हैदराबाद की कंपनी ने 18 घंटे में बना दी 25.54 लेन-किमी की सड़क, रिकॉर्ड पर जमीं निगाहें

कंपनी का कहना है कि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में अपनी तरह की ये पहली उपलब्धि है. @nitin_gadkari
Solapur-Bijapur Highway: भारत सरकार ने सड़क निर्माण को मापने के लिए अप्रैल 2018 में लेन किलोमीटर का पैमाना अपनाया था. नए नियमों के तहत सड़क की हर लेन को मापकर निर्माण की दूरी तय की जाती है.
- News18Hindi
- Last Updated: February 28, 2021, 6:48 PM IST
नई दिल्ली. हैदराबाद की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी आईजेएम इंडिया (IJM India) ने शनिवार को कहा कि कंपनी ने 25.54 लेन-किमी की सड़क का निर्माण सिर्फ 17 घंटे 45 मिनट में पूरा करके रिकॉर्ड कायम कर दिया है. 25.54 लेन-किमी वास्तव में 12.77 किलोमीटर है, सड़क निर्माण का ये काम नेशनल हाइवे-13 पर सोलापुर-बीजापुर सेक्शन (Solapur-Bijapur Highway) में हुआ है, जोकि चार लेन का राष्ट्रीय राजमार्ग है. आईजेएम इंडिया, मलेशिया की आईजेएम कंस्ट्रक्शन बरहद की सब्सिडियरी कंपनी है. तकरीबन 18 घंटे में 12 किलोमीटर से ज्यादा सड़क निर्माण करने के बाद कंपनी को उम्मीद है कि उसका ये काम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बना लेगा. कंपनी का कहना है कि देश में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में अपनी तरह की ये पहली उपलब्धि है.

आईजेएम इंडिया के इस काम पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्वीट कर, कंपनी के काम की प्रशंसा की. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, "राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने हाल ही में सोलापुर-बीजापुर राजमार्ग पर 4-लेनिंग कार्य के अंतर्गत 25.54 किलोमीटर के सिंगल लेन डाबरीकरण कार्य को 18 घंटे में पूरा किया है, जिसे 'लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स' में दर्ज किया जाएगा. ठेकेदार कंपनी के 500 कर्मचारियों ने इसके लिए मेहनत की है. मैं उन कर्मचारियों सहित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, अधिकारी, ठेकेदार कंपनी के प्रतिनिधि और परियोजना अधिकारियों का अभिनंदन करता हूं."
आईजेएमआईआई के प्रोजेक्ट टीम लीडर एम. वेंकटेश्वर राव ने कहा कि सड़क निर्माण के बड़े काम को अंजाम देने में लॉजिस्टिकल और टेक्निकल चुनौतियां थीं, जिन्हें बखूबी निपटाते हुए 18 घंटे के भीतर रिकॉर्ड सड़क निर्माण के कार्य को पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि सभी मशीनों और वाहनों को एक जगह पर 18 घंटे के भीतर इकट्ठा करने में एक तरफ से 18,701 किमी का सफर तय किया गया, जोकि सबसे बड़ी चुनौती थी.

उन्होंने कहा कि 18,701 किमी की दूरी एक तरफ से 5 बार लद्दाख से कन्याकुमारी जाने के बराबर है. लद्दाख से कन्याकुमारी का सफर 3,810 किलोमीटर लंबा है, अगर आप नेशनल हाइवे 44 पर सफर कर रहे हों. नेशनल हाइवे 13 पर 110 किलोमीटर लंबे सोलापुर-बीजापुर सेक्शन पर फोरलेन के राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंपनी ने 12.77 किलोमीटर के दो लेन का निर्माण कार्य पूरा किया.

बता दें कि भारत सरकार ने सड़क निर्माण को मापने के लिए अप्रैल 2018 में लेन किलोमीटर का पैमाना अपनाया था. इससे पहले सड़क निर्माण में पूरी सड़क की दूरी को मापा जाता था. नए नियमों के तहत सड़क की हर लेन को मापकर निर्माण की दूरी तय की जाती है.

बता दें कि महाराष्ट्र में सोलापुर-बीजापुर राजमार्ग के 110 किमी का कार्य प्रगति पर है, जो अक्टूबर 2021 तक पूरा हो जाएगा.

@nitin_gadkari
आईजेएम इंडिया के इस काम पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी ट्वीट कर, कंपनी के काम की प्रशंसा की. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट कर लिखा, "राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने हाल ही में सोलापुर-बीजापुर राजमार्ग पर 4-लेनिंग कार्य के अंतर्गत 25.54 किलोमीटर के सिंगल लेन डाबरीकरण कार्य को 18 घंटे में पूरा किया है, जिसे 'लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स' में दर्ज किया जाएगा. ठेकेदार कंपनी के 500 कर्मचारियों ने इसके लिए मेहनत की है. मैं उन कर्मचारियों सहित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक, अधिकारी, ठेकेदार कंपनी के प्रतिनिधि और परियोजना अधिकारियों का अभिनंदन करता हूं."

@nitin_gadkari

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उन्होंने कहा कि 18,701 किमी की दूरी एक तरफ से 5 बार लद्दाख से कन्याकुमारी जाने के बराबर है. लद्दाख से कन्याकुमारी का सफर 3,810 किलोमीटर लंबा है, अगर आप नेशनल हाइवे 44 पर सफर कर रहे हों. नेशनल हाइवे 13 पर 110 किलोमीटर लंबे सोलापुर-बीजापुर सेक्शन पर फोरलेन के राष्ट्रीय राजमार्ग पर कंपनी ने 12.77 किलोमीटर के दो लेन का निर्माण कार्य पूरा किया.

@nitin_gadkari
बता दें कि भारत सरकार ने सड़क निर्माण को मापने के लिए अप्रैल 2018 में लेन किलोमीटर का पैमाना अपनाया था. इससे पहले सड़क निर्माण में पूरी सड़क की दूरी को मापा जाता था. नए नियमों के तहत सड़क की हर लेन को मापकर निर्माण की दूरी तय की जाती है.
बता दें कि महाराष्ट्र में सोलापुर-बीजापुर राजमार्ग के 110 किमी का कार्य प्रगति पर है, जो अक्टूबर 2021 तक पूरा हो जाएगा.