चंद्रयान-1 की तस्वीरों से चांद के बारे में पता चल रही दिलचस्प बातें.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने रविवार को कहा कि भारत (India) के पहले चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ ( Chandrayan -1) से भेजी गई तस्वीरों से पता चलता है कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग (Rust) लगी हो सकती है. चंद्रयान-1 को 2008 में प्रक्षेपित किया गया था.
अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री सिंह ने कहा, चंद्रमा पर इसरो के पहले मिशन से तस्वीरें भेजी गई हैं जो दर्शाती हैं कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग लगी हो सकती है. उन्होंने कहा, चंद्रमा की सतह पर लौह-युक्त चट्टानें होने की बात मानी जाती है और यहां पानी और ऑक्सीजन की मौजूदगी का पता नहीं चला है. जबकि जंग बनने के लिए लोहे का इन दो तत्वों के संपर्क में आना जरूरी है.
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एक बयान में कहा गया कि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि पृथ्वी का पर्यावरण इसमें योगदान दे रहा है, या दूसरे शब्दों में कहें तो इसका अर्थ हुआ कि पृथ्वी का पर्यावरण चंद्रमा की सुरक्षा भी कर सकता है. बयान के अनुसार, ‘चंद्रयान-1 के डेटा से संकेत मिलता है कि चंद्रमा के ध्रुवों पर पानी है, यही वैज्ञानिक समझने का प्रयास कर रहे हैं.’
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चंद्रयान-3 अगले साल हो सकता है लॉन्च
उधर भारत के चंद्रमा मिशन के तहत चंद्रयान-3 को 2021 की शुरूआत में प्रक्षेपित किये जाने की संभावना है. चंद्रयान-2 के विपरित इसमें ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा लेकिन इसमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा. पिछले साल सितंबर में चंद्रयान-2 की चंद्रमा की सतह पर ‘हार्ड लैंडिंग’ के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल के अंतिम महीनों के लिये एक अन्य अभियान की योजना बनाई थी.
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