महबूबा मुफ्ती ने राहुल गांधी के सुर में सुर मिलाए, कहा- केवल उनमें ही है सच बोलने की हिम्मत

महबूबा ने कहा, भारत सरकार की पालतू एजेंसी अब किसान यूनियनों के पीछे पड़ी है. (फोटो साभार-ANI)
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने एक और ट्वीट किया कि केन्द्र सरकार ने अपनी 'पालतू एजेंसी' राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) को तीन कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं किसान यूनियन के 'पीछे' लगा दिया.
- News18Hindi
- Last Updated: January 16, 2021, 8:11 PM IST
श्रीनगर. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के सुर में सुर मिलाए. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने के लिए तारीफ भी की. मुफ्ती ने कहा कि गांधी एकमात्र ऐसे नेता है जो सच बोलने की हिम्मत रखते हैं. इसके अलावा उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि 'मौजूदा तानाशाही शासन' के खिलाफ खड़े रहने के लिये इतिहास राहुल गांधी को याद रखेगा. मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि वास्तव में 'नया भारत चुनिंदा लोगों की गिरफ्त में है' और गांधी एकमात्र नेता हैं जो सच बोलने की हिम्मत रखते हैं. मुफ्ती ने कहा, 'आप राहुल गांधी का कितना भी मजाक उड़ाएं, लेकिन वह एकमात्र नेता हैं जो सच बोलने की हिम्मत रखते हैं. यह तथ्य है कि नया भारत चुनिंदा लोगों और साठगांठ रखने वाले पूंजीपतियों की गिरफ्त में है. मौजूदा तानाशाही शासन के खिलाफ खड़े रहने के लिये इतिहास उनको याद रखेगा.'
मेरी बात याद रखना, तीनों कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर होगी सरकार: राहुल गांधीजम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने एक और ट्वीट किया कि केन्द्र सरकार ने अपनी 'पालतू एजेंसी' राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं किसान यूनियन के 'पीछे' लगा दिया. उन्होंने लिखा, 'भारत सरकार की पालतू एजेंसी अब किसान यूनियनों के पीछे पड़ी है. भारत की शीर्ष आतंकवाद जांच एजेंसी के पाखंड को कश्मीरियों, किसान और असहमति रखने वालों को फंसाने के उसके ढंग से समझा जा सकता है.'

राहुल गांधी ने भी सरकार पर लगाए थे आरोप
बीते गुरुवार को राहुल गांधी तमिलनाडु पहुंचे थे. यहां उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए थे. राहुल गांधी ने आरोप लगाए थे कि सरकार कुछ लोगों की मदद करने के लिए किसानों के खिलाफ साजिश कर रही है. उन्होंने कहा, 'सरकार उन्हें केवल नकार नहीं रही है, बल्कि 2-3 दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें बर्बाद करने की साजिश कर रही है. वे किसानों की चीजों को अपने 2-3 दोस्तों को देना चाहते हैं. यही है, जो हो रहा है.' उन्होंने कहा, 'जो सामने हो रहा है उसे समझने के लिए नजरअंदाज शब्द भी काफी कमजोर है.'
उन्होंने कहा, 'जब कोरोना आया, तो आप आम आदमी की मदद नहीं कर रहे थे. आप किसके प्रधानमंत्री हैं? क्या आप भारत की जनता के प्रधानमंत्री हैं या 2-3 चुने हुए कारोबारियों के.' पीडीपी प्रमुख ने भी गांधी के सुर में सुर मिलाए हैं. उन्होंने कहा है कि नया भारत चुनिंदा लोगों और साठगांठ रखने वाले पूंजीपतियों की गिरफ्त में है.
(भाषा इनपुट के साथ)
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि 'मौजूदा तानाशाही शासन' के खिलाफ खड़े रहने के लिये इतिहास राहुल गांधी को याद रखेगा. मुफ्ती ने ट्विटर पर लिखा कि वास्तव में 'नया भारत चुनिंदा लोगों की गिरफ्त में है' और गांधी एकमात्र नेता हैं जो सच बोलने की हिम्मत रखते हैं. मुफ्ती ने कहा, 'आप राहुल गांधी का कितना भी मजाक उड़ाएं, लेकिन वह एकमात्र नेता हैं जो सच बोलने की हिम्मत रखते हैं. यह तथ्य है कि नया भारत चुनिंदा लोगों और साठगांठ रखने वाले पूंजीपतियों की गिरफ्त में है. मौजूदा तानाशाही शासन के खिलाफ खड़े रहने के लिये इतिहास उनको याद रखेगा.'
मेरी बात याद रखना, तीनों कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर होगी सरकार: राहुल गांधीजम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने एक और ट्वीट किया कि केन्द्र सरकार ने अपनी 'पालतू एजेंसी' राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं किसान यूनियन के 'पीछे' लगा दिया. उन्होंने लिखा, 'भारत सरकार की पालतू एजेंसी अब किसान यूनियनों के पीछे पड़ी है. भारत की शीर्ष आतंकवाद जांच एजेंसी के पाखंड को कश्मीरियों, किसान और असहमति रखने वालों को फंसाने के उसके ढंग से समझा जा सकता है.'
राहुल गांधी ने भी सरकार पर लगाए थे आरोप
बीते गुरुवार को राहुल गांधी तमिलनाडु पहुंचे थे. यहां उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए थे. राहुल गांधी ने आरोप लगाए थे कि सरकार कुछ लोगों की मदद करने के लिए किसानों के खिलाफ साजिश कर रही है. उन्होंने कहा, 'सरकार उन्हें केवल नकार नहीं रही है, बल्कि 2-3 दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए उन्हें बर्बाद करने की साजिश कर रही है. वे किसानों की चीजों को अपने 2-3 दोस्तों को देना चाहते हैं. यही है, जो हो रहा है.' उन्होंने कहा, 'जो सामने हो रहा है उसे समझने के लिए नजरअंदाज शब्द भी काफी कमजोर है.'
उन्होंने कहा, 'जब कोरोना आया, तो आप आम आदमी की मदद नहीं कर रहे थे. आप किसके प्रधानमंत्री हैं? क्या आप भारत की जनता के प्रधानमंत्री हैं या 2-3 चुने हुए कारोबारियों के.' पीडीपी प्रमुख ने भी गांधी के सुर में सुर मिलाए हैं. उन्होंने कहा है कि नया भारत चुनिंदा लोगों और साठगांठ रखने वाले पूंजीपतियों की गिरफ्त में है.
(भाषा इनपुट के साथ)