श्रीनगर. पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (PAGD) ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आतंकी फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने ‘फैसला दिया है, लेकिन न्याय नहीं.’ PAGD ने इस फैसले से जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी भावनाओं के और अधिक बढ़ने की आशंका व्यक्त की. ANI के मुताबिक PAGD ने एक बयान में कहा, ‘यासीन मलिक को दी गई उम्रकैद की सजा दुर्भाग्यपूर्ण और शांति के प्रयासों के लिए झटका है. हमें डर है कि इससे क्षेत्र में अनिश्चितताएं और बढ़ेंगी और इससे अलगाववादी भावनाओं को और बढ़ावा मिलेगा.’ बयान में आगे कहा गया है, ‘भाजपा और मीडिया द्वारा प्रदर्शित की जा रही सफलता उलट साबित होगी.’
PAGD ने अपने बयान में यह भी सुझाव दिया कि यासीन मलिक को इस फैसले को चुनौती देनी चाहिए और सभी कानूनी अवसरों का लाभ उठाना चाहिए. बता दें कि एनआईए कोर्ट ने मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. उन्हें देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए और UAPA की धारा 17 के तहत आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. गौरतलब है कि एनआईए ने 19 मई को दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता के लिए मौत की सजा की मांग की थी.
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बीते 10 मई को मलिक ने अदालत को बताया था कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का विरोध नहीं कर रहे हैं, जिसमें UAPA की धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), धारा 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश), धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (देशद्रोह) के आरोप शामिल हैं.
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