स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने नगालैंड में रखी मेडिकल कॉलेज की आधारशिला, 325 करोड़ की लागत से बनेगा कॉलेज

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने नगालैंड के मोन में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी.
नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना’ के तीसरे चरण के अंतर्गत नगालैंड के मोन में नये मेडिकल कॉलेज को 325 करोड़ रुपये की राशि से बनाने की स्वीकृति मिली है. यह राज्य में दूसरा मेडिकल कॉलेज होगा. इसके लिए केन्द्र सरकार 292.50 करोड़ रुपये की राशि देगी और इसके वर्ष 2023-24 तक बन जाने की संभावना है. राज्य की राजधानी से दूर और अति पिछड़े जिले मोन में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना से लगभग 2.5 लाख लोगों को निकट ही किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी.
- News18Hindi
- Last Updated: February 27, 2021, 5:52 PM IST
नई दिल्ली. केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने आज नगालैंड (Nagaland) के मोन (Mon) में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में पूर्वोत्तर (North East Regions) के लिए कई विकास के कार्य पूरे किए जाने हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के कुशल नेतृत्व में इस राज्य में बेहतर परिवर्तन आ रहा है.
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इस समय देश में 562 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें से 286 सरकारी क्षेत्र में जबकि 276 निजी क्षेत्र में हैं. इसके अलावा 175 मेडिकल कॉलेज विकसित करने की प्रक्रिया में हैं. एमबीबीएस की 2013-14 में 52,000 सीटें थी, जबकि यह संख्या अब बढ़कर 84,000 हो गई है. लगभग एक लाख 50 हजार स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्र देश में स्थापित किए जा रहे हैं.
डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 पर काबू पाने में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि भारत कोविड के खिलाफ जंग में देश के कई विकसित देशों से बेहतर स्थिति में है. उन्होंने केन्द्र सरकार (Central Government) के आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का उद्देश्य भारत से 2025 तक टीबी का उन्मूलन करना है. डॉ. हर्ष वर्धन ने राज्य सरकार से इस दिशा में काम करने को कहा.
नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) ने कहा कि ये मेडिकल कॉलेज (Medical College) न केवल मोन और नगालैंड के लिए लाभप्रद होगा, अपितु पड़ोसी असम और अरूणाचल राज्यों के लोगों को भी सुविधाएं प्रदान कर सकेगा. उन्होंने कहा कि इस राज्य का संचालन राज्य सरकार पीपीपी मॉडल के अंतर्गत करेगी.
रियो ने यह भी कहा कि मोन मेडिकल कॉलेज (Mon Medical College) उन 75 कॉलेजों में से एक है, जो देश के विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे हैं. ये ऐसे जिले हैं, जहां के लोग विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं से फिलहाल वंचित हैं. इस परियोजना के पूरा हो जाने पर हमें यह सोचना होगा कि किस प्रकार यहां लोग आकर काम कर सकते हैं और अध्ययन कर सकते हैं.
केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना ‘वर्तमान जिला/रेफरल अस्पतालों के साथ जुड़े नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना’ के तीसरे चरण के अंतर्गत इस मेडिकल कॉलेज को 325 करोड़ रुपये की राशि से बनाने की स्वीकृति मिली है. यह राज्य में दूसरा मेडिकल कॉलेज होगा. इसके लिए केन्द्र सरकार 292.50 करोड़ रुपये की राशि देगी और इसके वर्ष 2023-24 तक बन जाने की संभावना है. राज्य की राजधानी से दूर और अति पिछड़े जिले मोन में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना से लगभग 2.5 लाख लोगों को निकट ही किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी.
इस समारोह में नगालैंड के स्वास्थ्य मंत्री एस. पनगन्यू फोम, लोकसभा सदस्य टोकहेहो येपथोमी, प्रधान सचिव स्वास्थ्य अमरदीप भाटिया, मोन के जिला उपायुक्त थवासीलन के, कई विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे. बाद में डॉ. हर्ष वर्धन भारत-म्यामां सीमा पर स्थित लोंगवा गांव में गए.
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि इस समय देश में 562 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें से 286 सरकारी क्षेत्र में जबकि 276 निजी क्षेत्र में हैं. इसके अलावा 175 मेडिकल कॉलेज विकसित करने की प्रक्रिया में हैं. एमबीबीएस की 2013-14 में 52,000 सीटें थी, जबकि यह संख्या अब बढ़कर 84,000 हो गई है. लगभग एक लाख 50 हजार स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्र देश में स्थापित किए जा रहे हैं.
डॉ. हर्ष वर्धन ने कोविड-19 पर काबू पाने में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि भारत कोविड के खिलाफ जंग में देश के कई विकसित देशों से बेहतर स्थिति में है. उन्होंने केन्द्र सरकार (Central Government) के आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat) कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का उद्देश्य भारत से 2025 तक टीबी का उन्मूलन करना है. डॉ. हर्ष वर्धन ने राज्य सरकार से इस दिशा में काम करने को कहा.

रियो ने यह भी कहा कि मोन मेडिकल कॉलेज (Mon Medical College) उन 75 कॉलेजों में से एक है, जो देश के विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे हैं. ये ऐसे जिले हैं, जहां के लोग विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं से फिलहाल वंचित हैं. इस परियोजना के पूरा हो जाने पर हमें यह सोचना होगा कि किस प्रकार यहां लोग आकर काम कर सकते हैं और अध्ययन कर सकते हैं.
केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना ‘वर्तमान जिला/रेफरल अस्पतालों के साथ जुड़े नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना’ के तीसरे चरण के अंतर्गत इस मेडिकल कॉलेज को 325 करोड़ रुपये की राशि से बनाने की स्वीकृति मिली है. यह राज्य में दूसरा मेडिकल कॉलेज होगा. इसके लिए केन्द्र सरकार 292.50 करोड़ रुपये की राशि देगी और इसके वर्ष 2023-24 तक बन जाने की संभावना है. राज्य की राजधानी से दूर और अति पिछड़े जिले मोन में नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना से लगभग 2.5 लाख लोगों को निकट ही किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी.
इस समारोह में नगालैंड के स्वास्थ्य मंत्री एस. पनगन्यू फोम, लोकसभा सदस्य टोकहेहो येपथोमी, प्रधान सचिव स्वास्थ्य अमरदीप भाटिया, मोन के जिला उपायुक्त थवासीलन के, कई विधायक और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे. बाद में डॉ. हर्ष वर्धन भारत-म्यामां सीमा पर स्थित लोंगवा गांव में गए.