होम /न्यूज /राष्ट्र /Amarinder Vs Sidhu: हरीश रावत के बदलते बयानों से पंजाब कांग्रेस में बढ़ी गुटबाजी?

Amarinder Vs Sidhu: हरीश रावत के बदलते बयानों से पंजाब कांग्रेस में बढ़ी गुटबाजी?

 पंजाब में किसके नेतृत्व में चुनाव होगा? के सवाल पर रावत ने पार्टी को बुरी तरह फंसा दिया. फाइल फोटो

पंजाब में किसके नेतृत्व में चुनाव होगा? के सवाल पर रावत ने पार्टी को बुरी तरह फंसा दिया. फाइल फोटो

Punjab Congress Crisis: सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के निर्देश पर तीन सदस्यों वाली कमेटी ने नेताओं के साथ बैठक में सामू ...अधिक पढ़ें

  • News18India
  • Last Updated :

नई दिल्ली. पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) के बयान पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं. आलम ये है कि रावत के हर रोज़ बदलते बयान पार्टी के गले की फांस बन गए हैं. पंजाब में किसके नेतृत्व में चुनाव होगा? के सवाल पर रावत ने पार्टी को बुरी तरह फंसा दिया. कभी सामूहिक तो कभी कैप्टन (CM Amarinder Singh) की अगुवाई में चुनाव होगा वाले बयान ने तो पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी और बढ़ा दी है.

कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और अनुभवी नेता हरीश रावत को पंजाब जैसे जटिल और गुटबाजी वाले प्रदेश का प्रभारी इस उम्मीद से बनाया था कि वे अपने अनुभव का इस्तेमाल कर कैप्टन जैसे कद्दावर और सिद्धू सहित अन्य बागी तेवर वाले नेताओं के बीच युद्धविराम करा देंगे. हालांकि रावत के हर रोज बदलते बयानों ने ना सिर्फ पार्टी की किरकिरी कराई बल्कि सूबे में गुटबाजी को भी बढ़ा दिया. मामला सुलझने के बजाए और उलझ रहा है.

आइए आपको बताते हैं कि रावत के किन बयानों ने पार्टी में दोनों बड़े गुटों को नाराज कर दिया. पहले बयान में जब उन्होंने अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 का चुनाव होने की बात कही तो सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) खेमा नाराज़ हो गया. मामला बिगड़ता देख उन्होंने सामूहिक नेतृत्व की बात कर दी, जिसके बाद अमरिंदर सिंह खेमा नाराज़ हो गया. रावत के पहले बयान के बाद सिद्धू खेमा बुरी तरह नाराज़ हो गया और सिद्धू समर्थक विधायक परगट सिंह ने तो खुलेआम रावत पर निशाना साधा.

दबाव बढ़ता देख रावत ने पलटी मार दी और सामूहिक नेतृत्व की बात कह दी. रावत के इस बयान के बाद अमरिंदर खेमा आग बबूला हो गया. रावत के बदलते बयानों ने न सिर्फ पार्टी की फजीहत कराई बल्कि गुटबाजी को और हवा दे दी. यही नही विवाद सुलझाने चंडीगढ़ पहुंचे तो सिद्धू और उनके साथ आये 4 नेताओं को पंज प्यारे का खिताब दे दिया, जिसके बाद विवाद इतना बढ़ा कि माफी मांगनी पड़ी.

सोनिया गांधी के निर्देश पर तीन सदस्यों वाली कमेटी ने नेताओं के साथ बैठक में सामूहिक नेतृत्व की बात कर विवाद को टाल दिया था. कमेटी ने राहुल और सोनिया गांधी, अमरिंदर सिंह सहित तत्कालीन अध्यक्ष सुनील जाखड़ का नाम भी लिया था.

बाद में रावत के कैप्टन को कमान देने वाली बात ने गड़े मुर्दे को फिर से उखाड़ दिया. ऐसे में फिलहाल हो यही रहा है कि रावत के बयानों से पार्टी का झगड़ा सुलझने की बजाए उलझ ज़्यादा रहा है.

Tags: Amarinder Singh, Harish rawat, Navjot singh sidhu, Punjab Congress, Sonia Gandhi, अमरिंदर सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब कांग्रेस, सोनिया गांधी

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें