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साइरस मिस्त्री की मौत से सरकार ने लिया सबक, 'पुलों की रेलिंग' को लेकर उठाया ये बड़ा कदम

केंद्र सरकार अब देशभर के सभी मौजूदा पुलों पर रेलिंग को क्रैश बैरियर के साथ बदलने पर विचार कर रही है. (File Photo)

केंद्र सरकार अब देशभर के सभी मौजूदा पुलों पर रेलिंग को क्रैश बैरियर के साथ बदलने पर विचार कर रही है. (File Photo)

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस पालोनजी मिस्त्री की कार पालघर में मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर एक पुल की दीवार से टकराकर द ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली: उद्योगपति साइरस पी. मिस्त्री की इस साल सितंबर में घातक सड़क दुर्घटना में हुई मौत से एक महत्वपूर्ण सीख लेते हुए केंद्र सरकार अब देशभर के सभी मौजूदा पुलों पर रेलिंग को क्रैश बैरियर के साथ बदलने पर विचार कर रही है. टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस पालोनजी मिस्त्री की कार पालघर में मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर एक पुल की दीवार से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी, जिसमें उनकी और उनके दोस्त जहांगीर पंडोले की मौत हो गई थी, जो लंदन में केपीएमजी के वैश्विक रणनीति प्रमुख थे.

इस घातक दुर्घटना के कारणों में कार की गति अधिक होना, पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों का सीट-बेल्ट नहीं पहनना और पुल की पैरापेट वॉल पर क्रैश बैरियर का न होना प्रमुख थे. क्रैश बैरियर दुर्घटना के प्रभाव को कम कर सकता था. दुर्घटना के एक अन्य कारण में पुल की पैरापेट वॉल का शोल्डर लेन में बाहर की आरे निकला बताया गया था. यह एक दो लेन का पुल है, जिसे सूर्या नदी चरोती ब्रिज कहा जाता है. केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 14 दिसंबर को सभी राज्यों और एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों को मौजूदा पुलों पर लगी रेलिंग को क्रैश बैरियर के साथ बदलने की आवश्यकता पर एक सर्कुलर जारी किया.

सर्कुलर में कहा गया है, ‘यह देखा गया है कि मौजूदा पुलों को चौड़ा किए बिना बरकरार रखा गया है, मौजूदा रेलिंग को आमतौर पर क्रैश बैरियर द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जाता है. वाहन यातायात की सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर का प्रावधान अनिवार्य रूप से आवश्यक है, लेकिन बिना चौड़ा किए मौजूदा पुलों की रेलिंग को बदलने की संरचनात्मक उपयुक्तता के बारे में आशंका है. मंत्रालय में मामले की सावधानी से जांच की गई है.’ पुलों की रेलिंग को क्रैश बैरियर से बदलने से पहले मंत्रालय के सर्कुलर में कुछ नए निर्णयों का उल्लेख किया गया है, जैसे ट्रैफिक फेस पर क्रैश बैरियर के वर्टिकल रीइन्फोर्समेंट को कर्ब रिइन्फोर्समेंट से जोड़ा जाना, डिजाइन लोड के संबंध में इसकी पर्याप्तता की जांच और डेक स्लैब में कंक्रीट की गुणवत्ता का परीक्षण सुनिश्चित किया जाना.

केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय के नवीनतम सर्कुलर में कहा गया है, ‘कैरिजवे के किनारे पर फुटपाथ के साथ या उसके बिना सभी नए पुलों पर क्रैश बैरियर प्रदान किया जाना है. टू-लेन मैनुअल के अनुसार, जहां कहीं भी मौजूदा पुलों को बिना चौड़ीकरण के बनाए रखना है, फुटपाथ के अंदर और बाहरी तरफ पैदल यात्री रेलिंग में क्रैश बैरियर प्रदान किया जाएगा. फोर-लेनिंग मैनुअल में, यह निर्दिष्ट किया गया है कि मौजूदा पुलों की रेलिंग क्रैश बैरियर के साथ होगी.’

Tags: Bridge Collapse, Road Accidents, Union Minister Nitin Gadkari

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