प्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति राय ने गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवानी के चुनाव अभियान में 3 लाख रुपये का चंदा दिया है.
आदिवासी और दलित अधिकारों की वकालत करने वाली अरुंधति रॉय बीजेपी की कड़ी आलोचक हैं.पिछले दिनों कई नेताओं ने उन पर ‘राष्ट्र विरोधी’ होने का आरोप लगाया था.
जानकारों का मानना है कि इस चंदे को लेकर जिग्नेश पर विरोधी सवाल खड़ेे कर उन्हें परेशानी में डाल सकते हैं .
यही नहीं कई लोग यह भी सवाल उठा रहे कि क्या राय का संबंध एनजीओ से नहीं है. अगर है तो फिर जिग्नेश कैसे दावा कर सकते हैं कि वह एनजीओ से कोई योगदान नहीं ले रहे हैं.
अगले महीने गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार जिग्नेश अपने चुनाव अभियान के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं. जिग्नेश को स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर सिलाई मशीन का चुनाव चिन्ह मिला है.
जिग्नेश के दोस्त ,सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन क्राउड फंडिंग अभियान चलाकर चुनावी फंड इकट्ठा कर रहे हैं. उनकी इस फंड इकट्ठा करने की मुहिम का नाम ‘जनता की लड़ाई, जनता के पैसे से’ है.
जिग्नेश मेवानी ने इस अभियान के जरिए अभी तक 200 से अधिक योगदानों के साथ लगभग 10 लाख रुपए जुटाए हैं.
अरुंधति राय के मुताबिक मैंने चंदा दिया, क्योंकि मुझे विश्वास है कि जिग्नेश मुख्यधारा की भारतीय राजनीति में एक तरह की सफलता का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनके पास एक विजन और विश्वास है और हमें जिस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है, उसके बारे में उनके पास एक बहुआयामी समझ है.

Jignesh Mewani
रॉय द्वारा मिली मदद पर प्रतिक्रिया देते हुए मेवानी ने कहा कि, उना आंदोलन की शुरुआत से हमने राजनीतिक दलों, कंपनियों या एनजीओ से कोई योगदान नहीं लिया है. यह आंदोलन लोगों के लिए है और इसे चलाने के लिए और वित्तीय रूप से इसे बनाए रखने की उनकी ज़िम्मेदारी है. उस संबंध में हम 200 से अधिक लोगों द्वारा किए गए योगदानों का स्वागत करते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितनी रकम देते हैं. हर योगदान हमारे लिए अहम है.
जिग्नेश मेवानी ने 27 नवंबर को घोषणा की थी वो गुजरात विधानसभा चुनाव में बनासकांठा जिले की वड़गाम सीट (एससी के लिए आरक्षित) से वह चुनाव में निर्दलीय उतरेंगे.
जिग्नेश ने ट्वीट कर लिखा था कि दोस्तों, मैं गुजरात के बनासकांठा जिले की वडगाम-11 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहा हूं. हम लड़ेंगे, हम जीतेंगे. मैं उम्मीद करता हूं कि बीजेपी के खिलाफ इस लड़ाई में अन्य सभी दल मुझे सहयोग करेंगे.
जिसके बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने कहा था कि वह जिग्नेश के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगी, जहां से दलित नेता जिग्नेश मेवानी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि बहुजन समाज पार्टी ने जिग्नेश के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. जानकारों का मानना है कि इससे जिग्नेश की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
गुजरात विधानसभा की कुल 182 सीटों के लिए दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे. पहले चरण का चुनाव 9 दिसंबर, जबकि दूसरे चरण का चुनाव 14 दिसंबर को होगा. जबकि वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी.
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Tags: Gujarat state assembly election 2017
FIRST PUBLISHED : December 01, 2017, 06:38 IST