सुप्रीम कोर्ट में तय होगा सबरीमाला में हर दिन कितने श्रद्धालु कर सकेंगे एंट्री

सबरीमाला का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट.
केरल सरकार (Kerala Government) ने कहा कि कोविड-19 (Coronavirus) के मद्देनजर इससे पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य अधिकारियों पर काफी दबाव बढ़ेगा. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से तत्काल केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है.
- News18Hindi
- Last Updated: December 24, 2020, 3:41 PM IST
नई दिल्ली. केरल सरकार (Kerala Government) ने केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है, जिसमें उसने राज्य सरकार को सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में प्रति दिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाकर पांच हजार करने का निर्देश दिया था. केरल सरकार ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर इससे पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य अधिकारियों पर काफी दबाव बढ़ेगा.
केरल उच्च न्यायालय के 18 दिसंबर के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका में राज्य सरकार ने कहा कि राज्य ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने आम दिनों में दो हजार और सप्ताहांत में तीन हजार लोगों को दर्शन करने की अनुमति देने का फैसला किया. उसने कहा कि इस साल 20 दिसंबर से अगले साल 14 जनवरी के बीच सबरीमाला मंदिर उत्सव के दौरान कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए राज्य ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया और हर दिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय करने के लिए हर पहलू पर विचार किया.

उसने कहा कि 14 दिसंबर को हुई बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संशोधित स्वास्थ्य परामर्श पर दायर रिपोर्ट पर गौर किया गया और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाकर आम दिनों में दो हजार और सप्ताहांत में तीन हजार की गई. वकील जी. प्रकाश द्वारा दायर की गई याचिका में राज्य सरकार ने कहा, उच्च न्यायालय ने कुछ प्रतिवादियों द्वारा दायर रिट याचिकाओं का निस्तारण किया, जिसमें सरकार को प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाकर पांच हजार करने का निर्देश दिया गया. उच्च न्यायालय ने किसी भी रिपोर्ट या दस्तावेजों पर उचित तरीके से गौर किए बिना यह फैसला किया. सबरीमाला में कोविड-19 से प्रभावित पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य अधिकारियों और श्रद्धालुओं की संख्या पहले से ही अधिक है.इसे भी पढ़ें :- सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश करने वाली रेहाना को BSNL ने दिया अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश
उसने कहा कि मंदिर में प्रवेश पुलिस द्वारा प्रबंधित एक आभासी कतार (वर्चुअल क्यू) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं की कोविड-19 जांच भी की जाती है. उसने कहा, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने से पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर दबाव बढ़ेगा और इससे श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में भी परेशानी आएगी.
इसे भी पढ़ें : आप घर बैठे ऐसे मंगा सकते हैं सबरीमाला का 'स्वामी प्रसादम', अब तक आ चुके हैं 9 हज़ार ऑर्डर
याचिका में केरल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की हुई मांग
याचिका में कहा गया, मीडिया में इस तरह की खबरें भी आ रही हैं कि इंग्लैंड में कोविड-19 के एक नए प्रकार (स्ट्रेन) का पता चला है और भारत सरकार ने इंग्लैंड से आने-जाने वाली विमान सेवाएं भी निलंबित कर दी है. यही स्थिति केरल सरकार की भी है, जो सबरीमाला मंदिर उत्सव के दौरान कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इस आदेश में तत्काल इस अदालत का हस्तक्षेप चाहती है. अंतरिम राहत के रूप में याचिका में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है.
केरल उच्च न्यायालय के 18 दिसंबर के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका में राज्य सरकार ने कहा कि राज्य ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने आम दिनों में दो हजार और सप्ताहांत में तीन हजार लोगों को दर्शन करने की अनुमति देने का फैसला किया. उसने कहा कि इस साल 20 दिसंबर से अगले साल 14 जनवरी के बीच सबरीमाला मंदिर उत्सव के दौरान कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए राज्य ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया और हर दिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय करने के लिए हर पहलू पर विचार किया.
उसने कहा कि 14 दिसंबर को हुई बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संशोधित स्वास्थ्य परामर्श पर दायर रिपोर्ट पर गौर किया गया और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाकर आम दिनों में दो हजार और सप्ताहांत में तीन हजार की गई. वकील जी. प्रकाश द्वारा दायर की गई याचिका में राज्य सरकार ने कहा, उच्च न्यायालय ने कुछ प्रतिवादियों द्वारा दायर रिट याचिकाओं का निस्तारण किया, जिसमें सरकार को प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाकर पांच हजार करने का निर्देश दिया गया. उच्च न्यायालय ने किसी भी रिपोर्ट या दस्तावेजों पर उचित तरीके से गौर किए बिना यह फैसला किया. सबरीमाला में कोविड-19 से प्रभावित पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य अधिकारियों और श्रद्धालुओं की संख्या पहले से ही अधिक है.इसे भी पढ़ें :- सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की कोशिश करने वाली रेहाना को BSNL ने दिया अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश
उसने कहा कि मंदिर में प्रवेश पुलिस द्वारा प्रबंधित एक आभासी कतार (वर्चुअल क्यू) द्वारा नियंत्रित किया जाता है और मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं की कोविड-19 जांच भी की जाती है. उसने कहा, श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने से पुलिस कर्मियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर दबाव बढ़ेगा और इससे श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में भी परेशानी आएगी.
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याचिका में केरल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की हुई मांग
याचिका में कहा गया, मीडिया में इस तरह की खबरें भी आ रही हैं कि इंग्लैंड में कोविड-19 के एक नए प्रकार (स्ट्रेन) का पता चला है और भारत सरकार ने इंग्लैंड से आने-जाने वाली विमान सेवाएं भी निलंबित कर दी है. यही स्थिति केरल सरकार की भी है, जो सबरीमाला मंदिर उत्सव के दौरान कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए इस आदेश में तत्काल इस अदालत का हस्तक्षेप चाहती है. अंतरिम राहत के रूप में याचिका में उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है.