कोविड-19 का हल्का करने के लिये दवा दे सकते हैं लेकिन उपचार का दावा नहीं कर सकते होम्यापैथी चिकित्सक: SC

अदालत ने कहा होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को यह प्रचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वे कोविड-19 बीमारी का इलाज करने में सक्षम हैं (सांकेतिक तस्वीर)
Covid-19: शीर्ष अदालत ने कहा कि होम्यापैथी चिकित्सकों को आयुष मंत्रालय द्वारा छह मार्च को जारी परामर्श और कोविड-19 के बारे में आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा.
- भाषा
- Last Updated: December 15, 2020, 11:09 PM IST
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि होम्यापैथी पद्धति (Homeopathy) के चिकित्सक कोविड-19 (Covid-19) का प्रभाव कम करने और रोग प्रतिरोध (Immunity) के लिये मरीजों को दवा दे सकते हैं लेकिन सिर्फ संस्थागत योग्यता प्राप्त चिकित्सक ही ये दवायें लिखेंगे. शीर्ष अदालत ने कहा कि जब कानूनी विनियम ही विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाते हैं तो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को यह प्रचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वे कोविड-19 बीमारी का इलाज करने में सक्षम हैं.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि होम्योपैथी के बारे में है कि इसका उपयोग कोविड-19 की रोकथाम और इसे हल्का करने के लिये किया जायेगा और यही आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) के परामर्श और दिशा निर्देशों से पता चलता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि होम्यापैथी चिकित्सकों को आयुष मंत्रालय द्वारा छह मार्च को जारी परामर्श और कोविड-19 के बारे में आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा.
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पीठ ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय (Kerala Highcourt) ने 21 अगस्त के अपने फैसले में छह मार्च के दिशा निर्देशों को पूरी तरह से नहीं समझा और दिशानिर्देशों पर सीमित दृष्टिकोण अपनाते हुये होम्योपैथी चिकित्सकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के बारे में टिप्पणी की जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता.बता दें भारत में करीब पांच महीने बाद कोविड-19 के 23 हजार से कम नए मामले सामने आए. वहीं मरीजों के ठीक होने की दर भी 95 प्रतिशत से अधिक हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 161 दिनों बाद 22,065 नए मामले सामने आए. इससे पहले सात जुलाई को 22,252 नए मामले सामने आए थे.
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आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 के 22,065 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 99,06,165 हो गए. वहीं 354 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,43,709 हो गई. आंकड़ों के अनुसार कुल 94,22,636 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 95.12 प्रतिशत हो गई. वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि होम्योपैथी के बारे में है कि इसका उपयोग कोविड-19 की रोकथाम और इसे हल्का करने के लिये किया जायेगा और यही आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) के परामर्श और दिशा निर्देशों से पता चलता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि होम्यापैथी चिकित्सकों को आयुष मंत्रालय द्वारा छह मार्च को जारी परामर्श और कोविड-19 के बारे में आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करना होगा.
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पीठ ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय (Kerala Highcourt) ने 21 अगस्त के अपने फैसले में छह मार्च के दिशा निर्देशों को पूरी तरह से नहीं समझा और दिशानिर्देशों पर सीमित दृष्टिकोण अपनाते हुये होम्योपैथी चिकित्सकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के बारे में टिप्पणी की जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता.बता दें भारत में करीब पांच महीने बाद कोविड-19 के 23 हजार से कम नए मामले सामने आए. वहीं मरीजों के ठीक होने की दर भी 95 प्रतिशत से अधिक हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 161 दिनों बाद 22,065 नए मामले सामने आए. इससे पहले सात जुलाई को 22,252 नए मामले सामने आए थे.
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आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 के 22,065 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 99,06,165 हो गए. वहीं 354 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,43,709 हो गई. आंकड़ों के अनुसार कुल 94,22,636 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 95.12 प्रतिशत हो गई. वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है.