ITBP द्वारा बनाई गई पीपीई किट और मास्क की बढ़ी देशभर में मांग

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आईटीबीपी (ITBP) के सप्लाई और सपोर्ट बटालियन, सबोली में 200 पीपीई और 500 मास्क प्रतिदिन बनाये जा रहे थे, जिसे दोगुना से ज्यादा किया जाने की योजना पर काम चल रहा है.
- News18Hindi
- Last Updated: April 17, 2020, 9:56 PM IST
आईटीबीपी (ITBP) द्वारा अपनी जरूरत और उपयोग के लिए बनाए गए पीपीई (PPE) और मास्क (Mask) की मांग अब देश के अलग-अलग राज्यों में बढ़ने लगी है. गुजरात, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के अलग-अलग संगठनों ने इनकी मांग की है. इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिए भी कई लोग आईटीबीपी से इसकी मांग कर रहे हैं.
शुरुआत में इन पीपीई और मास्क का निर्माण ITBP ने स्वयं अपने स्वास्थ्य कर्मियों और केन्द्रों और अन्य आवश्यकताओं के लिए किया था. किन्तु बेहतर गुणवत्ता और कम दरों के कारण इनकी मांग देश के कई इलाकों में बहुत बढ़ गई है. अब आईटीबीपी विचार कर रही है कि प्रत्येक दिन की निर्माण क्षमता में बढ़ोत्तरी करके इसे दोगुना कर दिया जाये.
अब तक रोजाना बनाए जा रहे थे 500 मास्क
अभी तक आईटीबीपी के सप्लाई और सपोर्ट बटालियन, सबोली में 200 पीपीई और 500 मास्क प्रतिदिन बनाये जा रहे थे जिसे दोगुना से ज्यादा किया जाने की योजना पर काम चल रहा है.बल के परिवारों के संगठन- हिमवीर वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (हावा) ने भी पीपीई और मास्क के निर्माण में योगदान किया है और बल परिवारों की महिलाओं ने अपने घरों से ही सैकड़ों मास्क बनाने का काम ज़ारी रखा है. अब तक ये लोग 1,000 मास्क बना चुकी हैं.
शुरुआत में इन पीपीई और मास्क का निर्माण ITBP ने स्वयं अपने स्वास्थ्य कर्मियों और केन्द्रों और अन्य आवश्यकताओं के लिए किया था. किन्तु बेहतर गुणवत्ता और कम दरों के कारण इनकी मांग देश के कई इलाकों में बहुत बढ़ गई है. अब आईटीबीपी विचार कर रही है कि प्रत्येक दिन की निर्माण क्षमता में बढ़ोत्तरी करके इसे दोगुना कर दिया जाये.
अब तक रोजाना बनाए जा रहे थे 500 मास्क
अभी तक आईटीबीपी के सप्लाई और सपोर्ट बटालियन, सबोली में 200 पीपीई और 500 मास्क प्रतिदिन बनाये जा रहे थे जिसे दोगुना से ज्यादा किया जाने की योजना पर काम चल रहा है.बल के परिवारों के संगठन- हिमवीर वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (हावा) ने भी पीपीई और मास्क के निर्माण में योगदान किया है और बल परिवारों की महिलाओं ने अपने घरों से ही सैकड़ों मास्क बनाने का काम ज़ारी रखा है. अब तक ये लोग 1,000 मास्क बना चुकी हैं.