राज्यपाल के पास कंगना से मिलने का समय है, पर किसानों से मिलने का नहीं : शरद पवार

शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र सरकार को समर्थन दे रही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में जुटे महाराष्ट्र के किसानों की सभा को मुंबई के आजाद मैदान में संबोधित करते हुए राज्यपाल को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने अब तक ऐसा राज्यपाल नहीं देखा, जिसके पास किसानों से मिलने का समय नहीं है. राज्यपाल अभिनेत्री से मिल सकते हैं, लेकिन वे किसानों से मिलने यहां नहीं आए हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: January 25, 2021, 11:35 PM IST
मुंबई. पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है जबकि वे अभिनेत्री कंगना रनौत से मिल सकते हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 60 दिनों से जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, वे भारतीय हैं न कि पाकिस्तानी. सरकार ने कृषि कानूनों पर संसद में न तो व्यापक चर्चा कराई और न ही विपक्ष के बहस कराने की बात मानी. वे मुंबई के आजाद मैदान में जुटे किसानों को संबोधित कर रहे थे. इसमें अखिल भारतीय किसान सभा और अन्य संगठनों से जुड़े नासिक के सैकड़ों किसान शामिल हुए.
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को तबाह करने की कोशिश कर रही है.
केंद्र सरकार पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि हम पिछले 60 दिनों से देख रहे हैं कि ठंड, धूप और बारिश की परवाह किए बिना उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान एक जुट होकर नए कृषि कानूनों के वापस लिए जाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इन किसानों को केंद्र सरकार पंजाब के किसान कह रही है. शरद पवार ने कहा ये किसान हमारे अपने हैं, ये पंजाब से हैं न कि पाकिस्तान से.
नए कृषि कानून संसद में बिना व्यापक चर्चा के पारित किए
उन्होंने कहा कि मुंबई में किसान एकजुट हुए हैं क्योंकि वे दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दे रहे हैं, लेकिन राज्यपाल के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है. राज्यपाल अभिनेत्री कंगना रनौत से मिल सकते हैं, लेकिन किसानों से मिलने वे यहां नहीं आए. श्री पवार ने कहा कि ये नए कृषि कानून संसद में बिना व्यापक चर्चा के पारित किए गए हैं. विपक्ष ने इन कानूनों पर चर्चा और बहस की मांग की थी, उस पर शीर्ष नेता भी मौजूद थे लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नहीं माना. हमने कहा था कि एक समिति गठित हो और उसमें सभी दलों के नेताओं को शामिल किया जाए, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इस पर चर्चा नहीं की.
पहले ये कानून वापस लिए जाएं और उसके बाद ही चर्चा
उन्होंने कहा कि किसानों की भूमिका को याद करते हुए कहा कि किसानों ने सरकारें तक बदल दी हैं. अब किसान चाहता है कि पहले ये कानून वापस लिए जाएं और उसके बाद ही चर्चा होगी. उन्होंने याद करते हुए कहा कि मुंबई ने आजादी के समय से कई आंदोलन देख हैं और आज तो किसानों की सबसे बड़ी संख्या विरोध प्रदर्शन करने के लिए आई है. महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई है.
ऐसा कानून लाएंगे जो किसानों के हित में होगा
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख बालासाहेब थोरात ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों के हित में एक समिति का गठन किया है जो कृषि कानूनों का हल खोजेगी. उन्होंने कहा कि हम राज्य में ऐसा कानून लाएंगे जो किसानों के हित में होगा. वहीं, आजाद मैदान में जुटे किसानों ने प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली मार्च की योजना बनाई है.
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को तबाह करने की कोशिश कर रही है.
केंद्र सरकार पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि हम पिछले 60 दिनों से देख रहे हैं कि ठंड, धूप और बारिश की परवाह किए बिना उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसान एक जुट होकर नए कृषि कानूनों के वापस लिए जाने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इन किसानों को केंद्र सरकार पंजाब के किसान कह रही है. शरद पवार ने कहा ये किसान हमारे अपने हैं, ये पंजाब से हैं न कि पाकिस्तान से.
नए कृषि कानून संसद में बिना व्यापक चर्चा के पारित किए
उन्होंने कहा कि मुंबई में किसान एकजुट हुए हैं क्योंकि वे दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों को अपना समर्थन दे रहे हैं, लेकिन राज्यपाल के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है. राज्यपाल अभिनेत्री कंगना रनौत से मिल सकते हैं, लेकिन किसानों से मिलने वे यहां नहीं आए. श्री पवार ने कहा कि ये नए कृषि कानून संसद में बिना व्यापक चर्चा के पारित किए गए हैं. विपक्ष ने इन कानूनों पर चर्चा और बहस की मांग की थी, उस पर शीर्ष नेता भी मौजूद थे लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नहीं माना. हमने कहा था कि एक समिति गठित हो और उसमें सभी दलों के नेताओं को शामिल किया जाए, इसके बावजूद केंद्र सरकार ने इस पर चर्चा नहीं की.
पहले ये कानून वापस लिए जाएं और उसके बाद ही चर्चा
उन्होंने कहा कि किसानों की भूमिका को याद करते हुए कहा कि किसानों ने सरकारें तक बदल दी हैं. अब किसान चाहता है कि पहले ये कानून वापस लिए जाएं और उसके बाद ही चर्चा होगी. उन्होंने याद करते हुए कहा कि मुंबई ने आजादी के समय से कई आंदोलन देख हैं और आज तो किसानों की सबसे बड़ी संख्या विरोध प्रदर्शन करने के लिए आई है. महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई है.
ऐसा कानून लाएंगे जो किसानों के हित में होगा
इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख बालासाहेब थोरात ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों के हित में एक समिति का गठन किया है जो कृषि कानूनों का हल खोजेगी. उन्होंने कहा कि हम राज्य में ऐसा कानून लाएंगे जो किसानों के हित में होगा. वहीं, आजाद मैदान में जुटे किसानों ने प्रदर्शनकारी किसानों को समर्थन देने के लिए दिल्ली मार्च की योजना बनाई है.