गुजरात की तरह सरकार गठन को लेकर हिमाचल में अभी स्थिति साफ नहीं हो सकी है. क्योंकि, कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं और उनके बीच फिलहाल किसी एक व्यक्ति को लेकर एकमतता कायम नहीं हो सकी है. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोकी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह चुनाव दिवंगत वीरभद्र सिंह के नाम पर जीता है, इसलिए मुख्यमंत्री पद के लिए मेरा या मेरे परिवार की उपेक्षा नहीं की जा सकती.
नई दिल्ली: गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के फाइनल रिजल्ट आ चुके हैं. गुजरात में भाजपा ने लगातार 7वें चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. भगवा पार्टी ने देश के इस पश्चिमी राज्य में चुनावी इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए 182 में से 156 सीटें अपने नाम कीं. कांग्रेस सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई और उसे गुजरात में अपनी अब तक की सबसे शर्मनाक हार देखनी पड़ी. आम आदमी पार्टी के खाते में 5 सीटें आईं, जबकि 4 पर निर्दलीय जीते. इससे पहले 1985 के चुनाव में कांग्रेस ने माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस ने गुजरात में 149 सीटें जीती थीं, जो राज्य में किसी दल की सबसे बड़ी जीत थी. गुजरात में 12 नवंबर को दोपहर 2 बजे नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा. भाजपा ने कंफर्म कर दिया है कि भूपेंद्र पटेल ही मुख्यमंत्री होंगे. उनके शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे.
अधिक पढ़ें ...गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्यपाल आचार्य देवव्रत को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. वह 12 दिसंबर को दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे कल घोषित हुए थे, जिसमें भाजपा ने 156 सीटों पर जीत के साथ लगातार 7वीं बार राज्य में सरकार बनाने का रास्ता साफ कर लिया. कांग्रेस को सिर्फ 17 सीटें मिलीं, आम आदमी पार्टी ने 5 और अन्य ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की.
हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला आज हो सकता है. कांग्रेस पार्टी ने शिमला में हिमाचल के अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाना है, जो राज्य का अगला सीएम होगा या होगी.
गुजरात चुनाव में भाजपा की बंपर जीत हुई. भाजपा की जीत पर जहां प्रधानमंत्री मोदी से लेकर तमाम भाजपा के दिग्गजों ने पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं, वहीं इस बंपर जीत के और भी कई कारण हैं.
अगर गुजरात चुनाव के नतीजों के आंकड़ों पर गौर करें तो गुजरात की घाटलोडिया सीट पर जीत का अंतर दो लाख के करीब रहा. घाटलोडिया से लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए जीतने वाले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 1.92 लाख से अधिक मतों से हराया.
कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में 179 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 41 ने अपनी जमानत गंवा दी (1/6 से कम या 16.66% वोट प्राप्त किए). दो विधानसभा सीटों पाटन और वंसदा में कांग्रेस उम्मीदवारों ने 50% से अधिक वोट हासिल किए.
गुजरात की 182 में से सिर्फ 1 सीट, जहां पिछले 5 चुनावों से कांग्रेस को मिल रहे सर्वाधिक वोट
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, बीजेपी भले ही गुजरात में चुनाव जीत गई हो, लेकिन वहां भारी सरकार विरोधी रुझान देखा गया, जिसका मतलब है कि कांग्रेस कहीं जिंदा है. हमें खुशी है कि कांग्रेस सिद्धांतों और विचारधारा की लड़ाई जीत गई है. आपको बता दें कि अशोक गहलोत गुजरात में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी थे.
आम आदमी पार्टी ने देश के इस पश्चिमी राज्य में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करा ली है. उसने सीटें भले ही 5 जीती हों, लेकिन 13 फीसदी के करीब वोट शेयर हासिल किया.
गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार में भी छिपी है ‘बड़ी जीत’, ये आंकड़े दे रहे गवाही
आम आदमी पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत हासिल की और 13 फीसदी मत हासिल किए. उसका यह प्रदर्शन उसके द्वारा किए गए जोरदार चुनाव प्रचार एवं उसके दावों के बिल्कुल अनुकूल नहीं है, लेकिन उसके लिए राष्ट्रीय पार्टी बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया. अभियान के दौरान आम आदमी पार्टी ने अपने और पार्टी संयोजक केजरीवाल को क्रमश: भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एकमात्र चुनौती देने वाले के रूप मे पेश किया था. गुजरात चुनाव की मतगणनना में सामने आया कि पार्टी विपक्षी मतों को बांटने एवं भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में ही कामयाब रही. वह राज्य में कांग्रेस को मुख्य विपक्षी दल की भूमिका से हटाने में भी विफल रही. हालांकि, पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन को ‘भाजपा के गुजरात गढ़ में शानदार प्रवेश’ बताया.
आम आदमी पार्टी को गुजरात में प्राप्त 50% से अधिक वोट, उसके द्वारा लड़ी गई 181 सीटों में से 38 (21%) से हैं. आम आदमी पार्टी के 181 उम्मीदवारों में से 126 ऐसे रहे जिन्होंने अपनी जमानत राशि खो दी (1/6 से कम या 16.66% वोट प्राप्त किए, कुल प्राप्त वोटों का 69.6%). AAP के पास 1 सीट: देदियापाड़ा 149 पर 50% से अधिक का वोटशेयर रहा.
आम आदमी पार्टी गुजरात में 35 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही. AAP ने 2022 में जो 5 सीटें जीतीं, इनमें से 2 सीटों पर 2017 में बीजेपी, 2 पर कांग्रेस और 1 पर बीटीपी का कब्जा था. जिन 39 सीटों पर कांग्रेस हारी, उनमें से AAP को जीत के अंतर से अधिक वोट मिले (AAP+INC वोट विजेता के वोट से अधिक).
इधर हिमाचल प्रदेश में इस बार भी ‘रिवाज’ नहीं बदला, और जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा. यहां हर सीट पर कांटे के मुकाबले में कांग्रेस ने बहुमत हासिल की. हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 40 सीटें मिली हैं, भाजपा के खाते में 25 सीटें आईं और 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जो भगवा पार्टी के ही बागी हैं. हालांकि, यहां गुजरात की तरह सरकार गठन को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो सकी है. क्योंकि, कांग्रेस पार्टी में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार हैं और उनके बीच फिलहाल किसी एक व्यक्ति को लेकर एकमतता कायम नहीं हो सकी है. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोकी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने यह चुनाव दिवंगत वीरभद्र सिंह के नाम पर जीता है, इसलिए मुख्यमंत्री पद के लिए मेरा या मेरे परिवार की उपेक्षा नहीं की जा सकती. इन दोनों राज्यों में चुनाव नतीजों के बाद के घटनाक्रम से जुड़े हर अपडेट हम आपको यहां दे रहे हैं…