बेंगलुरु: आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोप में बेंगलुरु स्थित एक फार्मा कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड के परिसरों की बुधवार को तलाशी ली. यह कंपनी ‘डोलो-650’ टैबलेट का उत्पादन करती है जिसका उपयोग गत दो वर्षों से ज्यादा समय से व्यापक स्तर पर कोविड-19 के मरीजों ने किया है.
अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने तलाशी के दौरान वित्तीय दस्तावेजों, बैलेंसशीट और वितरकों से संबंधित जानकारी एकत्र की. पीटीआई-भाषा ने कंपनी पर की गई कार्रवाई से संबंधित सवाल आयकर विभाग को भेजे हैं, जिसके जवाब का इंतजार किया जा रहा है.
अधिकारियों ने कहा कि कंपनी तथा उसके वितरकों के अन्य शहरों में स्थित ठिकानों को भी जांच के दायरे में लाया जा रहा है. कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि वह फार्मा के उत्पाद तथा ‘एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट’ बनाती है और देश में इसकी 17 उत्पादन इकाइयों के अलावा विदेश में भी कारोबार है. कंपनी के प्रमुख फार्मा उत्पादों में डोलो-650 दवा शामिल है जिसे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को दिया जाता है.
बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान इस कंपनी ने खूब कमाई की थी. साल 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से कंपनी ने डोलो-650 की 350 करोड़ टैबलेट की बिक्री की थी. सेल के मामले इस कंपनी ने बाकी कंपनियों को पीछे छोड़ दिया था और बिक्री का रिकॉर्ड बनाया था. बताया जा रहा है कि इस कंपनी ने एक साल में 400 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जुटाया था.
दरअसल कोरोना महामारी के समय जीवनरक्षक दवाओं, सैनिटाइजर और मास्क समेत अन्य मेडिकल सुविधाओं की जरूरत एकाएक बढ़ गई थी और कंपनियों को इन दवाओं व प्रॉडक्ट्स का रिकॉर्ड उत्पादन करना पड़ा था. इस समय में कई कंपनियों को दवाओं और अन्य मेडिकल प्रॉडक्ट्स से तगड़ा मुनाफा हुआ था. वहीं भारत ने कोरोना काल में कई जीवनरक्षक दवाओं और वैक्सीन का निर्यात किया था. जिससे गरीब देशों को विशेष राहत मिली थी.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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