राहुल गांधी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए
राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस के कैंपेन ने शुक्रवार को रफ्तार पकड़ी. यह पहली बार था जब विपक्षी पार्टियां जैसे तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया.
कांग्रेस सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि सीबीआई के कथित दुरुपयोग और इसके कामकाज में हस्तक्षेप को लेकर विपक्षी पार्टियों ने जिस तरह से उनका समर्थन किया उससे वे बेहद खुश हैं.
विपक्षी दलों ने अब तक बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस को महागठबंधन के नेता के रूप में स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई है. इसलिए अभी तक राफेल में कथित भ्रष्टाचार पर कांग्रेस के कैंपने से दूसरी पार्टियों ने दूरी बनाई हुई थी.
हालांकि, अब लगता है कि विपक्षी दलों में यह आम चिंता है कि सीबीआई का राजनीतिक उपकरण के तौर पर उनके खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है, जो उन्हें एकसाथ लाने की वजह बनी.
आखिरकार नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष के नेता के तौर पर खुद को प्रोजेक्ट करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रत्येक मंच- राजनीतिक रैली, संसद, सोशल मीडिया पर राफेल के मुद्दे को उठा रहे हैं.
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