सुप्रीम कोर्ट में 15 मार्च से शुरू होगी ‘हाइब्रिड’ भौतिक सुनवाई, जारी की गई SOP

‘हाइब्रिड’ भौतिक सुनवाई 15 मार्च, 2021 से शुरू होगी(फाइल फोटो)
Hybrid Physical Hearing in Supreme Court: उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है, ‘‘प्रायोगिक आधार पर, और एक पायलट योजना के रूप में, मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई व नियमित मामलों को ‘हाइब्रिड’ तरीके से सुना जा सकता है
- भाषा
- Last Updated: March 6, 2021, 4:55 PM IST
नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) में 15 मार्च से ‘हाइब्रिड’ भौतिक सुनवाई (Hybrid Physical Hearing) शुरू होगी. कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण न्यायालय में पिछले वर्ष मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई हो रही है. उच्चतम न्यायालय ने ‘हाइब्रिड’ भौतिक सुनवाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है. शीर्ष अदालत में पिछले वर्ष मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई होने के बीच कई बार निकायों तथा वकीलों की मांग रही है कि भौतिक सुनवाई तुरंत फिर से शुरू होनी चाहिए.
उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है, ‘‘प्रायोगिक आधार पर, और एक पायलट योजना के रूप में, मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई व नियमित मामलों को ‘हाइब्रिड’ तरीके से सुना जा सकता है. इसमें मामले के पक्षों की संख्या और अदालत कक्ष की क्षमता को ध्यान में रखा जाना चाहिए. सोमवार और शुक्रवार को सूचीबद्ध अन्य सभी मामलों को वीडियो / टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुना जाना जारी रहेगा.’’
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एसओपी में कही गई ये बातेंइसमें कहा गया है कि ‘हाइब्रिड’ भौतिक सुनवाई 15 मार्च, 2021 से शुरू होगी. इसके तहत विभिन्न पक्ष डिजिटल तरीके के साथ साथ भौतिक रूप से भी सुनवाई में शामिल हो सकते हैं.
एसओपी में कहा गया है कि अंतिम सुनवाई या नियमित मामलों में जहां पक्षों के लिए वकीलों की संख्या कोविड-19 मानदंडों के अनुसार अदालतों की औसत कार्य क्षमता से अधिक है तो इन्हें वीडियो या टेली-कॉफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जायेगा.
एसओपी में कहा गया है कि अदालत कक्ष की क्षमता को ध्यान में रखते हुए मामले की सुनवाई शुरू होने से 10 मिनट पहले मामले में पक्षकारों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

इसमें कहा गया कि एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) अंतिम सुनवाई या नियमित मामलों की साप्ताहिक सूची के प्रकाशन के अगले दिन 24 घंटे के भीतर या दोपहर एक बजे तक अदालत में भौतिक रूप से या वीडियो या टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने के लिए अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत कर सकते हैं.
(Disclaimer: यह खबर सीधे सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है. इसे News18Hindi टीम ने संपादित नहीं किया है.)
उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी एसओपी में कहा गया है, ‘‘प्रायोगिक आधार पर, और एक पायलट योजना के रूप में, मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई व नियमित मामलों को ‘हाइब्रिड’ तरीके से सुना जा सकता है. इसमें मामले के पक्षों की संख्या और अदालत कक्ष की क्षमता को ध्यान में रखा जाना चाहिए. सोमवार और शुक्रवार को सूचीबद्ध अन्य सभी मामलों को वीडियो / टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुना जाना जारी रहेगा.’’
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एसओपी में कहा गया है कि अंतिम सुनवाई या नियमित मामलों में जहां पक्षों के लिए वकीलों की संख्या कोविड-19 मानदंडों के अनुसार अदालतों की औसत कार्य क्षमता से अधिक है तो इन्हें वीडियो या टेली-कॉफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जायेगा.
एसओपी में कहा गया है कि अदालत कक्ष की क्षमता को ध्यान में रखते हुए मामले की सुनवाई शुरू होने से 10 मिनट पहले मामले में पक्षकारों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
इसमें कहा गया कि एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (एओआर) अंतिम सुनवाई या नियमित मामलों की साप्ताहिक सूची के प्रकाशन के अगले दिन 24 घंटे के भीतर या दोपहर एक बजे तक अदालत में भौतिक रूप से या वीडियो या टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पेश होने के लिए अपनी प्राथमिकताएं प्रस्तुत कर सकते हैं.
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