Delhi News: बीजेपी ने गुजरात में जीत का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया. (File Photo-PTI)
नई दिल्ली. बीजेपी के लिए गुरुवार मिले-जुले असर वाला रहा. पार्टी में ‘कहीं खुशी कहीं गम’ की झलक दिखाई दी. दरअसल, बीजेपी ने जहां एक ओर गुजरात विधानसभा चुनाव जीतकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा, तो दूसरी ओर कांग्रेस से हिमाचल प्रदेश हार गई. हिमाचल प्रदेश ने अपना ‘रिवाज’ कायम रखा और यहां सत्ताधारी पार्टी को जनता ने बाहर कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ में बीजेपी ने अजेय होना जारी रखा और कांग्रेस पार्टी को करीब-करीब खत्म कर दिया. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने उस आम आदमी पार्टी की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया, जो सालों पुरानी पार्टी को सत्ता से बाहर करने का सोच रही थी. इस चुनाव में बीजेपी ने केवल अपना 128 सीटें जीतने का रिकॉर्ड ही नहीं तोड़ा, बल्कि साल 1985 में मिलीं 149 सीटों से ज्यादा सीटें लाकर कांग्रेस को रौंद दिया. इस जनादेश में केवल ‘माटी के लाल’ पीएम मोदी ही नहीं गूंज रहा, बल्कि इस बार पार्टी से नाराज पाटीदार दोबारा बीजेपी से जुड़ गए. पाटीदारों को कांग्रेस के साथ संधि रास नहीं आई.
हिमाचल प्रदेश के परिणामों पर स्वयं का आंकलन करे बीजेपी
हालांकि, गुरुवार को आए हिमाचल प्रदेश के परिणामों पर बीजेपी को स्वयं का आंकलन करना चाहिए. क्योंकि, यहां एंटी-इनकमबेंसी, महंगाई, बेरोजगारी, पुरानी पेंशन योजना जैसे मुद्दे कांग्रेस के लिए काम कर गए. इस परिणामों से देश के नक्शे पर भगवा के चिन्ह बदल गए हैं. साल 2014 में बीजेपी महज सात राज्यों तक सीमित थी. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में साल 2018 में भगवा शासित राज्यों की संख्या 21 हो गई. साल 2018 के मध्य में भारत करीब-करीब भगवामय हो गया और बीजेपी ने कांग्रेस के साथ-साथ कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को पछाड़ दिया.
बीजेपी को लगे झटके
हालांकि, इस बीच बीजेपी के गढ़ राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पार्टी का किला ढह गया. पार्टी के हाथ से आंध्र प्रदेश भी उस वक्त फिसल गया, जब टीडीपी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने से वहां की भी सत्ता चली गई. खास बात यह है कि, बीजेपी छोटे-छोटे राज्यों में लगातार पकड़ को मजबूत तो करती गई, लेकिन कई जगह उसे मात खानी पड़ी. बीजेपी ने महाराष्ट्र में फूंक-फूंककर कदम रखा और महा विकास अघाड़ी सरकार से उद्धव ठाकरे को बाहर करते हुए सत्ता हासिल कर ली. बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया और देवेंद्र फडणवीस को उप-मुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा.
बीजेपी को इस बात का पूरा विश्वास
इस बीच जनता दल (यूनाइटेड), शिरोमणि अकाली दल और पीडीपी जैसी पार्टियों ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया. लेकिन, इन घटनाओं के बाद भी बीजेपी साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को विश्वास है कि वह लोकसभा चुनाव में एक बार फिर प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी और विपक्षियों को पूरी तरह रौंद देगी.
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Tags: Gujarat Elections, Himachal Pradesh Assembly Election 2022, National News
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