कुछ बदलाव होंगे. मसौदे पर अब भी काम चल रहा है.’’ नए मसौदे में संभवत: ‘अवैध प्रवासियों’ और पड़ोसी मुल्कों में धार्मिक अत्याचार की वजह से भारत में शरण लेने वाले लोगों के बीच स्पष्ट वर्गीकरण किया जा सकता है.अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने हाल में पाया कि ब्रिटेन में जन्में एक लेखक ने ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया कार्ड का उल्लंघन किया है. इसके मद्देनजर इस बात की संभावना है कि नए मसौदे में कुछ प्रावधान शामिल किए जाएं ताकि उल्लंघन को पकड़ा जा सके और कार्रवाई की जा सके.
पक्षकारों से जल्द होगा सलाह मशविरा
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ पक्षकारों के साथ जल्द ही सलाह मशविरा हो सकता है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और माकपा समेत कुछ पार्टियां इस विधेयक का विरोध कर रही है और उनका कहना है कि नागरिकता धर्म के आधार पर नहीं दी जा सकती है.
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First published: November 18, 2019, 11:07 PM IST
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