HAJ Yatra: केरल से पैदल हज यात्रा में निकले शिहाब को पाकिस्तान ने दी एंट्री (सबसे आगे).(Image: Twitter/@AnjarAI73949377)
Haj Yatra: एक भारतीय युवक अपने घर से पैदल हज यात्रा के निकला है. उसे अब पाकिस्तान (Pakistan) ने भी वीजा जारी कर दिया है. पहले पाकिस्तानी अदालत ने शिहाब (Shihab) नामक इस युवक को वीजा (Visa) देने से इनकार कर दिया था. लेकिन कल यानी मंगलवार को पाकिस्तान ने हज (Haj) करने के लिए सऊदी अरब (Saudi Arabia) की अपनी मैराथन यात्रा पूरी करने के लिए शिहाब भाई को देश में प्रवेश दे दिया.
शिहाब भाई वाघा बॉर्डर (Wagah Border) से पाकिस्तान पहुंचे जहां उनका स्वागत सरवर ताज और भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज राशिद कुरैशी ने किया. सरवर ताज ने शिहाब की ओर से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका भी दायर की थी. राशिद कुरैशी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मक्का (Mecca Yatra) की अपनी यात्रा जारी रखने के लिए वीजा मिलने से शिहाब बहुत खुश हैं. कुरैशी ने कहा कि वह प्यार, दोस्ती और भाईचारे का संदेश लेकर आए हैं.
केरल से पैदल हज यात्रा पर निकला है शिहाब
केरल (Kerala) के रहने वाले 29 वर्षीय शिहाब ने पिछले साल अक्टूबर में अपने गृह राज्य केरल से वाघा बॉर्डर तक 3,000 किलोमीटर की पैदल यात्रा की थी. लेकिन उन्हें वीजा नहीं होने के कारण पाकिस्तान के आव्रजन अधिकारियों ने रोक दिया था. एक संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि शिहाब ने आव्रजन अधिकारियों के समक्ष अनुरोध किया कि वह पैदल हज करने जा रहा है और वह पहले ही 3,000 किमी की यात्रा कर चुका है और उसे मानवीय आधार पर देश में प्रवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए. वह ईरान के रास्ते सऊदी अरब पहुंचने के लिए ट्रांजिट वीजा चाहता था.
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हज यात्रा मुसलमानों के लिए बहुत पवित्र
गौरतलब है कि हज सऊदी अरब में मक्का के लिए एक वार्षिक इस्लामी तीर्थयात्रा है, जिसे मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र शहर माना जाता है. लाहौर के निवासी ताज ने लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया कि शिहाब को सऊदी अरब की यात्रा करने की अनुमति देने के लिए ट्रांजिट वीजा दिया जाए. उन्होंने तर्क दिया कि जिस तरह पाकिस्तान सरकार गुरु नानक की जयंती और अन्य अवसरों पर भाग लेने के लिए भारत के सिख तीर्थयात्रियों को वीजा जारी करती है, उसी तरह उसे शिहाब को भी वीजा देना चाहिए.
पहले एलएचसी ने उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि “याचिकाकर्ता भारतीय नागरिक से संबंधित नहीं था, और न ही उसके पास अदालत जाने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी थी.” बाद में ताज ने इस फैसले को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जहां से अब जाकर शिहाब भाई को पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति मिल गई है. प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद से शिहाब बेहद खुश हैं.
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Tags: Haj yatra, Pakistan, Saudi Arab
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