गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब तक राज्यों को 5 हजार से अधिक फॉरेंसिक सेवाएं प्रदान की गई हैं. (फोटो-@HMOIndia)
नई दिल्ली. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को 2020 में लॉन्च ‘इंडियन साइबर क्राइम कार्डिनेशन सेंटर (I4C)’ के कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने बताया कि अब तक 13 करोड़ से अधिक बार इस यूनिट का उपयोग किया गया है, जो इसकी विश्वसनीयता और उपयोगिता को बताता है. समीक्षा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गृह मंत्रालय साइबर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने के लिए व्यापक, एकीकृत और सभी प्रयास कर रहा है.
उन्होंने इस यूनिट को हर महीने देश में साइबर जागरुकता दिवस का आयोजन करने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि I4C इस पहल में सक्रिय और महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और साइबर स्वच्छता को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए देश के सभी राज्यों तक पहुंच बना रहा है.
गृहमंत्री ने ‘मीडिया’ से साइबर अपराध के खतरे को रोकने के लिए की गई सभी पहलों के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ हाथ मिलाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि देश के 99.99 प्रतिशत पुलिस स्टेशन CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) से जुड़ चुके हैं और वे अब 100 प्रतिशत एफआईआर (FIR) सीधे सीसीटीएनएस पर दर्ज कर रहे हैं. अब तक मिली जानकारी के आधार पर 40 हजार से अधिक एफ़आईआर दर्ज हो चुके हैं. शाह ने NAFIS ऐप का भी उल्लेख किया, जिसमें 1 करोड़ से अधिक फिंगर प्रिंट का डेटाबेस है, जिसका कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है.
NAFIS और CCTNS भी है खास
गृहमंत्री ने बताया कि CCTNS पर नागरिकों से 12.82 करोड़ से अधिक सेवा अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 12.35 करोड़ अनुरोधों का राज्य पुलिस द्वारा निपटान किया गया है, वहीं इस पर अबतक 28.98 करोड़ पुलिस रिकॉर्ड दर्ज किए गए हैं. NAFIS (नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर-प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) पर 1,05,80,266 रिकॉर्ड फिंगर प्रिंट का डेटाबेस दर्ज किया गया है.
साइबर वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के लिए ‘1930’ हेल्पलाइन नंबर जारी किये गए हैं, जिनसे तुरंत ही कार्ड ब्लॉक सहित अन्य सुविधाएं पाई जा सकती हैं. इसके अलावा 250 से अधिक बैंक और वित्तीय मध्यस्थ ऑनबोर्ड हो चुके हैं और इसके माध्यम अब तक 1.33 लाख से अधिक लोगों से साइबर अपराधियों द्वारा गबन किए गए 235 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हुई है.
पुलिस अधिकारियों को दी जा रही है ट्रेनिंग
गृहमंत्री ने आगे बताया, National Cyber Forensic Laboratory (Investigation) के माध्यम से, अभी तक, राज्यों को 5 हजार से अधिक फॉरेंसिक सेवाएं प्रदान की गई हैं. उन्होंने बताया कि अब तक 30 हजार पुलिस कर्मियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर अपराध जागरुकता, जांच, फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षण दिया गया है. ‘साइट्रेन’ नामक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOC) पर अब तक 31000 से अधिक पुलिस रजिस्टर्ड हैं और 8000 से अधिक को प्रमाण-पत्र भी जारी किए गए हैं.
महत्वपूर्ण साइबर क्राइम संस्थाएं
गृहमंत्री ने 10 जनवरी 2020 में I4C की स्थापना की थी, जिसके तहत 7 अन्य संस्थाओं/प्लैटफॉर्म्स को भी लंच किया गया था है:
Cri-MAC (क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर)
गृहमंत्री ने Cri-MAC (क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर) को 12 मार्च 2020 को हरी झंडी दी थी. इसकी सुविधा सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पुलिस स्टेशनों और उच्च कार्यालयों में जघन्य अपराध और अन्य मामलों को लेकर समन्वय स्थापित करने के लिए शुरू की गई है. इसका उपयोग email और SMS के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अपराध और अंतर-राज्यीय अपराधियों के बारे में अलर्ट/सूचना फैलाने के लिए किया जाता है. लॉन्च के बाद से, Cri-MAC पर 6.39 लाख लॉगिन हो चुके हैं और अब तक 9.28 लाख अलर्ट जेनरेट किए जा चुके हैं.
गृहमंत्री अमित शाह की अन्य पहल
साइबर क्राइम रोकने के लिए गृहमंत्री अमित शाह की अन्य पहल इस प्रकार हैं- i) हैदराबाद में राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला, ii) 28 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में साइबर फोरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं iii) ‘साइबर दोस्त’ iv) 7 जॉइंट साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन टीम (JCCT) का गठन (मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापत्तनम और गुवाहाटी) में, v) फॉरेंसिक विश्लेषण सहायता हेतु एक अत्याधुनिक राष्ट्रीय साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला (अन्वेषण), vi) ’साइबर हाइजीन’ के लिए केंद्रीय मंत्रालयों और प्रदेश प्रशासन द्वारा ‘वार्षिक कार्य योजना’ vii) प्रत्येक माह के पहले बुधवार ‘साइबर जागरूकता दिवस
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Tags: Amit shah, Cyber Crime, Cyber Security
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