वडोदरा. गुजरात के वडोदरा जिले के सावली में एक विशेष पॉक्सो अदालत ने मंगलवार को 20 साल के एक युवक को आठ साल के एक बच्चे के साथ कुकर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में मौत की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश जे ए ठाकुर ने धीरेंद्रसिंह ठाकोर को मौत की सजा सुनाई. ठाकोर ने 2016 में फिरौती के लिये बच्चे का अपहरण कर लिया था.
अदालत ने वडोदरा जिला विधिक सेवा अथॉरिटी को बच्चे के पिता को दस लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. अदालत ने दोषी को मौत की सजा सुनाते हुये कहा कि यह अपराध ‘दुर्लभ श्रेणी’ में आता है. पॉक्सो अदालत ने पाया कि यह अपराध पूर्व नियोजित था और किसी भी प्रकार के उकसावे के बिना किया गया था.
ठाकोर को भारतीय दंड विधान की धारा 363 (अपहरण), 364 (ए) (फिरौती के लिये अपहरण), 302 (हत्या), 201 (साक्ष्यों को गायब करना), 377 (अप्राकृतिक यौनाचार) तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 के अधीन सजा सुनायी गई है. अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 और 364 (ए) के तहत मौत की सजा सुनाई.
इस तरह आरोपी ने दिया घटना को अंजाम
अभियोजन पक्ष के अनुसार, उस समय देसर गांव में अपने नाना-नानी के साथ रहने वाले ठाकोर ने 21 अक्टूबर 2016 को लड़के का अपहरण कर लिया था. आरोपी ने लड़के को उसके दादा-दादी के घर एक अटारी कमरे में बंद कर दिया, जहां से उसने लड़के के पिता को कई संदेश भेजे, जिसमें बच्चे को रिहा करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की गई थी. पैसे न मिलने से परेशान होकर आरोपी ने दुष्कर्म करने के बाद लड़के की गला दबाकर हत्या कर दी.
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