कोरोना वैक्सीन का निर्यात करेगा भारत फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अधिकारियों से कल मिलेंगे स्वास्थ्य मंत्री

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन
Indian Corona Vaccine: अब तक करीब दस देश ऐसे हैं, जिन्होंने भारत में बनी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया है. कम लागत और प्रभावी डेटा के आधार पर मांग लगातार बढ़ रही है.
- News18Hindi
- Last Updated: January 17, 2021, 10:00 PM IST
नई दिल्ली. कोरोना महामारी (Corona pandemic) को खत्म करने के लिए भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम (Covid 19 Vaccination Programme) शुरू हो गया है. देश ने ‘कोविशील्ड’ और ‘कोवैक्सीन’ टीके को मंजूरी दी गई है. भारत की स्वदेशी वैक्सीन की दुनियाभर में काफी डिमांड है.
विश्व के कोरोना प्रभावित देशों में कैसे वैक्सीन का निर्यात किया जाए इसको लेकर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह (Health Minister Dr Harsh Vardhan) सोमवार को विदेश मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अधिकारियों से मिलेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि 18 जनवरी को होने वाली बैठक में विदेशों में कोरोना वैक्सीन को निर्यात करने के बारे में चर्चा की जाएगी.
वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है स्वदेशी वैक्सीन की मांगउल्लेखनीय है कि अब तक करीब दस देश ऐसे हैं, जिन्होंने भारत में बनी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया है. कम लागत और प्रभावी डेटा के आधार पर मांग लगातार बढ़ रही है. ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, मंगोलिया, श्रीलंका जैसे देशों ने भारत से वैक्सीन की आधिकारिक तौर पर मांग की है.
नेपाल ने मांगे 120 लाख डोज
नेपाल ने भारत से 120 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज की मांग की है. वहीं, भूटान ने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में निर्मित की जा रही वैक्सीन की 10 लाख डोज की मांग की है. म्यांमार ने भी सीरम के साथ एक खरीद अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. बांग्लादेश ने कोविशील्ड की तीन करोड़ डोज के लिए पहले ही अनुरोध किया है.
अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में ये मांग बढ़ेगी. भारत वैक्सीन निर्माण में व्यापक क्षमता वाला देश है. ऐसे में वह वैक्सीन का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है.
विश्व के कोरोना प्रभावित देशों में कैसे वैक्सीन का निर्यात किया जाए इसको लेकर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह (Health Minister Dr Harsh Vardhan) सोमवार को विदेश मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अधिकारियों से मिलेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि 18 जनवरी को होने वाली बैठक में विदेशों में कोरोना वैक्सीन को निर्यात करने के बारे में चर्चा की जाएगी.
वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है स्वदेशी वैक्सीन की मांगउल्लेखनीय है कि अब तक करीब दस देश ऐसे हैं, जिन्होंने भारत में बनी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया है. कम लागत और प्रभावी डेटा के आधार पर मांग लगातार बढ़ रही है. ब्राजील, मोरक्को, सऊदी अरब, म्यांमार, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका, मंगोलिया, श्रीलंका जैसे देशों ने भारत से वैक्सीन की आधिकारिक तौर पर मांग की है.
Union Health Minister Dr Harsh Vardhan will meet officials of Ministry of External Affairs and Department of Pharmaceuticals tomorrow to discuss the export of #COVID19 vaccine: Health Ministry official
(file photo) pic.twitter.com/EtZCOG1bLV— ANI (@ANI) January 17, 2021
नेपाल ने मांगे 120 लाख डोज
नेपाल ने भारत से 120 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज की मांग की है. वहीं, भूटान ने पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में निर्मित की जा रही वैक्सीन की 10 लाख डोज की मांग की है. म्यांमार ने भी सीरम के साथ एक खरीद अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. बांग्लादेश ने कोविशील्ड की तीन करोड़ डोज के लिए पहले ही अनुरोध किया है.
अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में ये मांग बढ़ेगी. भारत वैक्सीन निर्माण में व्यापक क्षमता वाला देश है. ऐसे में वह वैक्सीन का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है.