मालाबार युद्धाभ्यास: समुद्र में 4 देशों की सेना ने चीन को दिखाया दम, एक साथ गरजे भारत-अमेरिका के लड़ाकू विमान

मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण 3 से 6 नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में आयोजित हुआ था.
Malabar Exercise: मालाबार युद्धाभ्यास मंगलवार को उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में शुरू हुआ था. इस युद्धाभ्यास में विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और अमेरिकी युद्धपोत निमित्ज कैरियर स्टाइक ग्रुप के साथ ऑस्ट्रेलियन और जापानी युद्धपोतों और सबमरीन ने हिस्सा लिया.
- News18Hindi
- Last Updated: November 20, 2020, 6:22 PM IST
नई दिल्ली. चार देशों के मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Exercise) के दूसरे चरण में शुक्रवार को MiG-29K और अमेरिकी नौसेना (US Navy) के F18 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी और सहयोगी देशों के साथ मिलकर युद्धाभ्यास में साझेदारी पूर्वक हमलों को अंजाम दिया तो सतह पर मौजूद टारगेट को भी भेदा. इस युद्धाभ्यास में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारतीय नौसेना (Indian Navy) भी हिस्सा ले रही है.
नाटकीय दृश्यों में MiG-29K को एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) पर लैंड करते हुए देखा जा सकता है. साथ ही लक्ष्य को अंजाम देने के बाद हाईस्पीड से लौटता एयरक्राफ्ट सफल लैंडिंग को अंजाम देता है. भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि MiG-29K और अमेरिकी नौसेना के एफ18 के साथ नौसेना के एयरक्राफ्ट P81 और अमेरिकी नौसेना के AEW (Airborne Early Warning) एयरक्राफ्ट और E2C हॉकआई ने शानदार तालमेल का उदाहरण पेश किया. मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Excercise) के दूसरे चरण के आखिरी दिन ये अभ्यास हुए. गुरुवार को लड़ाकू विमानों ने भारतीय युद्धपोत विक्रमादित्य और उसके समकक्ष अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस निमित्ज से उड़ान भरी.
ये भी पढ़ेंः मालाबार युद्धाभ्यास में भारत के साथ QUAD देश दिखाएंगे चीन को ताकत
दूसरे चरण का मालाबार युद्धाभ्यास मंगलवार को उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में शुरू हुआ था. इस युद्धाभ्यास में विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और अमेरिकी युद्धपोत निमित्ज (USS Nimitz) कैरियर स्टाइक ग्रुप के साथ ऑस्ट्रेलियन और जापानी युद्धपोतों और सबमरीन ने हिस्सा लिया.ये भी पढ़ेंः क्यों भारत के मालाबार नेवल ड्रिल पर सारी दुनिया की निगाह है?
बता दें कि मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण 3 से 6 नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में आयोजित हुआ था. चार देशों के इस सहयोग संगठन के बीच ये पहली बार था कि मालाबार युद्धाभ्यास में सभी साझेदार देशों ने हिस्सा लिया.

इस युद्धाभ्यास को हिंद-प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत के जवाब में देखा जाता है. मालाबार युद्धाभ्यास उस वक्त हो रहा है, जब लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 6 महीने से तनाव बना हुआ है.
नाटकीय दृश्यों में MiG-29K को एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) पर लैंड करते हुए देखा जा सकता है. साथ ही लक्ष्य को अंजाम देने के बाद हाईस्पीड से लौटता एयरक्राफ्ट सफल लैंडिंग को अंजाम देता है. भारतीय नौसेना (Indian Navy) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि MiG-29K और अमेरिकी नौसेना के एफ18 के साथ नौसेना के एयरक्राफ्ट P81 और अमेरिकी नौसेना के AEW (Airborne Early Warning) एयरक्राफ्ट और E2C हॉकआई ने शानदार तालमेल का उदाहरण पेश किया. मालाबार युद्धाभ्यास (Malabar Excercise) के दूसरे चरण के आखिरी दिन ये अभ्यास हुए. गुरुवार को लड़ाकू विमानों ने भारतीय युद्धपोत विक्रमादित्य और उसके समकक्ष अमेरिकी युद्धपोत यूएसएस निमित्ज से उड़ान भरी.
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दूसरे चरण का मालाबार युद्धाभ्यास मंगलवार को उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में शुरू हुआ था. इस युद्धाभ्यास में विक्रमादित्य कैरियर बैटल ग्रुप और अमेरिकी युद्धपोत निमित्ज (USS Nimitz) कैरियर स्टाइक ग्रुप के साथ ऑस्ट्रेलियन और जापानी युद्धपोतों और सबमरीन ने हिस्सा लिया.ये भी पढ़ेंः क्यों भारत के मालाबार नेवल ड्रिल पर सारी दुनिया की निगाह है?
Strengthening Friendship Across Oceans.#Malabar2020 Phase 2#BridgesofFriendship@Australian_Navy @IndianNavy@JMSDF_PAO @USNavy pic.twitter.com/ITW8MTsKgi
— SpokespersonNavy (@indiannavy) November 19, 2020
बता दें कि मालाबार युद्धाभ्यास का पहला चरण 3 से 6 नवंबर के बीच बंगाल की खाड़ी में आयोजित हुआ था. चार देशों के इस सहयोग संगठन के बीच ये पहली बार था कि मालाबार युद्धाभ्यास में सभी साझेदार देशों ने हिस्सा लिया.
इस युद्धाभ्यास को हिंद-प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताकत के जवाब में देखा जाता है. मालाबार युद्धाभ्यास उस वक्त हो रहा है, जब लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले 6 महीने से तनाव बना हुआ है.