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गुजरात के ब्रेन डेड बिजनेसमैन ने किया अंगदान, 8 लोगों की बचाई जान

सूरत निवासी प्रयाग के अंगदान से आठ लोगों को नया जीवन मिला है. (सांकेतिक फोटो)

सूरत निवासी प्रयाग के अंगदान से आठ लोगों को नया जीवन मिला है. (सांकेतिक फोटो)

गुजरात के सूरत के डिंडोली में रहने वाले प्रयाग हंसराज घोनिया ने अंगदान (Organ Donation) कर मौत से जूझ रहे आठ लोगों को न ...अधिक पढ़ें

    सूरत. गुजरात के सूरत के डिंडोली में रहने वाले प्रयाग हंसराज घोनिया ने अंगदान (Organ Donation) कर मौत से जूझ रहे आठ लोगों को नया जीवन दिया है. प्रयाग 7 नवंबर को मुंबई से सूरत के अपने घर जिस कार से लौट रहे थे, उस कार का टायर फट गया और वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उन्‍हें सिर, रीढ़ की हड्डी समेत कई गंभीर चोटें आई थीं. स्‍थानीय सरकारी अस्‍पताल में आपरेशन के बाद आगे के इलाज के लिए उन्‍हें निजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. यहां डॉक्‍टर्स ने उनका आपरेशन किया, लेकिन ब्रेन में खून के थक्‍कों के कारण उन्‍हें 15 नवंबर को उन्‍हें ब्रेन डेड (Brain Dead) घोषित कर दिया.

    द टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट ने अनुसार अपने 23 साल के बेटे को खोने वाले माता-पिता ने प्रयाग के अंगदान करने का निर्णय लिया. उन्‍होंने डोनेट लाइफ नामक एक एनजीओ से मदद ली. डॉक्‍टर्स की मदद  से प्रयाग के दिल, फेफड़े, लिवर, किडनी और कॉर्निया को दान करने का फैसला किया. इससे उन आठ लोगों को नया जीवन मिला जो हर सांस के साथ जिंदगी खो रहे थे. इनमें से एक चेन्‍नई के अस्‍पताल में भर्ती युवा मरीज था, जिसे प्रयाग के फेफड़े लगाए गए हैं. वह उम्र में प्रयाग के बराबर ही है. प्रयाग ऑनलाइन साड़ी बेचने का काम करते थे.

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    किडनी, लिवर और आंखें भी की गईं दान
    द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एनजीओ की मदद से, जाइडस अस्पताल और  सीआईएमएस अस्पताल, अहमदाबाद में दो रोगियों को किडनी दान की गई. इसी तरह प्रयाग का लिवर, अहमदाबाद के किडनी रोग और अनुसंधान संस्थान में भर्ती मरीज को दान कर उसकी जान बचाई गई. वहीं, प्रयाग की आंखें, आई बैंक को दान कर दी गईं. खबर के मुताबिक, प्रयाग के डोनेशन में 38वीं बार हार्ट डोनेट किया गया और 12वीं बार एक जोड़ी फेफड़ों ने किसी और की जान बचाई.

    सूरत में पहले भी हुए है अंगदान
    सूरत ने प्रयाग जैसे दानवीर कुछ अन्य लोगों को भी देखा है जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद कई लोगों की जान बचाई है. उदाहरण के लिए, जून में, सूरत के एक व्यापारी दिनेश छाजेड़ को लकवा हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप दिनेश ने अंतिम सांस ली. उनकी मृत्यु के बाद, दिनेश के अंग दान किए गए, जिससे छह लोगों की जान बचाने में मदद मिली.

    Tags: Brain Dead, Gujarat, Organ Donation, Surat

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